ग्रामीण और शहरी इलाकों के लगभग सात बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पहुंच नहीं सके, जिसके कारण फॉर्म भरने आए लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

फाइल फोटो, साभार : द हिंदू
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रविवार को मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) फॉर्म भरने का अभियान चलाया गया। हालांकि, ग्रामीण और शहरी इलाकों के लगभग सात बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पहुंच नहीं सके, जिसके कारण फॉर्म भरने आए लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने एसआईआर फॉर्म भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रयास बढ़ा दिए हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि मतदाता अपने एसआईआर फॉर्म भरकर 30 नवंबर तक जमा कर दें। प्रशासन का लक्ष्य है कि 4 दिसंबर तक जिले के 31.53 लाख मतदाताओं के आवेदन फॉर्मों का डिजिटाइजेशन पूरा कर उन्हें चुनाव आयोग को भेज दिया जाए।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, अगर चार दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे तो दिक्कत आएगी। 3000 बीएलओ फॉर्म भरवाने में लगे हैं। पार्षद, ग्राम प्रधान और बीएलए की मदद ली जा रही है। शहर के भारद्वाजी टोला के वार्ड नंबर 72 आदमपुर में दोपहर 12 बजे तक बीएलओ का कोई पता नहीं था। यही हाल सेवापुरी ब्लॉक के उठरा गांव का रहा। यहां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय और राजकीय हाई स्कूल में ताला बंद मिला। मिर्जामुराद के किसान इंटर कॉलेज बूथ पर दोपहर 2:10 बजे सन्नाटा रहा। नरसड़ा यूथ में सुबह 11:20 बजे तक कोई बीएलओ नहीं पहुंच सका था।
लोहता क्षेत्र के सिरसा में दोपहर 1:30 बजे तक और कोटवां में 2:30 बजे तक बीएलओ नहीं पहुंच पाए। ढाफी दाफी में भी एक स्थान पर बीएलओ के नहीं आने की शिकायत मिली। इस स्थिति से नाराज क्षेत्र की रीता देवी ने कहा कि फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी निभाने वाले बीएलओ न तो समय पर पहुंच रहे हैं और न ही सही ढंग से बात कर रहे हैं। वहीं, चिरईगांव के सिरिस्ती निवासी रमेश यादव ने बताया कि 2003 से मतदाता सूची में कई नाम गायब हैं।
डीएम ने सुपरवाइजर और बीएलओ को चेताया
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को एसआईआर प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए कई मतदेय स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लापरवाही पाए जाने पर सुपरवाइजरों और बीएलओ को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर शेष मतदाताओं तक परिगणना प्रपत्र पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए और जिन मतदाताओं को फॉर्म दिए जा चुके हैं, उनका नियमित रूप से कलेक्शन भी कराया जाए।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने लिटिल फ्लावर स्कूल ककरमता, आदर्श बाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककरामत्ता और निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आदर्श बाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बूथ पर उपस्थित मतदाताओं से बातचीत कर फॉर्म भरने की प्रक्रिया समझाई और ऑनलाइन फीडिंग का कार्य भी परखा। इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को प्रपत्र वितरण, कलेक्शन और डिजिटाइजेशन की प्रगति की जानकारी भी ली।
डीएम की अपील : प्रपत्रों के वितरण में पार्षद सहयोग करें
डीएम ने संबंधित क्षेत्र के पार्षद से भी गणना प्रपत्रों के वितरण में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने मौके पर मौजूद शिक्षकों, सुपरवाइजरों और बीएलओ को 2003 तथा 2025 की मतदाता सूची का मिलान करने, क्रम संख्या और भाग संख्या की उपयोगिता मैपिंग की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक करें सहयोग
नागरिक सुरक्षा सभागार, चेतगंज में नागरिक सुरक्षा के वार्डन और स्वयंसेवकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान एडीएम ने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे बीएलओ को एसआईआर फॉर्म भरवाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल कराने तथा त्रुटिरहित और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करने में सभी की भागीदारी आवश्यक है। बैठक में बीफ वार्डन विनोद गुप्ता, पोत्रो सुंदर शास्त्री, कन्हैयालाल, संजय राय, मंगला प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
बीएलओ का इस्तीफा
एसआईआर प्रक्रिया के बीच एक महिला सहायक अध्यापिका द्वारा बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के पद से इस्तीफा देने का मामला सामने आया है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, सेक्टर-94 स्थित गेझा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापिका पिंकी सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में स्पष्ट लिखा है कि वह शिक्षण और बीएलओ दोनों जिम्मेदारियां एक साथ निभाने में सक्षम नहीं हैं। पिंकी का इस्तीफा पत्र भी वायरल हो रहा है।
