पूरे विधानसभा चुनाव में अपने '80 बनाम 20' और 'गजवा-ए-हिंद' जैसे बयानों से ध्रुवीकरण को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने, अंतिम चरण के चुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है।
योगी ने अपने बयान में कहा, "मैं मुसलमानों से प्यार करता हूं और मुसलमान मुझसे प्यार करते हैं।" दरअसल उत्तर प्रदेश में सोमवार को सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मुसलमान उनसे प्यार करते हैं और वे भी मुसलमानों से प्यार करते हैं। चुनाव के बीच, ’80 बनाम 20′ का बयान देकर सीएम योगी विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। इसके उलट, आजमगढ़ के पहली बार वोट करने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स का कहना है कि वो (योगी) उन्हें (मुस्लिमों को) जानबूझकर टारगेट करते हैं। युवाओं ने आगे कहा कि हमें टारगेट किए बिना योगी आदित्यनाथ एक चुनाव नहीं जीत सकते हैं।
सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मुसलमानों से उनका वही रिश्ता है, जो रिश्ता मुसलमानों का उनसे है।” एक अन्य इंटरव्यू में जब इस बयान के मायने पूछे गए तो सीएम योगी ने कहा, “मुझसे उनका जैसा व्यवहार है, मेरा उनके साथ वही व्यवहार है। वह मुझसे प्यार करते हैं और मैं उनसे प्यार करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का नारा देते हैं लेकिन बीजेपी ने किसी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया, व आपका मुसलमानों से क्या रिश्ता है? सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''मेरा वही रिश्ता उनके साथ है, जो उनका रिश्ता मुझसे है। उत्तर प्रदेश सरकार में एक मुस्लिम मंत्री हैं। केंद्र सरकार में मंत्री हैं नक़वीजी और भी कई चेहरे हैं। आरिफ़ मोहम्मद ख़ान जी केरल के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। मेरा किसी व्यक्ति, जाति या मज़हब से विरोध नहीं है। लेकिन हाँ, जिसका विरोध भारत से है, भारतीयता से है, स्वाभाविक रूप से हमारा उससे विरोध है।''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ''जो भारत से प्यार करता है, हम उससे प्यार करते हैं। जो भारत के मूल्यों, सिद्धांतो में रचा-बसा है, उसको गले लगाते हैं, सम्मान भी देते हैं। सबका साथ, सबका विकास के एजेंडे पर अगर आज़ादी के बाद किसी ने ईमानदारी से काम किया है तो वो भारतीय जनता पार्टी ने किया है। आप देख सकते हैं, जो लोग ग़रीबी हटाओ का नारा देते थे, सामाजिक न्याय की बात करते थे, उन्होंने कौन सा सामाजिक न्याय दिया? ग़रीबों की पेंशन हड़प जाना क्या सामाजिक न्याय है?'' योगी ने कहा, ''हम तुष्टीकरण किसी का नहीं करते हैं। हम व्यवस्था को भारत के संविधान के अनुरूप चलाएंगे। सेक्युलरिज़म का मतलब हिन्दू विरोध नहीं हो सकता और इसका मतलब तुष्टीकरण भी नहीं हो सकता। सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।''
आपको जब मुसलमान विरोधी बताते हैं तो कैसा लगता है? इस सवाल के जवाब में योगी ने कहा, ''मुझे तो बहुत लोग विरोधी कहते हैं। हम लोग ज़हर पीते हैं और अमृत बाँटने का काम करते हैं।'' जबकि गजवा-ए-हिंद को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मैं फिर से अपनी बात दोहरा रहा हूं, गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक पूरा नहीं होगा।” एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से चलना चाहिए। बाबा साहेब अंबेडकर और महान स्वंत्रतता सेनानियों ने देश को संविधान दिया है, देश व्यक्तिगत कानून से नहीं चल सकता है। देश में 135 करोड़ लोगों के लिए काम करना है। इस दौरान '80 बनाम 20' पर योगी ने कहा कि यूपी में 80 फीसदी सीटें भाजपा को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि 2017 में पार्टी ने 80 फीसदी सीटें जीती थीं और 2019 में भी पार्टी ने एक बार फिर 80 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में भी भाजपा 80 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
