8वीं क्लास में पढ़ने वाली दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर 3 दिन तक गैंगरेप किया गया, फिर उसे अस्पताल में छोड़ दिया गया जहां उसकी दर्द से मौत हो गई। परिवार का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो लड़की की जान नहीं जाती।

यूपी के फतेहपुर में 8वीं क्लास में पढ़ने वाली दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर 3 दिन तक गैंगरेप किया गया, फिर उसे अस्पताल में छोड़ दिया गया जहां उसकी दर्द से मौत हो गई। परिवार का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो लड़की की जान नहीं जाती।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर खबर वायरल होने के बाद फतेहपुर पुलिस ने एक्स पर लिखा, "प्रकरण में थाना हथगांव पर प्राप्त तहरीरी सूचना के आधार पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है।"

वहीं एक यूजर ने इस घटना के मामले में पुलिस को लिखा, “जल्द से जल्द मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों के खिलाफ़ उचित कार्यवाही कीजिए साथ ही दलित पीड़ित परिवार वालों को न्याय दीजिए।"
ज्ञात हो कि दलितों के साथ बर्बरता थम नहीं रहा है। बीते महीने पुलिस ने 17 मई को बताया था कि 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ एक नाबालिग समेत तीन युवकों ने कथित तौर पर उस समय बलात्कार किया, जब वह स्कूल जा रही थी।
पुलिस के अनुसार, घटना 16 मई की सुबह हुई, जब दसवीं कक्षा की छात्रा पीड़िता स्कूल जा रही थी। कार में बैठे 15 वर्षीय आरोपी ने उससे मुलाकात की और उसे स्कूल छोड़ने के बहाने वाहन में बैठा लिया।
हालांकि, इसके बाद वे उसे इधर-उधर घुमाते रहे और बीच रास्ते में दो अन्य आरोपी प्रदीप (18) और सौरभ (18) वाहन में सवार हो गए और उसे एक कमरे में ले गए, जहां उन्होंने उसे बांध दिया और उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया।
जब उसे करीब एक घंटे बाद होश आया, तो आरोपी भाग चुके थे। फिर उसने मदद के लिए पुकारा। बलात्कार पीड़िता ने सबसे पहले अपनी चाची को घटना के बारे में बताया, जिन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी दी।
मां की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 70(1) (सामूहिक बलात्कार) और 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), पोक्सो अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
बता दें कि पिछले महीने ही यूपी के मुरादाबाद में एक चौंकाने वाली घटना में 12 से 15 वर्ष की उम्र के पांच स्कूली लड़कों ने एक 12 वर्षीय दलित लड़की को नशीला पदार्थ देकर स्कूल प्रिंसिपल के कार्यालय के अंदर उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। अपराधियों द्वारा वीडियो बनाया गया और इसे ऑनलाइन वायरल कर दिया गया, जिसके बाद लड़की की मां ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
वहीं इसी साल मार्च महीने में यूपी के मुरादाबाद में 14 वर्षीय दलित लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ बार-बार सामूहिक बलात्कार किया गया। भगतपुर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) संजय कुमार पंचाल ने मीडिया को बताया था कि लड़की के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, लड़की को बंधक बनाए रखने के दौरान "आरोपियों ने कथित तौर पर उसके हाथ पर बने 'ओम' टैटू को तेजाब से जला दिया, उसे जबरन मांस खिलाया और उसे और ज्यादा प्रताड़ित किया।"

यूपी के फतेहपुर में 8वीं क्लास में पढ़ने वाली दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर 3 दिन तक गैंगरेप किया गया, फिर उसे अस्पताल में छोड़ दिया गया जहां उसकी दर्द से मौत हो गई। परिवार का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो लड़की की जान नहीं जाती।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर खबर वायरल होने के बाद फतेहपुर पुलिस ने एक्स पर लिखा, "प्रकरण में थाना हथगांव पर प्राप्त तहरीरी सूचना के आधार पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है।"

वहीं एक यूजर ने इस घटना के मामले में पुलिस को लिखा, “जल्द से जल्द मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों के खिलाफ़ उचित कार्यवाही कीजिए साथ ही दलित पीड़ित परिवार वालों को न्याय दीजिए।"
ज्ञात हो कि दलितों के साथ बर्बरता थम नहीं रहा है। बीते महीने पुलिस ने 17 मई को बताया था कि 14 वर्षीय दलित लड़की के साथ एक नाबालिग समेत तीन युवकों ने कथित तौर पर उस समय बलात्कार किया, जब वह स्कूल जा रही थी।
पुलिस के अनुसार, घटना 16 मई की सुबह हुई, जब दसवीं कक्षा की छात्रा पीड़िता स्कूल जा रही थी। कार में बैठे 15 वर्षीय आरोपी ने उससे मुलाकात की और उसे स्कूल छोड़ने के बहाने वाहन में बैठा लिया।
हालांकि, इसके बाद वे उसे इधर-उधर घुमाते रहे और बीच रास्ते में दो अन्य आरोपी प्रदीप (18) और सौरभ (18) वाहन में सवार हो गए और उसे एक कमरे में ले गए, जहां उन्होंने उसे बांध दिया और उसका मुंह बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया।
जब उसे करीब एक घंटे बाद होश आया, तो आरोपी भाग चुके थे। फिर उसने मदद के लिए पुकारा। बलात्कार पीड़िता ने सबसे पहले अपनी चाची को घटना के बारे में बताया, जिन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी दी।
मां की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 70(1) (सामूहिक बलात्कार) और 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), पोक्सो अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
बता दें कि पिछले महीने ही यूपी के मुरादाबाद में एक चौंकाने वाली घटना में 12 से 15 वर्ष की उम्र के पांच स्कूली लड़कों ने एक 12 वर्षीय दलित लड़की को नशीला पदार्थ देकर स्कूल प्रिंसिपल के कार्यालय के अंदर उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। अपराधियों द्वारा वीडियो बनाया गया और इसे ऑनलाइन वायरल कर दिया गया, जिसके बाद लड़की की मां ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
वहीं इसी साल मार्च महीने में यूपी के मुरादाबाद में 14 वर्षीय दलित लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ बार-बार सामूहिक बलात्कार किया गया। भगतपुर थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) संजय कुमार पंचाल ने मीडिया को बताया था कि लड़की के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, लड़की को बंधक बनाए रखने के दौरान "आरोपियों ने कथित तौर पर उसके हाथ पर बने 'ओम' टैटू को तेजाब से जला दिया, उसे जबरन मांस खिलाया और उसे और ज्यादा प्रताड़ित किया।"