पिंकी ने इस्तीफे में लिखा, “मैं यूपीएस गेझा उच्च प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका हूं। मेरा बीएलओ पार्ट नंबर 206 रॉलवुड स्कूल है। मेरी भाग संख्या में 1179 मतदाता हैं। ऑनलाइन मैंने 215 फीड कर दिए हैं। मैं अब अपने जॉब से इस्तीफा दे रही हूं क्योंकि अब मुझसे यह कार्य नहीं होगा। कृपया आप मुझे निर्देशित करें कि मैं अपना सामान (निर्वाचन सामग्री) किसे दूं।”
BLO की कथित मौत व आत्महत्या
बताया जाता है कि हाल ही में कथित तौर पर काम के दबाव में कई BLO की मौत और आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। गुजरात के वडोदरा स्थित एक स्कूल में शनिवार 22 नवंबर को ड्यूटी पर तैनात एक महिला बीएलओ सहायक की अचानक गिरने से मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बढ़ते कार्यभार और दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में चार दिनों में यह बीएलओ कर्मचारियों की चौथी मौत है। इससे पहले दो बीएलओ कर्मचारियों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुई थी, जबकि एक कर्मचारी की कथित तौर पर काम के दबाव के कारण आत्महत्या की खबर सामने आई थी।
गुजरात का यह ताज़ा मामला वडोदरा के कड़क बाजार स्थित प्रताप स्कूल का है, जहां ड्यूटी के दौरान बीएलओ सहायक उषाबेन इंद्रसिंह सोलंकी अचानक गिर पड़ीं और उनकी मौत हो गई। कुछ ही मिनटों में हुई इस घटना ने एक बार फिर एसआईआर प्रक्रिया और उससे जुड़े बढ़ते कार्यभार के पैटर्न पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि गोरवा महिला आईटीआई में कार्यरत उषाबेन को स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद बीएलओ ड्यूटी पर भेजा गया था। उषाबेन के पति, इंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि परिवार ने पहले ही अधिकारियों को उनकी हालत के बारे में अवगत करा दिया था।
उन्होंने बताया, “मेरी पत्नी की तबीयत पहले से ठीक नहीं थी। हम सुभानपुरा के पीडब्ल्यू क्वार्टर में रहते हैं और वह गोरवा आईटीआई में कार्यरत थीं। हमने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि उन्हें बीएलओ ड्यूटी से मुक्त रखा जाए, लेकिन हमारी अपील के बावजूद उन्हें ड्यूटी पर भेज दिया गया।”
क्षेत्रीय कार्य के दौरान अपने पर्यवेक्षक का इंतजार करते हुए उषाबेन अचानक बेहोश हो गईं।
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फाइल फोटो, साभार : द हिंदू
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रविवार को मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) फॉर्म भरने का अभियान चलाया गया। हालांकि, ग्रामीण और शहरी इलाकों के लगभग सात बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पहुंच नहीं सके, जिसके कारण फॉर्म भरने आए लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने एसआईआर फॉर्म भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रयास बढ़ा दिए हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि मतदाता अपने एसआईआर फॉर्म भरकर 30 नवंबर तक जमा कर दें। प्रशासन का लक्ष्य है कि 4 दिसंबर तक जिले के 31.53 लाख मतदाताओं के आवेदन फॉर्मों का डिजिटाइजेशन पूरा कर उन्हें चुनाव आयोग को भेज दिया जाए।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, अगर चार दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे तो दिक्कत आएगी। 3000 बीएलओ फॉर्म भरवाने में लगे हैं। पार्षद, ग्राम प्रधान और बीएलए की मदद ली जा रही है। शहर के भारद्वाजी टोला के वार्ड नंबर 72 आदमपुर में दोपहर 12 बजे तक बीएलओ का कोई पता नहीं था। यही हाल सेवापुरी ब्लॉक के उठरा गांव का रहा। यहां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय और राजकीय हाई स्कूल में ताला बंद मिला। मिर्जामुराद के किसान इंटर कॉलेज बूथ पर दोपहर 2:10 बजे सन्नाटा रहा। नरसड़ा यूथ में सुबह 11:20 बजे तक कोई बीएलओ नहीं पहुंच सका था।
लोहता क्षेत्र के सिरसा में दोपहर 1:30 बजे तक और कोटवां में 2:30 बजे तक बीएलओ नहीं पहुंच पाए। ढाफी दाफी में भी एक स्थान पर बीएलओ के नहीं आने की शिकायत मिली। इस स्थिति से नाराज क्षेत्र की रीता देवी ने कहा कि फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी निभाने वाले बीएलओ न तो समय पर पहुंच रहे हैं और न ही सही ढंग से बात कर रहे हैं। वहीं, चिरईगांव के सिरिस्ती निवासी रमेश यादव ने बताया कि 2003 से मतदाता सूची में कई नाम गायब हैं।
डीएम ने सुपरवाइजर और बीएलओ को चेताया
