उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव कई मामलों में ऐतिहासिक है जो सातवें चरण की वोटिंग के साथ आज पूरा हो जाएगा। ये चुनाव न केवल योगी और अखिलेश का भविष्य तय करेगा वहीं, हिंदुत्व और मंडल की सीमा भी तय करेगा? क्या मंहगाई, बेरोज़गारी और अहंकार पर झूठ, फ़रेब और प्रोपगंडा भारी पड़ेगा? क्या धार्मिकता जीतेगी या फिर जातिवाद हावी होगा? क्या मुस्लिम समाज को हाशिये पर डालने वाली राजनीति कामयाब होगी या फिर संविधान की जीत होगी? इन ढेर सारे सवालों के बीच जो सवाल फौरी तौर पर लोगों को परेशान कर रहा है वो है महंगाई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बाकायदा तंज कसते हुए, लोगों को चुनाव बाद की महंगाई को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपना टैंक फुल करवा लेना चाहिए क्योंकि मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है। यही नहीं महंगाई के डर का आलम यह है कि एक रिपोर्ट के अनुसार, सहारनपुर में ट्रांसपोर्टर, चुनाव बाद तेल के रेट के आधार पर सशर्त माल की बुकिंग कर रहे हैं। दरअसल चुनाव के चलते यूपी में पिछले 3 माह से पेट्रोल डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
उधर, आज सोमवार को आखिरी 7वें चरण में यूपी के 9 जिलों की 54 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। सातवें चरण में पूर्वांचल के 3 मंडलों आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल के 9 जिलों आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर, भदोही व सोनभद्र में मतदान जारी है। प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में भी आज वोटिंग हो रही है। वाराणसी में सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने प्रचार किया था। यहां पर पीएम मोदी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जनता से वोट मांगते दिखे। इन 54 सीटों में से 2017 के चुनाव में भाजपा 29, सपा 11, बसपा छह, अपना दल चार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी तीन व निषाद पार्टी एक सीट पर जीती थी।
अंतिम चरण में किस्मत आजमा रहे 613 उम्मीदवारों में बड़ी संख्या में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर के आकलन के मुताबिक इस चरण में 28 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं। वहीं, गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के मामले 22 फीसदी हैं। पहले के छह चरणों में 26 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक छवि के थे। आखिरी चरण में सपा और भाजपा सहित सभी पार्टियों के प्रत्याशियों में दागी छवि वालों की संख्या अच्छी खासी है। इस चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़कर सपा में आए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी किस्मत का भी आज फैसला होना है। बीजेपी से गठबंधन तोड़कर सपा से गठबंधन करने वाले सुभासपा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से तो गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सदर और बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह जौनपुर के मल्हनी से इसी चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। इनके अलावा दुर्गा प्रसाद यादव, आलमबदी आजमी, शैलेंद्र यादव ललई, विजय मिश्रा, तूफानी सरोज भी इसी चरण में चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। काशी दक्षिण सीट से पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, शिवपुर-वाराणसी सीट से अनिल राजभर, वाराणसी उत्तर से रविंद्र जायसवाल, जौनपुर से गिरीश यादव और मड़िहान-मिर्जापुर से रमाशंकर सिंह पटेल शामिल हैं।
अब यूपी के सिंहासन की लड़ाई की जीत-हार का फैसला भले 10 मार्च को हो लेकिन लोगों को महंगाई का डर अभी से सताने लगा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, जनता को अपनी गाड़ी का टैंक फुल करवा लेना चाहिए, क्योंकि मोदी सरकार का 'चुनावी ऑफर' खत्म होने जा रहा है। कांग्रेस का दावा है कि यूपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से पिछले कुछ सप्ताह से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं और चुनाव पूरे होने के बाद इसमें बढ़ोतरी होगी। दरअसल कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगाती रही है कि वह चुनावी फायदे लिए इलेक्शन के दौरान पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के फैसले को टाल देती है और चुनाव खत्म होने के बाद फिर से महंगाई बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर देती है।
