रेसलर्स प्रोटेस्ट: मुजफ्फरनगर के सोरम में आज 12 साल बाद सर्वखाप पंचायत, भाजपा में बैचेनी

Written by Navnish Kumar | Published on: June 1, 2023
महिला पहलवानों के समर्थन में गुरुवार को मुजफ्फरनगर के सोरम में 12 साल बाद सर्वखाप पंचायत बुलाई गई है। इसे लेकर क्षेत्रीय भाजपा नेताओं में भी खलबली है और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को आगाह किया है। 



भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप में कानूनी कार्रवाई न होने, जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को अपने-अपने पदक गंगा में विसर्जित करने हरिद्वार हरकी पैड़ी पहुंचे पहलवानों ने अपना निर्णय स्थगित कर दिया। किसान नेता और खाप प्रमुख नरेश टिकैत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को अपने पदक गंगा में विसर्जित करने से रोकने के बाद कहा कि भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए खाप नेताओं ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई है। साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया सहित आंदोलनकारी पहलवानों ने अपने पदक किसान यूनियन के प्रमुख टिकैत को सौंप दिए हैं। 

नरेश टिकैत ने कहा, "हमारी बेटियों पर अत्याचार हो रहा है, और पूरा देश गुस्से में है। सरकार एक आदमी (WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह) को बचा रही है। शांतिपूर्ण विरोध करना गलत नहीं है। हम उन्हें (प्रदर्शनकारी पहलवानों को) निराश नहीं करेंगे। डब्ल्यूएफआई प्रमुख (यौन उत्पीड़न के आरोप में) को गिरफ्तार करने की मांग के संबंध में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए हमने गुरुवार को खाप बैठक बुलाई है।" नरेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब से 30-35 खापों के नेताओं के महापंचायत में शामिल होने की उम्मीद है। उधर, पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, "अगर अगले पांच दिनों में समाधान नहीं निकला तो दिल्ली में पालम खाप द्वारा महा खाप पंचायत बुलाई जाएगी और हम प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेंगे।"

चढूनी ने मुंडलाना में बुलाई महापंचायत

हरियाणा में भी पहलवानों के आंदोलन में किसान नेता खुले तौर पर कूद पड़े हैं। भाकियू (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि हमने चार जून को मुंडलाना में महापंचायत बुलाई है, जहां आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। वहीं, भाकियू (टिकैत) के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि सौरम में जो फैसला होगा, उसी आधार पर हरियाणा में आंदोलन तेज किया जाएगा। किसान नेताओं का मकसद एक होने के बावजूद बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए फिलहाल इनके सुर और ताल नहीं मिल रहे हैं। विनेश फोगाट के पैतृक गांव में चरखी दादरी के बलाली में भी ग्रामीण आंदोलन के लिए तैयार हो रही है।

12 साल बाद सोरम में सर्वखाप से भाजपा में बैचेनी

सौरम में अंतिम सर्वखाप पंचायत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के आग्रह पर साल 2011 में बुलाई गई थी। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए बड़े आंदोलन में भी यहां सर्वखाप पंचायत नहीं हुई। यही कारण है, बृहस्पतिवार की पंचायत को खासा महत्व दिया जा रहा है। पश्चिम यूपी के एक भाजपा नेता ने बताया, उन्होंने और कई दूसरे नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को आगाह किया है। सर्वखाप पंचायत के बाद सिंह बनाम पहलवानों के दंगल का केंद्र, पश्चिम उत्तर प्रदेश बन सकता है, क्योंकि पहलवानों ने पहली बार हरियाणा को छोड़ कर पश्चिम उत्तर प्रदेश से जुड़े किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर अंतिम फैसला छोड़ दिया है। भाजपा नेता ने बताया कि नेतृत्व से विवाद में बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया गया है। इससे पहले, जाट आरक्षण और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में पार्टी इस बिरादरी की नाराजगी को हरियाणा तक सीमित करने और कृषि कानूनों की वापसी के बाद डैमेज कंट्रोल करने में सफल रही थी।

पहले बृजभूषण गिरफ्तार हो: टिकैत 

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में टिकैत ने कहा “हमारी एकमात्र मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को पहले गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हम बाद में अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे”। खास है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) अध्यक्ष और यूपी से बीजेपी सांसद बृज भूषण पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस द्वारा 28 अप्रैल को दर्ज की गई दो प्राथमिकियों में उनका नाम दर्ज किया गया है, जिसमें एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित POCSO अधिनियम के तहत भी शामिल है।

जांच पर भरोसा करें पहलवान: ठाकुर

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को उनसे दिल्ली पुलिस की जांच पर "भरोसा" करने का आग्रह किया। कहा जांच के निष्कर्ष तक "धैर्य रखें"। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए खेल मंत्री ठाकुर ने कहा कि पहलवानों को दिल्ली पुलिस की जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए। “मेरे प्यारे एथलीटों, आपको दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर भरोसा करना चाहिए … मैं पहलवानों से आग्रह करता हूं कि वे जांच के नतीजे तक धैर्य रखें। मैं उनसे यह भी आग्रह करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे खेल को नुकसान पहुंचे या किसी खिलाड़ी को चोट पहुंचे। उधर, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि एक स्थिति रिपोर्ट दायर की जा रही है, और अगले कुछ हफ्तों में अदालत में पेश की जाएगी।

