UP चुनाव को लेकर बोले राकेश टिकैत: पश्चिमी यूपी में नहीं खेलने देंगे हिंदू-मुस्लिम-जिन्ना का मैच

Written by Navnish Kumar | Published on: February 7, 2022
मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा के फायर ब्रांड नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा वेस्ट यूपी में फिर से चुनाव में हिंदू मुसलमान और जिन्ना का मैच खेलना चाहती है, मगर इस बार यहां की जनता उनको इस तरह का मैच नहीं खेलने देगी। कहा कि मुजफ्फरनगर हिंदू-मुस्लिम मैच का स्टेडियम नहीं है। टिकैत ने कहा कि पिछले एक महीने से क्षेत्र में एक बिरादरी को टारगेट करके भाजपा अपना प्रचार कर रही है, यह एक संत और सूबे के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी के नहीं होते वे सबके होते हैं। टिकैत ने कहा कि हिंदुत्व का सर्टिफिकेट देने का ठेका भाजपा के पास नहीं है। उनका फूट डालो राज करो, वाला मॉडल पुराना हो चुका है। यहां की जनता उनके इस पुराने मॉडल को चलने नहीं देगी। लोग पानी की बाल्टी लेकर तैयार बैठे हैं।
 

मिशन यूपी के तहत मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता में भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। कहा ये बलि लेने वाले पुजारी हैं। टिकैत ने कहा कि ये वेशभूषा से तो पुजारी लगते हैं लेकिन ये पूजा-पाठ वाले नहीं बल्कि बलि लेने वाले पुजारी हैं। इन्होंने 700 से ज्यादा किसानों की बलि ली है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसान और दुकानदार सभी सरकारों से तंग हैं। किसानों के बाद अब सरकार पशुधन और दुग्ध उत्पादक किसानों को खत्म करने पर तुली है। एमएसपी के नाम पर हुई खरीद में एक लाख करोड़ सरकार के हमजोली व्यापारियों की जेब में जा रहा है। इस सत्र में भी एक हजार से ज्यादा व्यापारियों को किसान बताकर धान का पैसा उसे दे दिया गया। बीजेपी एमएसपी गारंटी कानून इसलिए नही बनाना चाहती क्योंकि उससे उसके पूंजीवादी दोस्तों को नुकसान होगा।

मोर्चा नेताओं का आरोप है कि दो माह बीतने के बाद भी सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पश्चिमी बंगाल की तरह, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसका जवाब देने को मिशन-यूपी की घोषणा की है। 'संयुक्त किसान मोर्चा' के झंडे तले बीजेपी के खिलाफ शुरू हुई इस मुहिम में उत्तरप्रदेश के 57 किसान संगठनों को ''मोर्चा'' की चिठ्ठी लेकर जनता की देहरी पर भेजा जा रहा है। इस मिशन में हरियाणा के सैकड़ो किसान नेता औऱ कार्यकर्ता भी जुटे हुए हैं। यह मुहिम केन्द्र और यूपी सरकार की उस वादाखिलाफी के विरूद्ध है जो उसने बीते दिनों में किसानों से किये थे। केन्द्र और राज्य की सरकारों ने ये वादे पूरे नहीं किये।

कृषि कानून वापसी के बाद संयुक्त मोर्चा के दिल्ली बॉर्डर पर साल भर से धरना दे रहे किसानों को उठाने के लिए केन्द्र और राज्य की सरकारों ने कुछ वादे किये थे। इन वादों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी कानून को लेकर एक कमेटी के गठन का सरकार ने वायदा किया था। लेकिन संसद सत्र की शुरूआत के बाद भी सरकार ने कमेटी का गठन नहीं किया। कमेटी के गठन को लेकर सरकार ने संसद में दलील दी है कि निर्वाचन आयोग से इस मामले में अनुमति मांगी है। जबकि किसान मोर्चा का आरोप है कि सरकार ने उनके साथ इस मामले में गद्दारी की है।

