पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता अशोक पांडे को हाथरस में एक बाइक शोरूम के मालिक अभिषेक गुप्ता की हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया। उनकी पत्नी पूजा शकुन पांडे (महासभा की महासचिव और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर हैं) इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और और वह फरार हैं।

साभार : द वायर
पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) के प्रवक्ता अशोक पांडेय को हाथरस में एक बाइक शोरूम मालिक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया।
अशोक पांडेय की पत्नी, पूजा शकुन पांडेय जो अखिल भारतीय हिंदू महासभा की महासचिव और निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर हैं, इस मामले की मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल, वह फरार चल रही हैं।
द वायर ने लिखा कि उसे प्राप्त एफआईआर के अनुसार, 26 सितंबर को मृतक अभिषेक गुप्ता, उनके पिता नीरज गुप्ता और उनके चचेरे भाई जीतू गुप्ता शाम को सामान्य समय पर शोरूम बंद कर गए थे। वे एक चौराहे पर बस का इंतजार कर रहे थे। पिता और चचेरे भाई बस में चढ़ गए, लेकिन अभिषेक को बाइक सवार दो लोगों ने रोका और उस पर गोली चलाकर मौके से भाग गए। अभिषेक के सिर में गंभीर चोट आई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
गांधीनगर थाने के एसएचओ विजय ने द वायर को बताया कि हमलावरों की पहचान हो चुकी है और शूटर आरोपियों के संपर्क में थे। उन्होंने कहा, 'पूजा शकुन की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'
अब, दो कथित शूटरों में से एक फज़ल नामक वेल्डर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि वह पूजा शकुन की गोशाला में टिन शेड का काम कर रहा था। जबकि दूसरा शूटर अब भी फरार है। पुलिस जांच में सामने आया है कि अगस्त और सितंबर के बीच अशोक पांडेय और पूजा शकुन पांडेय ने शूटर से 39 बार फोन पर संपर्क किया था।
जब पूजा शकुन और मृतक के बीच उलझे हुए संबंधों को हत्या का संभावित कारण बताए जाने के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पीड़ित परिवार का आरोप है और मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
कौन हैं पूजा शकुन पांडेय ?
पूजा शकुन पांडेय के साध्वी अन्नपूर्णा या 'लेडी गोडसे' के नाम से भी जाना जाता है। वे अलीगढ़ में हिंदू महासभा की एक प्रमुख नेता हैं। वह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। अपने भड़काऊ बयानों और ‘हिंदुओं की रक्षा’ के नाम पर चलाए गए अभियानों के जरिए उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है, जिसमें वह मुसलमानों को एक संभावित खतरे के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
साल 2021 में, पूजा शकुन पांडेय ने पीएम मोदी के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों के कारण सुर्खियां बटोरी थीं। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के एक वर्ष से चल रहे विरोध के चलते तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद, उन्होंने अलीगढ़ स्थित हिंदू महासभा कार्यालय से मोदी की तस्वीर हटवा दी थी। उस समय उन्होंने कहा था, 'जिसकी एक बात नहीं, उसका एक बाप नहीं।
अप्रैल 2020 में, पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला उस वायरल वीडियो के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर तबलीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे। इस वीडियो के बाद उन्हें कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया था।
2021 में हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' के दौरान मुसलमानों के सामूहिक नरसंहार का खुला आह्वान किया गया था। इस कार्यक्रम में पूजा शकुन पांडेय ने भी हथियार उठाने और नरसंहार के लिए लोगों को उकसाया था। उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ सीधा और स्पष्ट रूप से हिंसा का आह्वान किया।
