नई दिल्ली। भारत में फैला कोरोना वायरस अभी कर्व मार्किंग से फ्लैट होने से काफी दूर है लेकिनभारतीय रेलवे ने इसे 12 मई से यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए पर्याप्त सुरक्षित माना है। अब ऑनलाइन बुकिंग खुली हैं। रेलवे की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 15 ट्रेनों के साथ रेलवे ट्रैक फिर से खोले जाएंगे जिससे 30 वापसी यात्राएं होंगी।
रेलवे ने इन्हें 'स्पेशल ट्रेन' के रूप में चिह्नित किया है। राजधानी दिल्ली में अभी 11 रेड जोन हैं और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली से दक्षिण तिरुवंतपुरम, पूर्व में हावड़ा और पश्चिम में अहमदाबाद तक ट्रेनें जाती हैं। इन ट्रेनों के कुछ गंतव्य शहरों को अभी भी कोरोनावायरस रेड जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ट्रेने इन रेड जोन शहरों और इलाकों से यात्रियों के एक समहू को दिल्ली वापस लेकर आएंगी।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इन स्पेशल ट्रेनों को प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए पहले ही अनुमति दे रखी है। सोमवार को गृहमंत्रालय ने गर्व के साथ घोषणा की कि 101 स्पेशल ट्रेने पहले से ही 11 मई से चलाई जा रही हैं ताकि प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाया जा सके।
नई स्पेशल ट्रेनें आम यात्रियों के लिए खुली हैं। जो इन ट्रेनों से यात्रा करना चाहते हैं उसके लिए रेल मंत्रालय और केंद्रीय गृहमंत्रालय दोनों ने यात्रियों के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) की घोषणा की है।
हालांकि, सवाल यह है कि अगर बुनियादी हाथ की स्वच्छता और मास्क पहनने के बाद ट्रेन यात्रा करना इतना आसान था तो रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने में इतना समय क्यों लगा?
एक बड़ा सवाल यह भी है कि प्रवासी कामगारों को घर जाने के लिए तब गाड़ियों की सुविधा क्यों नहीं दी गई जब वे पहले दिन से उन्होंने ही पैदल घरों की ओर जाना शुरु कर दिया था। अभी भी हर दिन प्रवासी श्रमिकों के सैकड़ो मील पैदल चलने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
रेल की पटरियों पर मारे गए प्रवासियों की घटना अंतरात्मा की आवाज को हिला देती है। उनका क्या होगा जो अभी पटरियों पर चल रहे हैं? उन्हें शायद पता ही नहीं होगा कि स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं।
रेलवे ने घोषणा की है कि अब उन लोगों के लिए इन विशेष ट्रेनों तक पहुंच उपलब्ध है जिनके हाथों में ई-टिकट होगा। वैध कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को एक फेस कवर पहनना होगा और एंट्री के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और जो कोविड 19 के संपर्क में नहीं हैं उन्हें ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा कि 'ई-टिकट की एक प्रति के साथ लोगों को ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति देगी और कर्फ्यू पास, मूवमेंट पास की आवश्यकता नहीं है। उम्मीद है कि यात्रियों को उतारने के बाद वहीं टिकट उन्हें स्टेशन से वापस आने में मदद करेगा।' यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों के सामान को कौन साफ करेगा।
इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई से शुरू हो गई है और इसे केवल IRCTC की वेबसाइट (https://www.irctc.co.in/) पर किया जाना है। रेलवे स्टेशनों पर सभी टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और प्लेटफ़ॉर्म टिकट सहित कोई टिकट नहीं बेचा जाएगा।़
अहमदाबाद के एक डॉक्टर के अनुसार, अब ट्रेन शुरू करना अच्छा विचार नहीं है, यह अभी भी उच्च जोखिम है। रेलवे स्टेशनों पर कोविड 19 के लक्षणों की स्क्रीनिंग करने की सुविधा पर्याप्त नहीं है।
उत्तर भारत में रेल सेवा बंद होने से पहले को एक डॉक्टर ने पूछा कि एक बोगी में कोविड 19 के पॉजिटिव पाए गए थे और उस बोगी में यात्रा करने वाले सबी लोगों को ट्रेस किया गया और उन्हें क्वारंटीन किया गया। तस्वीरों में हमने देखा है कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से वापस आने वाले यात्री एक दूसरे के करीब बैठे हैं वे फेस शील्ड और मास्क पहने हुए थे और चालक दल पीपीई में था। क्या ट्रेन में भी यह संभव होगा।
एक अन्य डॉक्टर कहा कि प्रस्थान से पहले ट्रेनों को पूरी तरह से साफ कर दिया गया था, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं था कि गंतव्य तक पहुंचने तक सैनिटाइजेशन प्रभावी कैसे रहेगा। उन्होने पूछा कि "वे प्लेटफार्मों और फिर ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे सुनिश्चित करेंगे?"