इसके उलट, मुस्लिम युवा मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ राजनीतिक लाभ को उन्हें (मुस्लिमों को) जानबूझकर टारगेट करते हैं। पहली बार वोट डालने वाले आजमगढ़ के कुछ मुस्लिम स्टूडेंट्स से बातचीत में यह बात निकलकर आई। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें टारगेट किए बिना योगी आदित्यनाथ एक चुनाव नहीं जीत सकते। आजमगढ़ में शिबली नेशनल कॉलेज की ये छात्राएं पहली बार की मतदाता भी हैं जिन्होंने 'जनसत्ता' से बातचीत में शिक्षा और विकास के मुद्दों पर अपनी राय रखी। 19 वर्षीय अरिशा जमाली (जो शिक्षक बनना चाहती हैं) ने कहा कि, “युवा शिक्षित होंगे तभी देश का भविष्य उज्जवल होगा। विकास तभी होगा जब शिक्षा सभी के लिए सस्ती हो।” जबकि अरिशा की दोस्त सानुबी इम्तियाज जो डॉक्टर बनने की उम्मीद रखती हैं, उन्होंने कहा कि, “सरकार को स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी ने देखा कि कोरोना के दौरान क्या हुआ था? हमारा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पूरी तरह से बेनकाब हो गया था। ये आम लोगों के जीवन को बचाने में विफल था।”
सानुबी ने कहा कि देश के लिए राजनीति में महिलाओं का होना जरूरी है। उन्होंने कहा, “सपा ने छात्रों के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन मैं अखिलेश यादव की जातिगत राजनीति से असहमत हूं। भविष्य में अगर किसी महिला के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कोई बेहतर विकल्प सामने आता है तो मैं अपनी पसंद बदल दूंगी।”
सानुबी कहती है, “एआईएमआईएम और BJP के बीच अखिलेश राज्य के लिए एक अच्छे मध्य मैन प्रतीत होते हैं। वह न तो पक्के मुसलमान हैं और न ही वे भाजपा की तरह हिंदुत्ववादी हैं। अगर वह सत्ता में आते हैं तो सभी का विकास सुनिश्चित करेंगे। सिर्फ इसलिए कि मैं मुस्लिम हूं, मैं सिर्फ मुसलमानों के लिए विकास के बारे में नहीं सोच सकती। विकास जाति और धर्म से परे सभी तक पहुंचना चाहिए।”
सदफ सिद्दीकी इस आधार पर कहती हैं कि भाजपा सरकार विफल हो गई है क्योंकि, “बीजेपी देश में धर्मनिरपेक्षता समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। वे केवल मुसलमानों के बारे में बात करते हैं। सीएम कहते हैं 10 मार्च के बाद देख लेंगे। फिर वह '80 बनाम 20' की बात करतें हैं। वह यह सब इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाए बिना वो चुनाव नहीं जीत सकते।”
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योगी ने अपने बयान में कहा, "मैं मुसलमानों से प्यार करता हूं और मुसलमान मुझसे प्यार करते हैं।" दरअसल उत्तर प्रदेश में सोमवार को सातवें और अंतिम चरण के लिए मतदान हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मुसलमान उनसे प्यार करते हैं और वे भी मुसलमानों से प्यार करते हैं। चुनाव के बीच, ’80 बनाम 20′ का बयान देकर सीएम योगी विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। इसके उलट, आजमगढ़ के पहली बार वोट करने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स का कहना है कि वो (योगी) उन्हें (मुस्लिमों को) जानबूझकर टारगेट करते हैं। युवाओं ने आगे कहा कि हमें टारगेट किए बिना योगी आदित्यनाथ एक चुनाव नहीं जीत सकते हैं।
सीएम योगी ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मुसलमानों से उनका वही रिश्ता है, जो रिश्ता मुसलमानों का उनसे है।” एक अन्य इंटरव्यू में जब इस बयान के मायने पूछे गए तो सीएम योगी ने कहा, “मुझसे उनका जैसा व्यवहार है, मेरा उनके साथ वही व्यवहार है। वह मुझसे प्यार करते हैं और मैं उनसे प्यार करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का नारा देते हैं लेकिन बीजेपी ने किसी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया, व आपका मुसलमानों से क्या रिश्ता है? सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''मेरा वही रिश्ता उनके साथ है, जो उनका रिश्ता मुझसे है। उत्तर प्रदेश सरकार में एक मुस्लिम मंत्री हैं। केंद्र सरकार में मंत्री हैं नक़वीजी और भी कई चेहरे हैं। आरिफ़ मोहम्मद ख़ान जी केरल के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। मेरा किसी व्यक्ति, जाति या मज़हब से विरोध नहीं है। लेकिन हाँ, जिसका विरोध भारत से है, भारतीयता से है, स्वाभाविक रूप से हमारा उससे विरोध है।''