उन्होंने कहा था, ‘हथियारों के बिना कुछ भी संभव नहीं है। अगर आप उनकी आबादी खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें मार डालो। मारने के लिए तैयार रहो और जेल जाने के लिए भी तैयार रहो। अगर हममें से 100 लोग भी उनमें से 20 लाख (मुसलमानों) को मारने के लिए तैयार हों, तो हम जीतेंगे और जेल जाएंगे… (नाथूराम) गोडसे की तरह मैं बदनाम होने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं अपने हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर उस राक्षस से हथियार उठाऊंगी जो मेरे धर्म के लिए खतरा है।’
मुसलमानों की हत्या के खुले आह्वानों के बावजूद, पूजा शकुन के खिलाफ शायद ही कोई ठोस कानूनी कार्रवाई हुई है।
बताया जाता है कि अभिषेक पहली बार पूजा शकुन के संपर्क में तब आए थे जब उनकी उम्र मात्र 17 वर्ष थी। उनके पिता नीरज गुप्ता ने अपने बेटे की देखभाल के लिए उन पर भरोसा जताया था, लेकिन हालात तब बिगड़ गए जब पूजा शकुन ने कथित तौर पर परिवार से 5 लाख रुपये का कर्ज ले लिया।
जब नीरज ने पूजा शकुन से कर्ज लौटाने को कहा, तो उन्होंने कथित तौर पर और अधिक पैसे मांग लिए, यह कहते हुए कि नीरज का बेटा किसी लड़की के चक्कर में है। बताया जाता है कि परिवार ने पहले ही 8 लाख रुपये से अधिक दे दिए थे, जिसके बाद वे पूजा शकुन को लेकर सतर्क हो गए थे।
साल 2019 में उनके बेटे की गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पूजा शकुन महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाती दिखीं और नाथूराम गोडसे के समर्थन में नारे लगाती रहीं। बाद में उन्होंने उस पुतले को आग भी लगा दी।
हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने पूजा शकुन से अपने संबंधों को साफ तौर पर खारिज किया है, फिर भी वे पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा जैसे पार्टी के कई नेताओं से नियमित संपर्क में रहती हैं। उनकी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी तस्वीरें सामने आई हैं। मई 2019 में, पूजा शकुन एक और विवाद में फंस गई थीं जब उन्होंने सावरकर जयंती के अवसर पर नाबालिग लड़कियों को खंजर बांटे थे।
मृतक के भाई आशीष ने द वायर को बताया कि गांधीजी के पुतले को गोली मारने के मामले में अभिषेक की जेल जाने के बाद उनकी मां उसे वापस लाना चाहती थीं, जिसमें वे कुछ सफल भी रहीं। लेकिन जल्द ही अभिषेक फिर से पूजा शकुन के घर लौट गए।
उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्षों से हमें मेरे भाई और पूजा शकुन के बीच प्रेम संबंध होने का अंदेशा था। मेरी मां हमेशा से उसे वापस लाना चाहती थीं खासकर गांधीजी के पुतले वाली घटना के बाद। हालांकि, हाल के महीनों में मेरे भाई ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी और उनके फोन कॉल्स भी नहीं उठाता था। उसने नौकरी कर ली थी और पिछली दिवाली पर घर पर 3.5 लाख रुपये भी दिए थे। मेरी मां लगातार वीडियो कॉल्स के जरिए उसकी लोकेशन पता करती रहती थीं।’
लेकिन जैसे-जैसे अभिषेक ने पूजा शकुन से दूरी बनानी शुरू की, वैसे-वैसे अजीब घटनाएं होने लगीं। आशीष ने बताया, ‘वह लगातार उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। गुंडों ने उस पर हमला किया और बाद में उसे झूठे मामले में फंसाने की भी कोशिश की गई।
‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी तरफ नहीं देखेगा’
कथित रूप से, पूजा शकुन बाइक शोरूम के मालिकाना हक में हिस्सा चाहती थीं। ‘वह जानती थीं कि ऐसा करने से वह अभी भी उसके संपर्क में रह सकती हैं।
आशीष ने द वायर को बताया कि अभिषेक पूजा से मिलने से पहले अपने पैसे छिपा लेता था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘रात में वह उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर करती थी। मेरे भाई की हत्या वासना और लालच के कारण हुई।’
पूजा शकुन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के बारे में पूछे जाने पर आशीष ने आरोप लगाया कि पूजा ने व्यक्तिगत तौर पर स्वीकार किया था कि उसने यह सब सुर्खियां बटोरने और ‘टीआरपी’ पाने के लिए किया था।
उन्होंने कहा, ‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी तरफ ध्यान नहीं देगा। मुसलमान हमारे काम में योगदान देते हैं -वे मैकेनिक और टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं। हमारे तीन मैकेनिक मुसलमान हैं और उन्होंने हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन उन्होंने हमारे भाई को मार डाला।’
