बॉम्बे हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक संचालित जूनियर कॉलेजों में FYJC प्रवेश के लिए SC/ST/OBC आरक्षण पर रोक लगाई

Written by sabrang india | Published on: June 17, 2025
अदालत ने फिलहाल रोक इसलिए लगाई है क्योंकि उसे याचिकाकर्ता की ये बात ठीक लगी कि सरकार अल्पसंख्यक कॉलेजों की ओपन सीटों पर SC/ST/OBC आरक्षण लागू नहीं कर सकती। 



एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 जून को महाराष्ट्र के सभी अल्पसंख्यक संचालित जूनियर कॉलेजों में पहली वर्ष की जूनियर कॉलेज (FYJC) की दाखिले के दौरान SC, ST और OBC आरक्षण लागू करने पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि अल्पसंख्यक संस्थानों पर इस तरह का आरक्षण थोपना सही नहीं है, चाहे वो सीटें अल्पसंख्यक कोटे की बची हुई (खाली) सीटें ही क्यों न हों।


जस्टिस एम.एस. कर्णिक और एन.आर. बोर्कर की खंडपीठ ने यह अंतरिम रोक उस समय लगाई जब कई अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों, जैसे साउथ मुंबई के प्रमुख कॉलेजों सेंट ज़ेवियर्स, जय हिंद, केसी और एचआर कॉलेज, साथ ही सोलापुर के कुछ संस्थानों-द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
इन याचिकाओं में महाराष्ट्र अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान संघ (MAMEI) भी शामिल था, जिसने राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। ये याचिकाएं 6 मई 2025 को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक सरकारी आदेश (Government Resolution - GR) के उस प्रावधान का विरोध कर रही थीं, जिसमें अल्पसंख्यक कॉलेजों की ओपन सीटों पर SC/ST/OBC आरक्षण लागू करने की बात कही गई थी।

6 मई के सरकारी आदेश (GR) की धारा 11 इस पूरे विवाद का केंद्र बिंदु है। इस प्रावधान के अनुसार, अल्पसंख्यक कोटे की जो सीटें खाली रह जाती हैं, उन्हें केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया (centralised admission process) के लिए छोड़ने की अनुमति दी गई है। इसके बाद वे सीटें सामाजिक (SC/ST/OBC) और अन्य समानांतर आरक्षण नियमों के अधीन आ जाती हैं। राज्य सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई ताकि सीटों का बेहतर इस्तेमाल हो सके और यह कदम खुद कुछ शैक्षणिक संस्थानों की मांग पर उठाया गया था।

महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक कॉलेज लंबे समय से एक तय फॉर्मूले का पालन करते आए हैं: कुल सीटों में से 50% संबंधित अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं, 5% मैनेजमेंट कोटे के लिए रखी जाती हैं, और बाकी 45% सीटें ओपन यानी बिना किसी आरक्षण के होती हैं। लेकिन शैक्षणिक वर्ष 2025–26 के लिए जब FYJC की केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई, तो पोर्टल पर इस 45% ओपन कैटेगरी पर भी SC/ST/OBC आरक्षण लागू होता हुआ दिखाई दिया। यही बदलाव इस समय अदालत में चुनौती का कारण बना है।

याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें: याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मिलिंद साठे ने दलील दी कि सरकारी आदेश (GR) संविधान के अनुच्छेद 15(5) और 30 में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को दिए गए विशेष अधिकारों का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद 15(5) खास तौर पर यह स्पष्ट करता है कि अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर सकारात्मक भेदभाव की नीतियां, जैसे कि जाति-आधारित आरक्षण, लागू नहीं होतीं। वहीं, अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यक समुदायों को यह संवैधानिक अधिकार देता है कि वे अपने शैक्षणिक संस्थान स्थापित और संचालित कर सकें, और इस प्रक्रिया में राज्य या सरकार का हस्तक्षेप न हो। साठे ने यह भी जोर दिया कि अगर अल्पसंख्यक कोटे की सीटें भर नहीं पाती हैं, तो उन्हें सिर्फ ओपन कैटेगरी के तहत ही भरा जाना चाहिए न कि उन्हें सामाजिक रूप से आरक्षित (SC/ST/OBC) वर्गों को दे दिया जाए।

बचाव पक्ष की दलीलें: सरकारी वकील नेहा भिडे ने कहा कि यह धारा अल्पसंख्यक संस्थानों की स्वायत्तता या अधिकारों का उल्लंघन नहीं करती है। उन्होंने तर्क दिया कि एक बार जब अल्पसंख्यक सीटें स्वेच्छा से केंद्रीकृत पूल को सौंप दी जाती हैं, तो उन सीटों पर सामाजिक आरक्षण लागू करना सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक वैध नीति उपकरण है। उन्होंने तर्क दिया, "सामाजिक आरक्षण राज्य का दायित्व है।"

न्यायालय का आदेश: न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों में दम पाया और माना कि बॉम्बे उच्च न्यायालय का एक पुराना फैसला जिसने -अल्पसंख्यक संस्थानों में सामाजिक आरक्षण लागू करने के लिए मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इसी तरह के प्रयास को खारिज कर दिया था- इस मामले में सीधे लागू होता है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने कहा, "प्रथम दृष्टया, हम पाते हैं कि अंतरिम राहत देने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों में दम है।"

इस प्रकार, न्यायालय ने निर्देश दिया कि FYJC प्रवेश के उद्देश्य से, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की किसी भी सीट पर SC/ST/OBC आरक्षण का आदेश लागू नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त, 2025 को निर्धारित की गई है।

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