"रेप करने में असफल रहा तो चेहरे पर पेशाब किया": बाराबंकी में दलित महिला का आरोप

Written by sabrang india | Published on: June 16, 2025
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक दलित महिला ने स्थानीय युवक पर घर में घुसकर यौन हमले की कोशिश और जातिगत अपमान का गंभीर आरोप लगाया है।   


साभार : इंडियान एक्सप्रेस

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 10 जून को एक दलित महिला के साथ उसके ही घर में एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा गंभीर दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसके साथ यौन हिंसा करने की कोशिश की, और असफल रहने पर उसके साथ अपमानजनक और जातिगत व्यवहार किया।

महिला के अनुसार, आरोपी की पहचान अभिनव वर्मा के रूप में हुई है, जो उसी गांव का निवासी है। यह घटना शाम लगभग 6 से 7 बजे के बीच की है, जब महिला घर पर अकेली थी। उसका पति सूरत में काम करता है और घटना के समय ससुराल पक्ष के सदस्य भी घर पर नहीं थे।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा, "वह जबरदस्ती घर में घुस आया और गलत तरीके से छूने लगा। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मेरे मुंह पर हाथ रखने और मेरे कपड़े फाड़ने की कोशिश की।"

महिला ने बताया कि जब उसने बचने की कोशिश की तो आरोपी ने उसके दो महीने के बच्चे को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, जिससे उसे चोट भी आई।

पीड़िता ने बताया कि जब आरोपी अपनी मंशा में सफल नहीं हो पाया, तो उसने उसे अपमानित किया, जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी देकर भाग गया।

इसके बाद महिला ने यह बात अपने ससुराल वालों को बताई और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर डर है।

बाराबंकी के थाना प्रभारी अंकित त्रिपाठी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

यह घटना न केवल महिला सुरक्षा पर, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित समुदायों की महिलाओं की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

एक स्थानीय दलित अधिकार कार्यकर्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह सिर्फ एक महिला पर हमला नहीं है, बल्कि उसकी गरिमा और उसकी जाति पर भी सीधा प्रहार है। हम मांग करते हैं कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।"

संबंधित मामलों की पृष्ठभूमि

यह घटना कोई अकेला मामला नहीं है। हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश में दलित लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ कई गंभीर अपराध सामने आए हैं।

फतेहपुर में एक नाबालिग दलित छात्रा को कथित रूप से अगवा कर तीन दिन तक शारीरिक प्रताड़ना दी गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

इसी तरह, 17 मई को पुलिस ने बताया कि एक 14 वर्षीय दलित छात्रा के साथ तीन युवकों ने कथित रूप से यौन हिंसा की, जब वह स्कूल जा रही थी। एक आरोपी नाबालिग था। उसे कार में जबरदस्ती बैठाकर सुनसान जगह ले जाया गया, जहां घटना को अंजाम दिया गया।

मां की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता, पोक्सो अधिनियम और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

एक और मामला मुरादाबाद में सामने आया जहां एक 12 वर्षीय दलित छात्रा को नशीला पदार्थ देकर स्कूल के भीतर ही कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिससे पीड़िता और उसके परिवार को और अधिक मानसिक आघात पहुंचा।

मार्च 2025 में मुरादाबाद के ही एक और मामले में, एक 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर अपहरण के बाद सामूहिक यौन हिंसा की गई और उसे जबरदस्ती प्रताड़ित किया गया। पीड़िता के हाथ पर बने 'ओम' टैटू को तेजाब से जलाने और मांस खाने के लिए मजबूर करने का आरोप भी लगाया गया।

Related

यूपी: अनुसूचित जाति के शोधार्थी को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में बीजेपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश: बीएचयू अस्पताल के दो प्रोफेसरों पर दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज, वेटर ने कोर्ट में दाखिल की थी याचिका

यूपी: दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर 3 दिन तक गैंगरेप, अस्पताल में दर्द से मौत

बाकी ख़बरें