राजस्थान : उधार न देने को लेकर दलित दुकानदार पर चाकू से हमला

Written by sabrang india | Published on: August 6, 2025
मेघवाल समाज ने इस घटना को एक घिनौना उदाहरण बताते हुए पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए।



राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के देलवास गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। इस घटना ने मेघवाल समुदाय में गहरा सदमा और आक्रोश पैदा कर दिया है। कलकीपूरा रोड पर किराने की दुकान चलाने वाले दलित व्यवसायी शिवलाल मेघवाल पर उधार नहीं देने को लेकर तीन लोगों ने चाकू और लाठी से हमला कर दिया। इस हमले में शिवलाल गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि उनकी पत्नी के साथ भी छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और मेघवाल समाज ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

द मूकनायक को समुदाय के एक सदस्य से मिली जानकारी के अनुसार 28 जुलाई को देलवास निवासी शिवलाल मेघवाल अपनी किराने की दुकान पर बैठे थे। इस दौरान गणपत लाल मोगिया दुकान पर आया और उसने बीड़ी, माचिस और तानसेन (गुटखा) उधार मांगा। शिवलाल ने उधार देने से मना कर दिया, जिसके बाद गणपत ने जातिगत अपमानजनक शब्द जैसे "चमा..." और "ढेड़्.." का उपयोग करते हुए शिवलाल को धमकी दी कि "तेरी यह औकात कि तू उधार नहीं देगा, तुझे कल देख लूंगा।"

रिपोर्ट के अनुसार, अगले दिन मंगलवार शाम करीब 6 बजे, गणपत लाल मोगिया, रामलाल और रामलाल की पत्नी एक साथ आए और शिवलाल की दुकान पर कथित तौर पर हमला कर दिया। इस दौरान शिवलाल की पत्नी कुसुम और उनकी सास भी दुकान पर ही थीं। गणपत के हाथ में चाकू था, जबकि रामलाल और उसकी पत्नी लाठी लिए हुए थे। हमलावरों ने शिवलाल को कथित तौर पर "चमा...टा" और "मे..र" जैसे जातिगत अपमानजनक शब्द कहे और गणपत ने शिवलाल के सीने में चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा और बेहोश हो गया। इसके बाद रामलाल और उसकी पत्नी ने शिवलाल की पीठ पर लाठियों से हमला कर दिया।

हमले के दौरान रामलाल ने कुसुम को जबरन पकड़ लिया और उसके साथ अश्लील हरकत करने की कोशिश की। कुसुम के शोर करने की आवाज सुनकर आसपास के लोग-प्रीतम मेघवाल, हरीश, मुकेश मेघवाल, धर्मेश मेघवाल और दुर्गाशंकर आदि-तुरंत मौके पर पहुंच गए। भीड़ को आता देख तीनों हमलावर वहां से भाग निकले। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर वे समय पर न पहुंचे होते, तो हमलावर शिवलाल की जान ले लेते।

गंभीर रूप से घायल शिवलाल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। शिवलाल की पत्नी कुसुम ने डूंगला थाने जाकर गणपत लाल मोगिया, रामलाल और रामलाल की पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में केस नंबर 86/2025 दर्ज किया है और डीवाईएसपी बड़ीसादड़ी के निर्देशन में जांच और आवश्यक कार्रवाई जारी है।

इस घटना ने मेघवाल समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। समाज के लोगों ने तीनों आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता शंकरलाल मेघवाल बिलडी ने इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा, "ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। पुलिस प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।"

मेघवाल समाज ने इस घटना को जातिवाद और हिंसा का एक घिनौना उदाहरण बताते हुए पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए। समाज के लोगों का मानना है कि ऐसी घटनाएं केवल दलित समुदाय के खिलाफ अपराध ही नहीं हैं, बल्कि ये सामाजिक सद्भाव और एकता को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती हैं।

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