उत्तर प्रदेश : दलित किसान की पिटाई, मवेशियों की चराई की शिकायत करने पर जातिसूचक गालियां दी

Written by sabrang india | Published on: September 11, 2025
जब गायों ने एक बार फिर उसकी फसल पर चराई की तो प्रसाद ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया, एक गाय को पकड़ लिया और मालिकों से बात करने पहुंचे। प्रसाद का आरोप है कि शिकायत सुनने के बजाय, आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां दीं।



बदायूं जिले में एक दलित किसान को कथित रूप से पीटा गया और जातिसूचक गालियां दी गईं, जब उसने अपनी जमीन पर मवेशियों के चरने की शिकायत की।

यह घटना गुढ़ाना गांव की है जहां द्वारिका प्रसाद ने बाजरे की फसल बोई थी। द्वारिका प्रसाद ने आरोप लगाया कि गांव के तीन लोगों -प्रशांत (पुत्र सत्यभान) और सक्षम व जय (पुत्र गणादयानंद) - की गायें नियमित रूप से उसके खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रही थीं।

8 सितंबर को जब गायों ने एक बार फिर उसकी फसल पर चराई की तो प्रसाद ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया, एक गाय को पकड़ लिया और मालिकों से बात करने पहुंचे। प्रसाद का आरोप है कि शिकायत सुनने के बजाय, आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां दीं।

उनकी शिकायत के बाद, पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

स्टेशन ऑफिसर उदयवीर सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "पीड़ित की शिकायत पर दलित उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। आगे की कार्रवाई कानून के अनुसार की जाएगी।"

हाल ही में आजमगढ़ के नौशेरा गांव में उस समय तनाव फैल गया, जब 24 वर्षीय दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या की खबर सामने आई। लोको पायलट के रूप में कार्यरत दुर्गेश को कथित रूप से छह लोगों ने पीटा और उसे ज़हर पीने के लिए मजबूर किया। यह विवाद गांव की एक लड़की के साथ उसके संबंधों को लेकर बताया जा रहा है।

फतेहपुर जिले के खागा नगर में नवीन बस स्टॉप के पास एक मामूली कहासुनी के बाद एक दलित युवक के साथ कथित रूप से मारपीट की गई। पीड़ित आदित्य कुमार ने मीडिया को बताया कि जब वह अपनी साइकिल से जा रहा था, तो उसकी साइकिल गलती से बैरागी पुरवा निवासी कृष्णा पटेल की बाइक से छू गई।

आदित्य के अनुसार, पटेल और उसके साथियों ने उसे रोका और हिंसक हमला कर दिया। पीड़ित युवक ने अपनी शिकायत में कहा, "उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा, मेरे सिर पर वार किया, जिससे काफी खून बह गया। उन्होंने मुझे जातिसूचक गालियां भी दीं।”

कुछ दिनों पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण बुरी तरह पीटा गया और पेड़ से उल्टा लटका दिया गया।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा कि बच्चा शुक्रवार को अपने गांव भाखरपुरा में खेल रहा था। तभी दो लोग—नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत—ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ।

पिछले महीने गुजरात के जूनागढ़ में भी एक दलित युवक के साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जो यह दिखाता है कि स्वतंत्रता के दशकों बाद भी समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं।

यह घटना 16 अगस्त की दोपहर उस समय हुई, जब पीड़ित युवक अपने एक दोस्त से मिलने गया था। उसी दौरान एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि उसके भाई को कहीं ले जाया जा रहा है। पीड़ित युवक और उसका मित्र उसकी सहायता के इरादे से स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान तक पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी और उन्हें फंसाया गया।

मैदान में तीन ऊंची जाति के युवकों ने दलित युवक को घेर लिया और पूछताछ शुरू कर दी। जब उसने बताया कि वह कड़ियावाड़ का है, तो हितेश नामक युवक और उसके दो साथियों ने उसे जातिसूचक गालियां दीं और बेल्ट व डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे युवक को गंभीर चोटें आईं। 

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