यह भी स्पष्ट नहीं है कि यात्री के लिए रेलवे स्टेशन से घर जाने तक की क्या व्यवस्था होगी। सार्वजनिक परिवहन देशभर में प्रतिबंधित है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा है कि लोग अपनी व्यवस्था खुद करना होगा। यात्रा करने वाले सभी लोगों को अपने स्मार्टफोन से उपाय के रुप में आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना होगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रेन में खिड़कियों, नल, हैंडल, शौचालय आदि को सैनिटाइज करने के लिए आपूर्ति कैसे होगी। यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं है कि लंबी दूरी की ट्रेनों में खाद आपूर्ति कैसे होगी।
केरल के एक यात्री ने पूछा कि क्या ट्रेन में सभी सतहों की सफाई के लिए स्वच्छता टीम होगी? क्योंकि एक सामान्य बोगी में नल और हैंडल कई लोगों द्वारा कई बार स्पर्श किए जाते हैं। उन्हें कैसे साफ रखा जाएगा? उन्होंने पूछा कि दिल्ली से तिरुवनंतपुरम तक ट्रेन से एक लंबी यात्रा है। क्या बिस्तरों को सैनिटाइज किया जाएगा।
अभी बहुत सारे सवाल हैं जिनका जवाब रेल मंत्रालय ने देना है लेकिन इसके बजाय उन्होंने कहा है कि नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तिव को जोड़ने वाली सभी ट्रेनें संचालित होंगी।
मूल खबर : Will the coronavirus be put on fast track when the special passenger trains start running?
रेलवे ने इन्हें 'स्पेशल ट्रेन' के रूप में चिह्नित किया है। राजधानी दिल्ली में अभी 11 रेड जोन हैं और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली से दक्षिण तिरुवंतपुरम, पूर्व में हावड़ा और पश्चिम में अहमदाबाद तक ट्रेनें जाती हैं। इन ट्रेनों के कुछ गंतव्य शहरों को अभी भी कोरोनावायरस रेड जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ट्रेने इन रेड जोन शहरों और इलाकों से यात्रियों के एक समहू को दिल्ली वापस लेकर आएंगी।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इन स्पेशल ट्रेनों को प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए पहले ही अनुमति दे रखी है। सोमवार को गृहमंत्रालय ने गर्व के साथ घोषणा की कि 101 स्पेशल ट्रेने पहले से ही 11 मई से चलाई जा रही हैं ताकि प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचाया जा सके।
नई स्पेशल ट्रेनें आम यात्रियों के लिए खुली हैं। जो इन ट्रेनों से यात्रा करना चाहते हैं उसके लिए रेल मंत्रालय और केंद्रीय गृहमंत्रालय दोनों ने यात्रियों के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) की घोषणा की है।
हालांकि, सवाल यह है कि अगर बुनियादी हाथ की स्वच्छता और मास्क पहनने के बाद ट्रेन यात्रा करना इतना आसान था तो रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने में इतना समय क्यों लगा?