कई रिपोर्टस में भी कहा गया है कि मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम के हिसाब से पेट्रोल-डीजल का रेट तय किया जाता है तो 10 से 12 रुपये प्रति लीटर तक या ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है। यही नहीं, अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि जो हालात बन रहे हैं, उनकी वजह से धनी देशों में रोजमर्रा की जिंदगी मंहगी होगी। इससे वहां दिक्कतें होंगी। लेकिन गरीब देशों में तो भुखमरी के हालात बन सकते है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इन चेतावनियों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी आवाज मिला दी है।
उसने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण गेहूं, अन्य अनाज, ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों में जो वृद्धि हुई है, उससे आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और बढ़ जाएगा। उससे महंगाई बढ़ेगी। इन झटकों का दुनियाभर में प्रभाव पड़ेगा। गरीब परिवारों के लिए भोजन और ईंधन खर्च का अनुपात ऊंचा होता है। जाहिर है, उनके लिए समस्या और गहरा गई है। आईएमएफ ने कहा है कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो आर्थिक क्षति और अधिक विनाशकारी होगी। रूस पर प्रतिबंधों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
यही नहीं, अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम बढ़ाए तो सरसों तेल 203 रुपए लीटर हो गया। चुनाव बाद डीजल पेट्रोल में बंपर वृद्धि से महंगाई और बढ़ेगी। 5 राज्यों में चुनाव सम्पन्न होते ही तेल व रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा होने वाला है, जिससे माल ढुलाई और महंगी होगी। सब्जी की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। यानी महँगाई नई ऊंचाई तक पहुँचने वाली है। तय है कि होली का रंग और बदरंग होगा।
खाद्य तेल के रेट पहले ही काफी बढ़ गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 15 दिनों में पाम ऑयल की कीमत 20 से 25 रुपये तक बढ़ गई है। सोया, सूरजमुखी और मूंगफली तेल की कीमतों में भी तेजी आई है। सरसों के तेल की कीमत पहले से ही 200 रुपये प्रति लीटर के करीब है। खाना पकाने का तेल वैसे ही पहले से महंगा है और अब रूस-यूक्रेन युद्ध ने आग में घी का काम किया है। वहीं, 1 मार्च को पराग मिल्क फूड्स द्वारा अमूल दूध की कीमतों में प्रति लीटर 2 रुपये बढ़ाने का फैसला किया था। कीमत में बढ़ोतरी के पश्चात् अमूल के 500 मिली लीटर गोल्ड दूध की कीमत 30 रुपये हो जाएगी। अमूल के पश्चात् मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया है। कंपनी की तरफ से प्रति लीटर दो रुपये बढ़ाने की घोषणा की गई है। कंपनी की तरफ से कहा गया कि बढ़ते खरीद दामों, ईंधन एवं पैकेजिंग की लागत के चलते दिल्ली एनसीआर में दूध की कीमत दो रुपये लीटर बढ़ाई जा रही हैं। उधर, 15 फरवरी से 1 मार्च तक तेलों के दाम में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है।
पॉम ऑयल : 132 रुपए प्रति किलो से 155 रुपए
सोया ऑयल : 157 रुपए प्रति लीटर से 167 रुपए
सनफ्लॉवर ऑयल : 181 रुपए से 183 रुपए प्रति लीटर
मूंगफली तेल : 194 रुपए से 196 रुपए प्रति लीटर
सरसों तेल : 200 रुपए से 203 रुपए प्रति लीटर
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उधर, आज सोमवार को आखिरी 7वें चरण में यूपी के 9 जिलों की 54 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। सातवें चरण में पूर्वांचल के 3 मंडलों आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल के 9 जिलों आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर, भदोही व सोनभद्र में मतदान जारी है। प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी और अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ में भी आज वोटिंग हो रही है। वाराणसी में सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने प्रचार किया था। यहां पर पीएम मोदी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जनता से वोट मांगते दिखे। इन 54 सीटों में से 2017 के चुनाव में भाजपा 29, सपा 11, बसपा छह, अपना दल चार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी तीन व निषाद पार्टी एक सीट पर जीती थी।