मेरठ में 'संयुक्त किसान मोर्चा' नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एक ही संदेश दिया कि लोग, किसान विरोधी बीजेपी को सजा दें। प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिकैत के साथ किसान नेता हन्नान मोल्ला और योगेंद्र यादव भी उपस्थित थे। तीनों किसान नेताओं ने लोगों से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की और बीजेपी को सजा देने की अपील की। संयुक्त मोर्चा की अपील को लेकर योगेंद्र यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “आज क्रांति की धरती मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा की अपील लेकर हन्नान मोल्ला और राकेश टिकैत के साथ मुझे मीडिया से मुखातिब होने का मौका मिला। एक ही संदेश: किसान विरोधी बीजेपी को सजा दें।” वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश विकास की बात करना चाहती है। हिंदू, मुस्लिम, जिन्ना, धर्म की बात करने वालो को वोट का नुकसान होगा। मुज़फ्फरनगर हिंदू- मुस्लिम मैच का स्टेडियम नहीं है।

राकेश टिकैत ने आगे एक और ट्वीट किया और लिखा कि, “देश के प्रधानमंत्री जी ने आंदोलन में शहीद किसानों का नाम तक नहीं लिया। आज तक प्रधानमंत्री जी ने आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को शहीद कहने से परहेज किया, इनके प्रत्याशियों से किसान सवाल करे।” बता दें कि इसके पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 फरवरी को कहा था कि यूपी के लोग बीजेपी को सजा दें। बीजेपी अपने वादों से मुकर गई है और यूपी के लोग अब बीजेपी को दंडित करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति बनाने और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने सहित उनकी कई मांगे अभी भी अधूरी हैं।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू हो रहे हैं और 10 फरवरी को पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। यह सभी 58 सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आती है और सभी सीटें जाट और मुस्लिम बाहुल्य है।

चुनाव में भाजपा को सजा दो: एसकेएम

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये मेरठ से मिशन यूपी का आगाज करने की घोषणा की। मोर्चा नेता हन्नान मोल्ला और योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर कमेटी गठित करने, शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने, 48 हजार किसानों के मुकदमे वापस नहीं लेने और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने के वादे को पूरा नहीं किया। कहा मोर्चा भाजपा को चुनाव में सजा देने की अपील के साथ पूरे प्रदेश में लोगों के बीच जायेगा। बताया कि हरियाणा से भी सैकडों लोग पहुंच गए हैं जो गांवों में जाकर लोगों को हैंडबिल बांटेंगे। भाजपा को हटाने के लिए किस पार्टी को वोट देने के सवाल पर कहा कि ये काम हमारा नहीं है। जनता जानती है उसे किस पार्टी को वोट देनी है। मोर्चा नेताओं ने कहा कि भाजपा अहंकारी पार्टी है। इसे सिर्फ वोट की चोट पसंद है। जब तक इसे वोट की चोट नहीं लगेगी तब तक ये ठीक नहीं होगी।

संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने प्रेसवार्ता में कहा कि केन्द्र और राज्यों ने किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने का वायदा किया था लेकिन वह भी पूरा नही हुआ। इस मामले पर बोलते हुऐ एसकेएम के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस मामले में केवल प्रक्रिया शुरू करने की पहल की है। केन्द्र सरकार इस मामले में चुप्पी साधे है। यह वादाखिलाफी है। इसी तरह आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को भी मुआवजा दिये जाने की शर्त केन्द्र सरकार ने मानी थी लेकिन अभी तक इसके लिए पहल नही की गयी है। योगेन्द्र यादव ने यूपी में शुगरमिलों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार और शुगर मिलें मिलकर किसानों को लूट रही हैं। क्रय केन्द्र से शुगर मिल तक गन्ना ढुलाई का किराया सरकार किसान से वसूलती है। लेकिन यह किराया केवल वही शुगरमिल ले सकता है जिस पर गन्ना किसानों का बकाया न हो। 2017-18 में जारी इस शासनादेश का यूपी सरकार पालन नही करा रही है। इस तरह हर पेराई सत्र में गन्ना किसानों से सैकड़ों करोड़ रूपया गैरकानूनी तौर से वसूला जा रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और कॉर्डीनेशन कमेटी के सदस्य, पूर्व सांसद कॉमरेड हन्नान मोल्ला ने कहा कि लखीमपुर खीरी में एसआईटी की रिपोर्ट से यह साबित हुआ है कि किसानों को रौंदने की घटना एक सुनियोजित साजिश थी। यूपी की सरकार इस मामले पर लीपापोती करती रही। सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद मामले में निष्पक्षता से जांच की गयी। जब साजिश हुई और साजिश रचने वाला केन्द्र सरकार में मंत्री है तो वादे के मुताबिक अभी तक उसे क्यों नही हटाया गया?

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