एक बड़ा सवाल यह भी है कि प्रवासी कामगारों को घर जाने के लिए तब गाड़ियों की सुविधा क्यों नहीं दी गई जब वे पहले दिन से उन्होंने ही पैदल घरों की ओर जाना शुरु कर दिया था। अभी भी हर दिन प्रवासी श्रमिकों के सैकड़ो मील पैदल चलने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
रेल की पटरियों पर मारे गए प्रवासियों की घटना अंतरात्मा की आवाज को हिला देती है। उनका क्या होगा जो अभी पटरियों पर चल रहे हैं? उन्हें शायद पता ही नहीं होगा कि स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं।
रेलवे ने घोषणा की है कि अब उन लोगों के लिए इन विशेष ट्रेनों तक पहुंच उपलब्ध है जिनके हाथों में ई-टिकट होगा। वैध कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को एक फेस कवर पहनना होगा और एंट्री के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और जो कोविड 19 के संपर्क में नहीं हैं उन्हें ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा कि 'ई-टिकट की एक प्रति के साथ लोगों को ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति देगी और कर्फ्यू पास, मूवमेंट पास की आवश्यकता नहीं है। उम्मीद है कि यात्रियों को उतारने के बाद वहीं टिकट उन्हें स्टेशन से वापस आने में मदद करेगा।' यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों के सामान को कौन साफ करेगा।
इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई से शुरू हो गई है और इसे केवल IRCTC की वेबसाइट (https://www.irctc.co.in/) पर किया जाना है। रेलवे स्टेशनों पर सभी टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और प्लेटफ़ॉर्म टिकट सहित कोई टिकट नहीं बेचा जाएगा।़
अहमदाबाद के एक डॉक्टर के अनुसार, अब ट्रेन शुरू करना अच्छा विचार नहीं है, यह अभी भी उच्च जोखिम है। रेलवे स्टेशनों पर कोविड 19 के लक्षणों की स्क्रीनिंग करने की सुविधा पर्याप्त नहीं है।
उत्तर भारत में रेल सेवा बंद होने से पहले को एक डॉक्टर ने पूछा कि एक बोगी में कोविड 19 के पॉजिटिव पाए गए थे और उस बोगी में यात्रा करने वाले सबी लोगों को ट्रेस किया गया और उन्हें क्वारंटीन किया गया। तस्वीरों में हमने देखा है कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से वापस आने वाले यात्री एक दूसरे के करीब बैठे हैं वे फेस शील्ड और मास्क पहने हुए थे और चालक दल पीपीई में था। क्या ट्रेन में भी यह संभव होगा।
एक अन्य डॉक्टर कहा कि प्रस्थान से पहले ट्रेनों को पूरी तरह से साफ कर दिया गया था, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं था कि गंतव्य तक पहुंचने तक सैनिटाइजेशन प्रभावी कैसे रहेगा। उन्होने पूछा कि "वे प्लेटफार्मों और फिर ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे सुनिश्चित करेंगे?"
यह भी स्पष्ट नहीं है कि यात्री के लिए रेलवे स्टेशन से घर जाने तक की क्या व्यवस्था होगी। सार्वजनिक परिवहन देशभर में प्रतिबंधित है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा है कि लोग अपनी व्यवस्था खुद करना होगा। यात्रा करने वाले सभी लोगों को अपने स्मार्टफोन से उपाय के रुप में आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना होगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रेन में खिड़कियों, नल, हैंडल, शौचालय आदि को सैनिटाइज करने के लिए आपूर्ति कैसे होगी। यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं है कि लंबी दूरी की ट्रेनों में खाद आपूर्ति कैसे होगी।
केरल के एक यात्री ने पूछा कि क्या ट्रेन में सभी सतहों की सफाई के लिए स्वच्छता टीम होगी? क्योंकि एक सामान्य बोगी में नल और हैंडल कई लोगों द्वारा कई बार स्पर्श किए जाते हैं। उन्हें कैसे साफ रखा जाएगा? उन्होंने पूछा कि दिल्ली से तिरुवनंतपुरम तक ट्रेन से एक लंबी यात्रा है। क्या बिस्तरों को सैनिटाइज किया जाएगा।
अभी बहुत सारे सवाल हैं जिनका जवाब रेल मंत्रालय ने देना है लेकिन इसके बजाय उन्होंने कहा है कि नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तिव को जोड़ने वाली सभी ट्रेनें संचालित होंगी।
मूल खबर : Will the coronavirus be put on fast track when the special passenger trains start running?