दिल्ली पुलिस की सफाई, पूरी संवेदनशीलता से हो रही जांच

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच अभी चल रही है, मामले की जांच पूरी संवेदनशीलता के साथ हो रही है। पुलिस को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी कि उसके एक आला अफसर ने बुधवार को दावा किया था कि सिंह के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। पर, एक घंटे में ही पुलिस दावे से पीछे हट गई। बाद में, पुलिस प्रवक्ता ने बताया, महिला पहलवानों की ओर से दायर मामले अभी विचाराधीन हैं। अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कुछ भी करना प्रक्रिया के खिलाफ होगा।

समर्थन में सड़क पर ममता

पहलवानों से बदसलूकी के विरोध में प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बुधवार को कोलकाता में रैली में शामिल हुईं। ममता ने हाथ में तख्ती ले रखी थी, जिस पर न्याय की मांग का नारा लिखा गया था। रैली में पूर्व खिलाड़ी भी शामिल हुए।

'ज्यादा खुशफहमी भी न पाले पहलवान'

जानकारों के अनुसार, पहलवानों ने नरेश टिकैत की बात मान ली, अच्छा किया। लेकिन 5 दिन के अल्टीमेटम से सरकार की मर्जी बदलेगी, ये खुशफहमी भी नहीं पालनी चाहिए। खुद किसानों ने एमएसपी के वादे में आकर साल भर से ऊपर चला आंदोलन खत्म किया था और अपने घरों-खेतों को लौट गए थे। मोदी जी की तरह वो ये भी नहीं कह सकते कि हम जिंदा लौट गए। किसान बीच-बीच में सरकार को एमएसपी की याद दिलाते रहते हैं। ऐसे ही पहलवान जंतर-मंतर से इंडिया गेट होते हुए कहां जाएंगे और सरकार को क्या-क्या याद दिलाएंगे, ये आने वाले दिनों में दिख ही जाएगा।

किसानों को कुचलने पर भी नहीं मिला न्याय!

वरिष्ठ पत्रकार सर्वमित्रा सुरजन लिखती है कि न किसानों को कुचलने पर न्याय मिला, न गोडसे का महिमामंडन करने वालों को सजा हुई, न यौन शोषण के आरोपी पर कोई कार्रवाई हुई। उनके अट्टहास से संसद का नया भवन गूंज रहा है और लोकतंत्र उसके आगे थर्रा रहा है। वैसे भी अब देंखे तो भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न के संबंध में दो एफआईआर में आरोपी हैं, जिसमें एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी भी शामिल है। इसी बीच उन्होंने सार्वजनिक तौर पर आह्वान किया है कि ‘संतों के नेतृत्व में हम सरकार को (पॉक्सो) कानून बदलने के लिए मजबूर करेंगे।’ वो ऐसा कर पाएंगे, बाद की बात है, लेकिन यह हर किसी के लिए गहरी चिंता का विषय होना चाहिए कि सिंह एक आरोपी हैं, जो न केवल गवाहों को धमका रहे हैं, साथ ही उन्हें ऐसा लगता है कि उनका ऐसा प्रभाव है कि वे कानून को चुनौती देंगे और इसे बदलवा देंगे।

'एक मेडल की कीमत तुम क्या जानो बिरजू बाबू'

वरिष्ठ समाजसेवी और चिंतक लोकेश सलारपुरी अपनी फेसबुक पोस्ट में बृजभूषण शरण सिंह के 15 रूपये के मेडल पर तंज कसते हुए लिखते हैं कि यूं ही कोई पहलवान नहीं बन जाता है। इसके लिए...

पहले अपने गांव के अखाड़े में नम्बर वन बनना पड़ता है 
फिर आसपास के गांवों के अखाड़ों का नम्बर वन बनना पड़ता है ....
फिर अपने ब्लॉक के अखाड़ों में सर्वश्रेष्ठ पहलवान बनना पड़ता है .....
उसके बाद जिले के सारे पहलवानों को चित्त करना पड़ता है 
फिर अपने प्रदेश के सारे पहलवानों को हराना पड़ता है 
फिर सारे देश के पहलवानों में से चन्द पहलवान चुने जाते हैं जो अंतरराष्ट्रीय लेवल के दुनिया भर के पहलवानों से भिड़ते हैं ....
  
तब जाकर कोई एक पहलवान ओलिम्पिक का वो मैडल हासिल करता है जिस मैडल को गले मे पहनते हुए पूरी दुनिया उस देश के राष्ट्रगान को सुनती है और उस देश के झंडे को लहराते हुए देखती है ....

और ऐसे ही गर्व के कितने ही लम्हे इन पहलवानों ने इस देश को दिए हैं! पूरी जिंदगी की मेहनत का फल होता है ये मैडल! लेकिन कोई गुंडा, अपराधी, ठरकी टाइप का व्यक्ति इस मैडल की कीमत नही समझ सकता...
  
इस एक मैडल की कीमत तुम क्या जानो बिरजू बाबू ....

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