मदर ऑफ डेमोक्रेसी में दंडवत प्रधानमंत्री और घिसटती बेटियां...

Written by sabrang india | Published on: May 29, 2023
मदर ऑफ डेमोक्रेसी में रविवार को दो अहम नजारे देखने को मिले। एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की परवाह किये बगैर नई संसद का उद्घाटन किया और एक तरह से अपना राज्याभिषेक कराया। वहीं दूसरी तरफ देश का मान बढ़ाने वाली पहलवान बेटियां पुलिसिया कोप का शिकार बनीं और उनकी मांग को अनसुना करते हुए उन्हें सड़कों पर घसीटा गया और फिर सभी प्रदर्शनकारी पहलवानों को थाने ले जाया गया। 



बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प​हलवान नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत आयोजित करने वाले थे। हालांकि, इससे पहले ही जंतर-मंतर से संसद भवन की तरफ मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों और दिल्ली पहुंच रहे उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद पहलवानो विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत कई अन्य को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। यह प्रदर्शनकारी रविवार को ही नए संसद भवन के सामने ‘महिला सम्मान महापंचायत’ आयोजित करने वाले थे।

इससे पहले, सुबह विनेश फोगाट ने आरोप लगाया था कि इस महापंचायत के लिए आ रहे समर्थकों को कई जगहों पर हिरासत में लिया गया। अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा था, ‘जंतर मंतर पर सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। एक तरफ़ लोकतंत्र के नए भवन का उद्घाटन किया है प्रधानमंत्री जी ने, दूसरी तरफ़ हमारे लोगों की गिरफ़्तारियां चालू हैं।’

उन्होंने बताया था कि महिला महापंचायत के लिए आ रहे उनके ढेरों समर्थक किसान, छात्र संगठनों के लोगों को शनिवार रात से ही हिरासत में लिया गया है।



नई संसद के लिए पहलवानों के विरोध मार्च से पहले सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारियों को खाप पंचायत में शामिल होने से रोकने के लिए कहा गया है।

संसद भवन की तरफ जाने से रोके जाने पर पहलवान बजरंग पुनिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘क्या कोई सरकार अपने देश के चैम्पियंस के साथ ऐसे बर्ताव करवाती है ? हमने क्या गुनाह किया है?’



इससे पहले दोपहर एक बजे के करीब पहलवान साक्षी मलिक ने लिखा था कि जंतर-मंतर से उन सभी का सामान हटाया जा रहा है। मलिक ने कहा था, ‘सभी पहलवानों और बुजुर्गों माताओं को हिरासत में लेने के बाद अब पुलिस ने जंतर मंतर पर हमारा मोर्चा उखाड़ना शुरू कर दिया है। हमारा सामान उठाया जा रहा है। ये कैसी गुंडागर्दी है?’

रविवार शाम छह बजे के करीब एक ट्वीट में साक्षी मलिक ने बताया कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी पहलवानों को रिहा कर दिया गया है और वे वापस जंतर-मंतर वापस पहुंच गए हैं।

मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था।

कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था।

इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था।

हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया।

प्रदर्शनकारी पहलवानों के दिल्ली पुलिस द्वारा सिंह के खिलाफ एफआईआर न दर्ज करने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है।



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