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साभार : द वायर
पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) के प्रवक्ता अशोक पांडेय को हाथरस में एक बाइक शोरूम मालिक की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया।
अशोक पांडेय की पत्नी, पूजा शकुन पांडेय जो अखिल भारतीय हिंदू महासभा की महासचिव और निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर हैं, इस मामले की मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल, वह फरार चल रही हैं।
द वायर ने लिखा कि उसे प्राप्त एफआईआर के अनुसार, 26 सितंबर को मृतक अभिषेक गुप्ता, उनके पिता नीरज गुप्ता और उनके चचेरे भाई जीतू गुप्ता शाम को सामान्य समय पर शोरूम बंद कर गए थे। वे एक चौराहे पर बस का इंतजार कर रहे थे। पिता और चचेरे भाई बस में चढ़ गए, लेकिन अभिषेक को बाइक सवार दो लोगों ने रोका और उस पर गोली चलाकर मौके से भाग गए। अभिषेक के सिर में गंभीर चोट आई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
गांधीनगर थाने के एसएचओ विजय ने द वायर को बताया कि हमलावरों की पहचान हो चुकी है और शूटर आरोपियों के संपर्क में थे। उन्होंने कहा, 'पूजा शकुन की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'
अब, दो कथित शूटरों में से एक फज़ल नामक वेल्डर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि वह पूजा शकुन की गोशाला में टिन शेड का काम कर रहा था। जबकि दूसरा शूटर अब भी फरार है। पुलिस जांच में सामने आया है कि अगस्त और सितंबर के बीच अशोक पांडेय और पूजा शकुन पांडेय ने शूटर से 39 बार फोन पर संपर्क किया था।
जब पूजा शकुन और मृतक के बीच उलझे हुए संबंधों को हत्या का संभावित कारण बताए जाने के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पीड़ित परिवार का आरोप है और मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
कौन हैं पूजा शकुन पांडेय ?
पूजा शकुन पांडेय के साध्वी अन्नपूर्णा या 'लेडी गोडसे' के नाम से भी जाना जाता है। वे अलीगढ़ में हिंदू महासभा की एक प्रमुख नेता हैं। वह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषणों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। अपने भड़काऊ बयानों और ‘हिंदुओं की रक्षा’ के नाम पर चलाए गए अभियानों के जरिए उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है, जिसमें वह मुसलमानों को एक संभावित खतरे के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
साल 2021 में, पूजा शकुन पांडेय ने पीएम मोदी के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों के कारण सुर्खियां बटोरी थीं। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के एक वर्ष से चल रहे विरोध के चलते तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद, उन्होंने अलीगढ़ स्थित हिंदू महासभा कार्यालय से मोदी की तस्वीर हटवा दी थी। उस समय उन्होंने कहा था, 'जिसकी एक बात नहीं, उसका एक बाप नहीं।
अप्रैल 2020 में, पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला उस वायरल वीडियो के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर तबलीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे। इस वीडियो के बाद उन्हें कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया था।
2021 में हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' के दौरान मुसलमानों के सामूहिक नरसंहार का खुला आह्वान किया गया था। इस कार्यक्रम में पूजा शकुन पांडेय ने भी हथियार उठाने और नरसंहार के लिए लोगों को उकसाया था। उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ सीधा और स्पष्ट रूप से हिंसा का आह्वान किया।
उन्होंने कहा था, ‘हथियारों के बिना कुछ भी संभव नहीं है। अगर आप उनकी आबादी खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें मार डालो। मारने के लिए तैयार रहो और जेल जाने के लिए भी तैयार रहो। अगर हममें से 100 लोग भी उनमें से 20 लाख (मुसलमानों) को मारने के लिए तैयार हों, तो हम जीतेंगे और जेल जाएंगे… (नाथूराम) गोडसे की तरह मैं बदनाम होने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं अपने हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर उस राक्षस से हथियार उठाऊंगी जो मेरे धर्म के लिए खतरा है।’