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने रविवार को एसआईआर प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए कई मतदेय स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लापरवाही पाए जाने पर सुपरवाइजरों और बीएलओ को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने निर्देश दिया कि दो दिनों के भीतर शेष मतदाताओं तक परिगणना प्रपत्र पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए और जिन मतदाताओं को फॉर्म दिए जा चुके हैं, उनका नियमित रूप से कलेक्शन भी कराया जाए।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने लिटिल फ्लावर स्कूल ककरमता, आदर्श बाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककरामत्ता और निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने आदर्श बाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बूथ पर उपस्थित मतदाताओं से बातचीत कर फॉर्म भरने की प्रक्रिया समझाई और ऑनलाइन फीडिंग का कार्य भी परखा। इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को प्रपत्र वितरण, कलेक्शन और डिजिटाइजेशन की प्रगति की जानकारी भी ली।
डीएम की अपील : प्रपत्रों के वितरण में पार्षद सहयोग करें
डीएम ने संबंधित क्षेत्र के पार्षद से भी गणना प्रपत्रों के वितरण में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने मौके पर मौजूद शिक्षकों, सुपरवाइजरों और बीएलओ को 2003 तथा 2025 की मतदाता सूची का मिलान करने, क्रम संख्या और भाग संख्या की उपयोगिता मैपिंग की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक करें सहयोग
नागरिक सुरक्षा सभागार, चेतगंज में नागरिक सुरक्षा के वार्डन और स्वयंसेवकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान एडीएम ने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे बीएलओ को एसआईआर फॉर्म भरवाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल कराने तथा त्रुटिरहित और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करने में सभी की भागीदारी आवश्यक है। बैठक में बीफ वार्डन विनोद गुप्ता, पोत्रो सुंदर शास्त्री, कन्हैयालाल, संजय राय, मंगला प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
बीएलओ का इस्तीफा
एसआईआर प्रक्रिया के बीच एक महिला सहायक अध्यापिका द्वारा बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के पद से इस्तीफा देने का मामला सामने आया है। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, सेक्टर-94 स्थित गेझा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापिका पिंकी सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में स्पष्ट लिखा है कि वह शिक्षण और बीएलओ दोनों जिम्मेदारियां एक साथ निभाने में सक्षम नहीं हैं। पिंकी का इस्तीफा पत्र भी वायरल हो रहा है।
पिंकी ने इस्तीफे में लिखा, “मैं यूपीएस गेझा उच्च प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका हूं। मेरा बीएलओ पार्ट नंबर 206 रॉलवुड स्कूल है। मेरी भाग संख्या में 1179 मतदाता हैं। ऑनलाइन मैंने 215 फीड कर दिए हैं। मैं अब अपने जॉब से इस्तीफा दे रही हूं क्योंकि अब मुझसे यह कार्य नहीं होगा। कृपया आप मुझे निर्देशित करें कि मैं अपना सामान (निर्वाचन सामग्री) किसे दूं।”
BLO की कथित मौत व आत्महत्या
बताया जाता है कि हाल ही में कथित तौर पर काम के दबाव में कई BLO की मौत और आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। गुजरात के वडोदरा स्थित एक स्कूल में शनिवार 22 नवंबर को ड्यूटी पर तैनात एक महिला बीएलओ सहायक की अचानक गिरने से मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बढ़ते कार्यभार और दबाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में चार दिनों में यह बीएलओ कर्मचारियों की चौथी मौत है। इससे पहले दो बीएलओ कर्मचारियों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुई थी, जबकि एक कर्मचारी की कथित तौर पर काम के दबाव के कारण आत्महत्या की खबर सामने आई थी।
गुजरात का यह ताज़ा मामला वडोदरा के कड़क बाजार स्थित प्रताप स्कूल का है, जहां ड्यूटी के दौरान बीएलओ सहायक उषाबेन इंद्रसिंह सोलंकी अचानक गिर पड़ीं और उनकी मौत हो गई। कुछ ही मिनटों में हुई इस घटना ने एक बार फिर एसआईआर प्रक्रिया और उससे जुड़े बढ़ते कार्यभार के पैटर्न पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले में पुलिस का कहना है कि गोरवा महिला आईटीआई में कार्यरत उषाबेन को स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद बीएलओ ड्यूटी पर भेजा गया था। उषाबेन के पति, इंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि परिवार ने पहले ही अधिकारियों को उनकी हालत के बारे में अवगत करा दिया था।
उन्होंने बताया, “मेरी पत्नी की तबीयत पहले से ठीक नहीं थी। हम सुभानपुरा के पीडब्ल्यू क्वार्टर में रहते हैं और वह गोरवा आईटीआई में कार्यरत थीं। हमने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि उन्हें बीएलओ ड्यूटी से मुक्त रखा जाए, लेकिन हमारी अपील के बावजूद उन्हें ड्यूटी पर भेज दिया गया।”
क्षेत्रीय कार्य के दौरान अपने पर्यवेक्षक का इंतजार करते हुए उषाबेन अचानक बेहोश हो गईं।
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