रेसलर्स प्रोटेस्ट: मुजफ्फरनगर खाप पंचायत का ऐलान- कुरुक्षेत्र से होगा महाभारत का आगाज

Written by sabrang india | Published on: June 2, 2023
पिछले एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के समर्थन में गुरुवार को मुजफ्फरनगर के सोरम में 12 साल बाद सर्वखाप पंचायत बुलाई गई।

 

इस पंचायत में खाप प्रमुखों ने कहा कि इससे पहले भी एक महाभारत मान मर्यादा और महिला के सम्मान के लिए हुई थी और उसकी साक्षी भी कुरुक्षेत्र की भूमि थी। अब एक बार फिर हमारे मान और मर्यादा पर बात आ गई है और पानी सिर से उतर गया है। अब हम संघर्ष का रास्ता चुनेंगे।  चौधरियों ने ऐलान किया कि वो इस लड़ाई को बेटियों के मान सम्मान के लिए लड़ने जा रहे है और इसका आगाज शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में होने वाली पंचायत में होगा, वहां आगे की रणनीति तय की जाएगी।

मुजफ्फरनगर के शोरम में खाप पंचायत बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत के आह्वान पर बुलाई गई थी जिसमें 36 खापों के चौधरियों ने अपनी राय रखी। सभी सरकार के रवैये पर काफी नाराज दिखाई दिए। 

खाप पंचायत की यह कवायद इसलिए की गई क्योंकि बुधवार को बजंरग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट गंगा में अपने मैडल विसर्जित करने पहुंचे थे तो चौधरी नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था, जिसके बाद मेडल चौधरी नरेश टिकैत को सौंप दिए गए थे। अगले निर्णय के लिए यह पंचायत बुलाई गई थी। पंचायत में तमाम खाप चौधरियों में सरकार के प्रति खासी नाराज़गी तो दिखाई दी मगर आज का निर्णय आज कुरुक्षेत्र पर छोड़ दिया गया, हालांकि चौधरी नरेश टिकैत ने यह जरूर बताया कि निर्णय सुरक्षित रखा गया है।



पंचायत में गठवाला खाप के राजेन्द्र मलिक, बाबा श्याम सिंह मलिक गठवाला खाप, चन्द्रवीर सिंह निर्वाल और संजय सिंह कालखंडे, चौधरी वरुण सिंह सहरावत, चौधरी रामपाल सिंह कलसयान खाप, सुरेंद्र सिंह देशखाप, चौधरी ठाठ सिंह चौबीसी, चौधरी सचिन सिंह बुड़ियान, विनय सिंह बत्तीसा खाप, मनोज गुर्जर पंवार खाप, चौधरी उपेंद्र कूड़ु, चौधरी जितेंद्र हुड्डा, चौधरी सुखपाल सिंह घनघस जैसे तमाम बड़े नाम वाले चौधरी उपस्थित रहे।

खाप पंचायत में इन्होंने कहा कि इससे पहले भी एक महाभारत मान मर्यादा और महिला के सम्मान के लिए हुई थी और उसकी साक्षी भी कुरुक्षेत्र की भूमि थी। अब एक बार फिर हमारे मान और मर्यादा पर बात आ गई है। सरकार एक बाहुबली सांसद को बचाने पर उतर आई है। हमारी बेटियों को सड़कों पर जूतों से रौंदा जा रहा है। अब सर से पानी उतर गया है। अगर यूं है तो यूं ही सही। हम अब संघर्ष का रास्ता चुनेंगे।



पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे और उन्होंने कहा कि वो बेटियों को अयोध्या के संतों के बीच भी लेकर जाएंगे। इसके अलावा तमाम खाप पंचायत के चौधरी महामहिम राष्ट्रपति से भी अपनी बात कहेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि आज खिलाड़ियों की जाति पर बात कर रहे हैं, जब वो देश के लिए मैडल लेकर आते थे तो जाति की बात नही होती थी बल्कि वो भारतीय थे। इन खिलाड़ियों की बस एक जाति है कि 'तिंरगा जाति'। भारत से बाहर इन्हें हमारे देश के तिंरगा झंडे से पहचाना जाता है। यह पूरे देश के खिलाड़ी हैं। सरकार इन्हें अपमानित कर रही है। यह आंदोलनकारी नही हैं। यह हमारे बच्चे हैं। इन्होंने जितना संघर्ष कर सकते थे, कर लिया। अब तो इनके आंसुओ का हिसाब हम सरकार से लेंगे। यह लड़ाई लड़ी जाएगी और लड़कियां हारेंगी नही।



बालियान खाप के चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने पंचायत में बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार में अपने समाज के कुछ मंत्रीगणों से बात की और कहा कि इस मामले को सुलझा लो, खिलाड़ियों के साथ अत्याचार हो रहा है। उनकी तो एफआईआर भी सुप्रीम कोर्ट से दर्ज हुई है तो दोनों मंत्रियों ने कहा कि उनके हाथ की बात नही है, वो कुछ नही कर सकते हैं। यह बात यह साबित करती है कि यह कार्रवाई की रोकथाम बड़े स्तर से है तो हम लड़ाई भी बड़े स्तर से ही लड़ेंगे।



नरेश टिकैत ने कहा कि जिस समय हमने हरिद्वार में खिलाड़ियों के मेडल को अपने कंधे पर रखा था तो उसी समय यह तय कर लिया था कि यह खिलाड़ियों का नहीं अब हमारा बोझ है और खिलाड़ी हमारे बच्चे हैं। अब हम सब मिलकर यह लड़ाई लडेंगे। हरिद्वार में गंगा घाट पर बहुत मार्मिक दृश्य था। बच्चों की आंख के आंसू अब दिमाग़ में छाए हुए हैं। हम बच्चों के साथ हैं।

पहलवानों को IOC का समर्थन
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह ‘बहुत परेशान करने वाला’ था। आईओसी की प्रतिक्रिया यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों को हिरासत में लेने की आलोचना के बाद आई है। कुश्ती के इस वैश्विक निकाय ने निर्धारित समय के भीतर अपना चुनाव कराने में विफल रहने पर इस राष्ट्रीय महासंघ को निलंबित करने की धमकी दी थी।

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की चेतावनी
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग भी पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर कड़ा बयान जारी कर चुका है। इसने बृजभूषण के खिलाफ जांच पर निराशा व्यक्त की और 45 दिनों के भीतर डब्ल्यूएफआई के चुनाव नहीं होने पर भारत को सस्पेंड करने की धमकी दी है।

Related:
मदर ऑफ डेमोक्रेसी में दंडवत प्रधानमंत्री और घिसटती बेटियां...

बाकी ख़बरें