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ''जो भारत से प्यार करता है, हम उससे प्यार करते हैं। जो भारत के मूल्यों, सिद्धांतो में रचा-बसा है, उसको गले लगाते हैं, सम्मान भी देते हैं। सबका साथ, सबका विकास के एजेंडे पर अगर आज़ादी के बाद किसी ने ईमानदारी से काम किया है तो वो भारतीय जनता पार्टी ने किया है। आप देख सकते हैं, जो लोग ग़रीबी हटाओ का नारा देते थे, सामाजिक न्याय की बात करते थे, उन्होंने कौन सा सामाजिक न्याय दिया? ग़रीबों की पेंशन हड़प जाना क्या सामाजिक न्याय है?'' योगी ने कहा, ''हम तुष्टीकरण किसी का नहीं करते हैं। हम व्यवस्था को भारत के संविधान के अनुरूप चलाएंगे। सेक्युलरिज़म का मतलब हिन्दू विरोध नहीं हो सकता और इसका मतलब तुष्टीकरण भी नहीं हो सकता। सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।''
आपको जब मुसलमान विरोधी बताते हैं तो कैसा लगता है? इस सवाल के जवाब में योगी ने कहा, ''मुझे तो बहुत लोग विरोधी कहते हैं। हम लोग ज़हर पीते हैं और अमृत बाँटने का काम करते हैं।'' जबकि गजवा-ए-हिंद को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मैं फिर से अपनी बात दोहरा रहा हूं, गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक पूरा नहीं होगा।” एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से चलना चाहिए। बाबा साहेब अंबेडकर और महान स्वंत्रतता सेनानियों ने देश को संविधान दिया है, देश व्यक्तिगत कानून से नहीं चल सकता है। देश में 135 करोड़ लोगों के लिए काम करना है। इस दौरान '80 बनाम 20' पर योगी ने कहा कि यूपी में 80 फीसदी सीटें भाजपा को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि 2017 में पार्टी ने 80 फीसदी सीटें जीती थीं और 2019 में भी पार्टी ने एक बार फिर 80 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में भी भाजपा 80 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
इसके उलट, मुस्लिम युवा मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ राजनीतिक लाभ को उन्हें (मुस्लिमों को) जानबूझकर टारगेट करते हैं। पहली बार वोट डालने वाले आजमगढ़ के कुछ मुस्लिम स्टूडेंट्स से बातचीत में यह बात निकलकर आई। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें टारगेट किए बिना योगी आदित्यनाथ एक चुनाव नहीं जीत सकते। आजमगढ़ में शिबली नेशनल कॉलेज की ये छात्राएं पहली बार की मतदाता भी हैं जिन्होंने 'जनसत्ता' से बातचीत में शिक्षा और विकास के मुद्दों पर अपनी राय रखी। 19 वर्षीय अरिशा जमाली (जो शिक्षक बनना चाहती हैं) ने कहा कि, “युवा शिक्षित होंगे तभी देश का भविष्य उज्जवल होगा। विकास तभी होगा जब शिक्षा सभी के लिए सस्ती हो।” जबकि अरिशा की दोस्त सानुबी इम्तियाज जो डॉक्टर बनने की उम्मीद रखती हैं, उन्होंने कहा कि, “सरकार को स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी ने देखा कि कोरोना के दौरान क्या हुआ था? हमारा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पूरी तरह से बेनकाब हो गया था। ये आम लोगों के जीवन को बचाने में विफल था।”
सानुबी ने कहा कि देश के लिए राजनीति में महिलाओं का होना जरूरी है। उन्होंने कहा, “सपा ने छात्रों के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन मैं अखिलेश यादव की जातिगत राजनीति से असहमत हूं। भविष्य में अगर किसी महिला के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कोई बेहतर विकल्प सामने आता है तो मैं अपनी पसंद बदल दूंगी।”
सानुबी कहती है, “एआईएमआईएम और BJP के बीच अखिलेश राज्य के लिए एक अच्छे मध्य मैन प्रतीत होते हैं। वह न तो पक्के मुसलमान हैं और न ही वे भाजपा की तरह हिंदुत्ववादी हैं। अगर वह सत्ता में आते हैं तो सभी का विकास सुनिश्चित करेंगे। सिर्फ इसलिए कि मैं मुस्लिम हूं, मैं सिर्फ मुसलमानों के लिए विकास के बारे में नहीं सोच सकती। विकास जाति और धर्म से परे सभी तक पहुंचना चाहिए।”
सदफ सिद्दीकी इस आधार पर कहती हैं कि भाजपा सरकार विफल हो गई है क्योंकि, “बीजेपी देश में धर्मनिरपेक्षता समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। वे केवल मुसलमानों के बारे में बात करते हैं। सीएम कहते हैं 10 मार्च के बाद देख लेंगे। फिर वह '80 बनाम 20' की बात करतें हैं। वह यह सब इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाए बिना वो चुनाव नहीं जीत सकते।”
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