किसान आंदोलन के समर्थन में आए यूपी के खाप चौधरी, 17 को दिल्ली कूच

Written by Navnish Kumar | Published on: December 16, 2020
मेरठ। मोदी सरकार लाख भ्रामक प्रचार करे कि दिल्ली किसान आंदोलन, पंजाब व हरियाणा के किसानों का आंदोलन हैं लेकिन हरियाणा के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश के खाप चौधरियों ने भी किसान आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर कड़ाके की ठंड में माहौल गरमा दिया है।



उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में किये जा रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया है और वह कल 17 दिसंबर को अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन को और अधिक धार देने के लिए दिल्ली कूच करेंगे और किसान आंदोलन में शामिल होंगे। 

‘अखिल खाप परिषद' के सचिव सुभाष बालियान ने कहा कि शाहपुर पुलिस थानांतर्गत क्षेत्र के सोरम गांव की एतिहासिक चौपाल पर हुई खाप प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया हैं। खाप चौधरियों ने किसानों से भी सभी मतभेद भुला कर आंदोलन में भाग लेने का आह्वान किया है।

गांव सोरम में चौपाल पर हुई सर्वखाप पंचायत में मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया गया। पंचायत में उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा के भी कई खाप चौधरियों ने भाग लिया और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की।

पंचायत में बालियान खाप के मुखिया और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं। सरकार तीनों कानूनों को किसान हित में बताकर किसानों के साथ छलावा कर रही है। किसानों की फसलों पर सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन के चलते सरकार दबाव में है। सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि किसान ढीले पड़ गए तो सरकार किसानों पर और शिकंजा कसेगी। किसानों को संघर्ष करने के लिए आंदोलन को अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा। सभी किसान मतभेद भुलाने के साथ संगठित होकर 17 दिसंबर को किसान आंदोलन में भाग लें।

सर्वखाप मंत्री चौधरी सुभाष बालियान ने कहा कि तीनों कानूनों को वापस कराने के लिए किसानों को एकजुट होकर सैलाब के रूप में दिल्ली रवाना होना होगा। निर्वाल खाप के चौधरी राजबीर सिंह ने कहा कि सोरम की चौपाल ऐतिहासिक है। इस चौपाल से देश व समाज हित के लिए जो निर्णय लिए गए वह सभी सफल हुए हैं।

हुड्डा खाप के चौधरी जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी किसानों को मजबूती दिखानी चाहिए। बत्तीसा खाप के चौधरी अजय कुमार ने कहा कि देश में सभी की आमदनी बढ़ी है, किंतु किसान जस का तस है। कुंडू खाप के चौधरी उपेंद्र सिंह ने कहा कि देश की जनता को एकजुट होकर तीनों काले कानूनों का विरोध करना चाहिए।

अहलावत खाप के चौधरी गजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार वार्ता कर किसान विरोधी कानून वापस ले। उन्होंने कहा कि सर्वखाप ने देश व समाज के लिए जब-जब निर्णय लिए वह सफल हुए हैं। 

सर्वखाप पंचायत का संचालन ओमपाल सिंह ने किया। पंचायत में बेनीवाल खाप के चौधरी अमित बेनीवाल, देशवाल खाप के चौधरी शरणवीर सिंह,  लाटियान खाप के चौधरी वीरेंद्र सिंह, चौहान खाप के चौधरी विवेक चौहान, तालियान खाप के चौधरी सुधीर तालियान, बुड़ियान खाप के चौधरी जसवीर सिंह के अलावा गठवाला खाप के चौधरी के प्रतिनिधि जसवीर सिंह फौजी आदि मौजूद रहे।

याचिका पर SC में आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इनमें दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जाम और कोरोना वायरस संकट को लेकर भी याचिका दायर की गई है। इसके अलावा किसान आंदोलन में मानवाधिकारों, पुलिस एक्शन और किसानों की मांग मानने की अपील से जुड़ी याचिका भी दाखिल की गई है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इन मामलों पर सुनवाई करेगी।
 

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