मुसलमानों की हत्या के खुले आह्वानों के बावजूद, पूजा शकुन के खिलाफ शायद ही कोई ठोस कानूनी कार्रवाई हुई है।
बताया जाता है कि अभिषेक पहली बार पूजा शकुन के संपर्क में तब आए थे जब उनकी उम्र मात्र 17 वर्ष थी। उनके पिता नीरज गुप्ता ने अपने बेटे की देखभाल के लिए उन पर भरोसा जताया था, लेकिन हालात तब बिगड़ गए जब पूजा शकुन ने कथित तौर पर परिवार से 5 लाख रुपये का कर्ज ले लिया।
जब नीरज ने पूजा शकुन से कर्ज लौटाने को कहा, तो उन्होंने कथित तौर पर और अधिक पैसे मांग लिए, यह कहते हुए कि नीरज का बेटा किसी लड़की के चक्कर में है। बताया जाता है कि परिवार ने पहले ही 8 लाख रुपये से अधिक दे दिए थे, जिसके बाद वे पूजा शकुन को लेकर सतर्क हो गए थे।
साल 2019 में उनके बेटे की गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पूजा शकुन महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाती दिखीं और नाथूराम गोडसे के समर्थन में नारे लगाती रहीं। बाद में उन्होंने उस पुतले को आग भी लगा दी।
हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने पूजा शकुन से अपने संबंधों को साफ तौर पर खारिज किया है, फिर भी वे पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा जैसे पार्टी के कई नेताओं से नियमित संपर्क में रहती हैं। उनकी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी तस्वीरें सामने आई हैं। मई 2019 में, पूजा शकुन एक और विवाद में फंस गई थीं जब उन्होंने सावरकर जयंती के अवसर पर नाबालिग लड़कियों को खंजर बांटे थे।
मृतक के भाई आशीष ने द वायर को बताया कि गांधीजी के पुतले को गोली मारने के मामले में अभिषेक की जेल जाने के बाद उनकी मां उसे वापस लाना चाहती थीं, जिसमें वे कुछ सफल भी रहीं। लेकिन जल्द ही अभिषेक फिर से पूजा शकुन के घर लौट गए।
उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्षों से हमें मेरे भाई और पूजा शकुन के बीच प्रेम संबंध होने का अंदेशा था। मेरी मां हमेशा से उसे वापस लाना चाहती थीं खासकर गांधीजी के पुतले वाली घटना के बाद। हालांकि, हाल के महीनों में मेरे भाई ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी और उनके फोन कॉल्स भी नहीं उठाता था। उसने नौकरी कर ली थी और पिछली दिवाली पर घर पर 3.5 लाख रुपये भी दिए थे। मेरी मां लगातार वीडियो कॉल्स के जरिए उसकी लोकेशन पता करती रहती थीं।’
लेकिन जैसे-जैसे अभिषेक ने पूजा शकुन से दूरी बनानी शुरू की, वैसे-वैसे अजीब घटनाएं होने लगीं। आशीष ने बताया, ‘वह लगातार उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। गुंडों ने उस पर हमला किया और बाद में उसे झूठे मामले में फंसाने की भी कोशिश की गई।
‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी तरफ नहीं देखेगा’
कथित रूप से, पूजा शकुन बाइक शोरूम के मालिकाना हक में हिस्सा चाहती थीं। ‘वह जानती थीं कि ऐसा करने से वह अभी भी उसके संपर्क में रह सकती हैं।
आशीष ने द वायर को बताया कि अभिषेक पूजा से मिलने से पहले अपने पैसे छिपा लेता था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘रात में वह उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर करती थी। मेरे भाई की हत्या वासना और लालच के कारण हुई।’
पूजा शकुन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के बारे में पूछे जाने पर आशीष ने आरोप लगाया कि पूजा ने व्यक्तिगत तौर पर स्वीकार किया था कि उसने यह सब सुर्खियां बटोरने और ‘टीआरपी’ पाने के लिए किया था।
उन्होंने कहा, ‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी तरफ ध्यान नहीं देगा। मुसलमान हमारे काम में योगदान देते हैं -वे मैकेनिक और टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं। हमारे तीन मैकेनिक मुसलमान हैं और उन्होंने हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन उन्होंने हमारे भाई को मार डाला।’
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