मेरठ। कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर और यूपी गेट पर किसान आंदोलन के साथ-साथ खाप नेताओं ने कल से दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर बड़ौत में नया मोर्चा खोलने को हुंकार भरी है। 19 दिसंबर को दिल्ली-सहारनपुर हाईवे जाम किया जाएगा और किसान अनिश्चितकालीन धरना देंगे। बड़ौत में चौधरी सुरेंद्र सिंह के आवास पर देशखाप के थांबेदारों की बैठक में इसका एलान किया गया। इसमें कहा गया कि सरकार से आरपार की लड़ाई होगी।
दरअसल गुरुवार को पश्चिमी यूपी के किसान संगठनों के नेताओ और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली कूच किया। वहीं भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने दिल्ली रवाना होने से पहले बड़ौत में खाप चौधरियों के साथ बैठक की और तीसरा मोर्चा बड़ौत से खोलने का एलान किया।
बैठक में चौधरी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि औद्योगिक पुलिस चौकी पर आंदोलन को चौबीसी खाप छपरौली के चौधरी सुभाष और पंवार खाप के चौधरी धर्मवीर सिंह ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि जनभावना को देखते हुए बड़ौत में आंदोलन शुरू करेंगे।
उधर, दिल्ली में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और खाप नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है और तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है तो आर-पार की लड़ाई होगी।
भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष और बालियान खाप के प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत गुरुवार को दिल्ली-यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को अब तक नकली झांकियां निकाली जाती थीं, लेकिन इस बार किसानों की असली झांकी भी परेड में शामिल होगी। इससे ऐसा लग रहा है कि अब तक दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान दिल्ली मार्च भी कर सकते हैं।
इस बीच गुरुवार को दिल्ली-यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश की 18 खाप पंचायतों की बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महापंचायत में किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा अगर सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती तो आने वाले चुनाव में भी भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस बीच सर्वोच्च अदालत के कथन कि 'वह प्रदर्शन करने के किसानों के अधिकार को कम नहीं कर सकता है' तथा 'बातचीत तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को स्थगित करने पर विचार करे' से भी किसानो को उर्जा मिली है और वह इसे अपनी नैतिक जीत मान रहे हैं।
दरअसल गुरुवार को पश्चिमी यूपी के किसान संगठनों के नेताओ और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली कूच किया। वहीं भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने दिल्ली रवाना होने से पहले बड़ौत में खाप चौधरियों के साथ बैठक की और तीसरा मोर्चा बड़ौत से खोलने का एलान किया।
बैठक में चौधरी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि औद्योगिक पुलिस चौकी पर आंदोलन को चौबीसी खाप छपरौली के चौधरी सुभाष और पंवार खाप के चौधरी धर्मवीर सिंह ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि जनभावना को देखते हुए बड़ौत में आंदोलन शुरू करेंगे।
उधर, दिल्ली में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और खाप नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है और तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है तो आर-पार की लड़ाई होगी।
भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष और बालियान खाप के प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत गुरुवार को दिल्ली-यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को अब तक नकली झांकियां निकाली जाती थीं, लेकिन इस बार किसानों की असली झांकी भी परेड में शामिल होगी। इससे ऐसा लग रहा है कि अब तक दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान दिल्ली मार्च भी कर सकते हैं।
इस बीच गुरुवार को दिल्ली-यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश की 18 खाप पंचायतों की बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महापंचायत में किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया गया। उन्होंने कहा अगर सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती तो आने वाले चुनाव में भी भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस बीच सर्वोच्च अदालत के कथन कि 'वह प्रदर्शन करने के किसानों के अधिकार को कम नहीं कर सकता है' तथा 'बातचीत तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को स्थगित करने पर विचार करे' से भी किसानो को उर्जा मिली है और वह इसे अपनी नैतिक जीत मान रहे हैं।