उत्तर प्रदेश में आज 9 जिलों की 59 सीटों पर चौथे चरण का मतदान हुआ। ये जिले हैं- लखनऊ, सीतापुर, खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, बांदा, फतेहपुर और पीलीभीत।
5 बजे तक 57.45% मतदान हुआ है। वोटिंग के मामले में 62.45% के साथ लखीमपुर खीरी सबसे अव्वल रहा। लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे द्वारा कार से किसानों को कुचलने को लेकर सुर्खियों में रहा था। इसी जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग शायद भाजपा को सांसत में डाल सकती है। किसान संगठन लंबे समय से मंत्री को हटाने की मांग केंद्र सरकार से करते रहे हैं लेकिन बीजेपी सरकार ने ऐसा नहीं किया है।
राज्य में वोटिंग के बीच आरोपों का दौर भी चलता रहा। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके बांदा सदर विधानसभा में 305 और 306 नंबर के बूथ की कैप्चरिंग का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि शिकायत के लिए DM से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस मामले में सपा ने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है।
लखनऊ के एक पोलिंग बूथ पर गुलाम कादिर नाम के मतदाता ने वोटिंग से रोकने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनाव ड्यूट में लगे कर्मचारियों ने उन्हें वोटिंग करने से रोक दिया। लिस्ट में उनका नाम तो था, लेकिन उस पर डिलीटेड लिखा था।
उन्नाव के पूर्व विधायक सदर और सपा नेता राम कुमार ने निर्वाचन आयोग से की शिकायत है। उन्होंने एक पत्र लिखकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। उन्नाव में बूथ के अंदर फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सीतापुर के बातलहरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदाओं ने भाजपा विधायक सुनील वर्मा पर मारपीट करने और धमकाने का आरोप लगाया। वीडियो में विधायक मतदाताओं से कह रहे हैं- गुंडई की तो भुगतोगे। लखीमपुर के कादीपुरसानी गांव के बूथ नंबर 109 पर शरारती तत्व ने ईवीएम में फेवीक्विक डाल दी। सपा प्रत्याशी का आरोप है कि उनकी पार्टी का बटन चिपकाया गया। हंगामा होने के बाद यहां मतदान रोक दिया गया, जो कुछ देर बाद शुरू हो सका।
लखीमपुर के ही बूथ नंबर 85 पर मॉकपोल के दौरान कोई भी बटन दबाने पर कमल की पर्ची निकल रही थी। इसको लेकर मतदान दो घंटे रुका रहा। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर नई ईवीएम मशीनें दीं। इसके बाद करीब 9 बजे मतदान दोबारा शुरू हो सका।
उन्नाव की कई विधानसभाओं में लोगों ने बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं न होने से मतदान बहिष्कार किया। मल्झा, मिर्जापुर अझिगांव और पैगम्बरपुर गांव में लोग वोट डालने नहीं जा रहे हैं। इसके चलते 5 घंटे बाद भी मतदान शुरू नहीं हुआ।
बांदा जिले में नरैनी के संगमपुर मतदान केंद्र पर कुछ महिला वोटर ने मतदान से रोके जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें पीठासीन अधिकारी ने यह कहकर रोक दिया कि पहले पुरुष वोट डालेंगे।
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5 बजे तक 57.45% मतदान हुआ है। वोटिंग के मामले में 62.45% के साथ लखीमपुर खीरी सबसे अव्वल रहा। लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे द्वारा कार से किसानों को कुचलने को लेकर सुर्खियों में रहा था। इसी जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग शायद भाजपा को सांसत में डाल सकती है। किसान संगठन लंबे समय से मंत्री को हटाने की मांग केंद्र सरकार से करते रहे हैं लेकिन बीजेपी सरकार ने ऐसा नहीं किया है।
राज्य में वोटिंग के बीच आरोपों का दौर भी चलता रहा। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके बांदा सदर विधानसभा में 305 और 306 नंबर के बूथ की कैप्चरिंग का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि शिकायत के लिए DM से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस मामले में सपा ने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है।
लखनऊ के एक पोलिंग बूथ पर गुलाम कादिर नाम के मतदाता ने वोटिंग से रोकने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनाव ड्यूट में लगे कर्मचारियों ने उन्हें वोटिंग करने से रोक दिया। लिस्ट में उनका नाम तो था, लेकिन उस पर डिलीटेड लिखा था।
उन्नाव के पूर्व विधायक सदर और सपा नेता राम कुमार ने निर्वाचन आयोग से की शिकायत है। उन्होंने एक पत्र लिखकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। उन्नाव में बूथ के अंदर फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सीतापुर के बातलहरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदाओं ने भाजपा विधायक सुनील वर्मा पर मारपीट करने और धमकाने का आरोप लगाया। वीडियो में विधायक मतदाताओं से कह रहे हैं- गुंडई की तो भुगतोगे। लखीमपुर के कादीपुरसानी गांव के बूथ नंबर 109 पर शरारती तत्व ने ईवीएम में फेवीक्विक डाल दी। सपा प्रत्याशी का आरोप है कि उनकी पार्टी का बटन चिपकाया गया। हंगामा होने के बाद यहां मतदान रोक दिया गया, जो कुछ देर बाद शुरू हो सका।
लखीमपुर के ही बूथ नंबर 85 पर मॉकपोल के दौरान कोई भी बटन दबाने पर कमल की पर्ची निकल रही थी। इसको लेकर मतदान दो घंटे रुका रहा। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर नई ईवीएम मशीनें दीं। इसके बाद करीब 9 बजे मतदान दोबारा शुरू हो सका।
उन्नाव की कई विधानसभाओं में लोगों ने बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं न होने से मतदान बहिष्कार किया। मल्झा, मिर्जापुर अझिगांव और पैगम्बरपुर गांव में लोग वोट डालने नहीं जा रहे हैं। इसके चलते 5 घंटे बाद भी मतदान शुरू नहीं हुआ।
बांदा जिले में नरैनी के संगमपुर मतदान केंद्र पर कुछ महिला वोटर ने मतदान से रोके जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें पीठासीन अधिकारी ने यह कहकर रोक दिया कि पहले पुरुष वोट डालेंगे।
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