महिला रेसलर्स प्रोटेस्ट का एक माह: खापों ने किया 28 मई को नए संसद भवन के सामने महिला पंचायत का ऐलान

Written by Navnish Kumar | Published on: May 22, 2023
WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों ने अब संसद की तरफ कूच करने का फैसला किया है। रविवार को हुई खाप महापंचायत ने फैसला किया है कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठी महिला पहलवानों का समर्थन कर रही महिलाएं 28 मई को संसद भवन के सामने एक पंचायत करेंगी। अहम यह है कि इसी दिन पीएम नरेंद्र मोदी देश के नए संसद भवन (बिल्डिंग) का उद्घाटन भी करेंगे।


Image Courtesy: News 18

संसद भवन के सामने होने वाली इस ऐलानिया महापंचायत में 28 मई को महिलाओं के अलावा खाप और किसान नेता भी शिरकत करेंगे। वहीं 23 मई को जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकालने का ऐलान किया है। खास है कि 23 मई को महिला पहलवानों के प्रोटेस्ट का एक माह पूरा होने जा रहा है।

रविवार को हुई खाप पंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों की खापों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। खाप महापंचायत में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ, प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन के साथ, सिंह के नार्को टेस्ट की मांग तथा 28 मई को महिला पंचायत करने जैसे फैसले लिए गए।

बैठक की अध्यक्षता महम चौबीसी के अध्यक्ष मेहर सिंह नंबरदार ने की और सभी खाप प्रमुखों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद, उन्होंने चार प्रमुख फैसलों की घोषणा की। भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ब्रज भूषण के नार्को टेस्ट की मांग, 23 मई में पहलवानों के कैंडल मार्च में भाग लेने तथा 28 मई को नए संसद भवन के बाहर महिला (खाप) महापंचायत जिसमें खाप और देश भर के सभी किसान संगठन हिस्सा लेंगे और पहलवानों द्वारा दिए गए हर आह्वान का समर्थन करेंगे। यही नहीं पहलवानों की कॉल पर पांच घंटे के भीतर उन तक पहुंचेंगे।

खास है कि खापों ने 7 मई को केंद्र को WFI प्रमुख के खिलाफ 20 मई तक कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था और सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर खाप प्रमुखों ने यहां बैठक बुलाई थी। महापंचायत में बोलते हुए, साक्षी मलिक ने खापों से उनका समर्थन करने का आग्रह किया क्योंकि बेटियां एक वास्तविक कारण के लिए लड़ रही हैं।

साक्षी मलिक ने कहा, “अगर हम दोषी पाए जाते हैं, तो आप हमें जो भी सजा देंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे। हम पिछले एक महीने से धरने पर बैठे हैं लेकिन कोई न्याय नहीं हुआ है। देश का नाम रोशन करने वाली पदक विजेता बेटियों के साथ यही हो रहा है। बृजभूषण सिंह अपने गलत कामों को छिपाने के लिए अपनी राजनीतिक ताकत दिखा रहे हैं लेकिन हमें विश्वास है कि सच्चाई सामने आएगी। उसने आगे आरोप लगाया कि उसे और उसके पहलवान सहयोगियों को शनिवार को आईपीएल मैच देखने के लिए दिल्ली के एक स्टेडियम में प्रवेश करने से रोक दिया गया।

बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा और वे इसके लिए तैयार हैं। “28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के बाहर महिला महापंचायत द्वारा कड़े फैसले लिए जाएंगे और हम पंचायत में लिए गए फैसलों के साथ आगे बढ़ेंगे। हम पहलवानों के साथ खड़े हैं।

28 को नई संसद के सामने महिला पंचायत

द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, खाप महापंचायत के नेताओं ने रोहतक बैठक में किसी बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन विचार विमर्श के बाद उन्होंने संसद भवन कूच करने का ही फैसला किया।

विरोध करने वाले पहलवानों में से साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान इस महापंचायत में शामिल हुए, जबकि बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जंतर-मंतर पर धरना स्थल पर डटे रहे। पुनिया ने कहा, ‘उन्होंने चार फैसले लिए हैं। महिला पंचायत 28 मई को संसद भवन के ठीक सामने होगी। 23 मई को हम जंतर मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकालेंगे। महापंचायत ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की अपनी मांग को दोहराया और वादा किया कि पहलवानों के आह्वान पर पांच घंटे के भीतर खाप धरना स्थल पर पहुंच जाएंगी।’ इस दौरान जब पुनिया से पूछा गया कि क्या पहलवान इस कदम से संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा, ‘हम महापंचायत के इस फैसले का स्वागत करते हैं।’ 

जानकारों के अनुसार, इस फैसले का मतलब है कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का मन बना लिया है, जिन पर उन्होंने कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है। 

दूसरी ओर, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) का एड-हॉक पैनल जिसे भारतीय कुश्ती महासंघ के मामलों को चलाने का काम सौंपा गया है, 20 जून के आसपास एशियाई खेलों के ट्रायल आयोजित कराएगा। विरोध करने वाले पहलवानों को अभ्यास के लिए मुश्किल से ही समय मिल पा रहा है और अगर वे ट्रायल में शामिल होने का फैसला करते हैं तो उनके लिए अपने-अपने वर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करना बेहद मुश्किल होगा। टोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले पुनिया ने कहा, ‘मैं इस लड़ाई में एक ओलंपिक पदक तक का त्याग करने को तैयार हूं।’

31 सदस्यीय कमेटी गठित

पहलवानों की ओर से योजनाओं को तैयार करने के लिए किसानों और खाप नेताओं सहित 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जबकि खेल से संबंधित निर्णयों पर मार्गदर्शन के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था। कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था।

इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था। हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया। सात दिनों के विरोध के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है। इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।

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