अंतिम चरण में किस्मत आजमा रहे 613 उम्मीदवारों में बड़ी संख्या में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर के आकलन के मुताबिक इस चरण में 28 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं। वहीं, गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के मामले 22 फीसदी हैं। पहले के छह चरणों में 26 फीसदी प्रत्याशी आपराधिक छवि के थे। आखिरी चरण में सपा और भाजपा सहित सभी पार्टियों के प्रत्याशियों में दागी छवि वालों की संख्या अच्छी खासी है। इस चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़कर सपा में आए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी किस्मत का भी आज फैसला होना है। बीजेपी से गठबंधन तोड़कर सपा से गठबंधन करने वाले सुभासपा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से तो गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सदर और बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह जौनपुर के मल्हनी से इसी चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। इनके अलावा दुर्गा प्रसाद यादव, आलमबदी आजमी, शैलेंद्र यादव ललई, विजय मिश्रा, तूफानी सरोज भी इसी चरण में चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। काशी दक्षिण सीट से पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, शिवपुर-वाराणसी सीट से अनिल राजभर, वाराणसी उत्तर से रविंद्र जायसवाल, जौनपुर से गिरीश यादव और मड़िहान-मिर्जापुर से रमाशंकर सिंह पटेल शामिल हैं।
अब यूपी के सिंहासन की लड़ाई की जीत-हार का फैसला भले 10 मार्च को हो लेकिन लोगों को महंगाई का डर अभी से सताने लगा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, जनता को अपनी गाड़ी का टैंक फुल करवा लेना चाहिए, क्योंकि मोदी सरकार का 'चुनावी ऑफर' खत्म होने जा रहा है। कांग्रेस का दावा है कि यूपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से पिछले कुछ सप्ताह से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं और चुनाव पूरे होने के बाद इसमें बढ़ोतरी होगी। दरअसल कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगाती रही है कि वह चुनावी फायदे लिए इलेक्शन के दौरान पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के फैसले को टाल देती है और चुनाव खत्म होने के बाद फिर से महंगाई बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर देती है।
कई रिपोर्टस में भी कहा गया है कि मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम के हिसाब से पेट्रोल-डीजल का रेट तय किया जाता है तो 10 से 12 रुपये प्रति लीटर तक या ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है। यही नहीं, अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि जो हालात बन रहे हैं, उनकी वजह से धनी देशों में रोजमर्रा की जिंदगी मंहगी होगी। इससे वहां दिक्कतें होंगी। लेकिन गरीब देशों में तो भुखमरी के हालात बन सकते है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इन चेतावनियों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी आवाज मिला दी है।
उसने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण गेहूं, अन्य अनाज, ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों में जो वृद्धि हुई है, उससे आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और बढ़ जाएगा। उससे महंगाई बढ़ेगी। इन झटकों का दुनियाभर में प्रभाव पड़ेगा। गरीब परिवारों के लिए भोजन और ईंधन खर्च का अनुपात ऊंचा होता है। जाहिर है, उनके लिए समस्या और गहरा गई है। आईएमएफ ने कहा है कि अगर संघर्ष बढ़ता है तो आर्थिक क्षति और अधिक विनाशकारी होगी। रूस पर प्रतिबंधों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
यही नहीं, अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम बढ़ाए तो सरसों तेल 203 रुपए लीटर हो गया। चुनाव बाद डीजल पेट्रोल में बंपर वृद्धि से महंगाई और बढ़ेगी। 5 राज्यों में चुनाव सम्पन्न होते ही तेल व रसोई गैस की कीमतों में भी इजाफा होने वाला है, जिससे माल ढुलाई और महंगी होगी। सब्जी की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। यानी महँगाई नई ऊंचाई तक पहुँचने वाली है। तय है कि होली का रंग और बदरंग होगा।
खाद्य तेल के रेट पहले ही काफी बढ़ गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 15 दिनों में पाम ऑयल की कीमत 20 से 25 रुपये तक बढ़ गई है। सोया, सूरजमुखी और मूंगफली तेल की कीमतों में भी तेजी आई है। सरसों के तेल की कीमत पहले से ही 200 रुपये प्रति लीटर के करीब है। खाना पकाने का तेल वैसे ही पहले से महंगा है और अब रूस-यूक्रेन युद्ध ने आग में घी का काम किया है। वहीं, 1 मार्च को पराग मिल्क फूड्स द्वारा अमूल दूध की कीमतों में प्रति लीटर 2 रुपये बढ़ाने का फैसला किया था। कीमत में बढ़ोतरी के पश्चात् अमूल के 500 मिली लीटर गोल्ड दूध की कीमत 30 रुपये हो जाएगी। अमूल के पश्चात् मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया है। कंपनी की तरफ से प्रति लीटर दो रुपये बढ़ाने की घोषणा की गई है। कंपनी की तरफ से कहा गया कि बढ़ते खरीद दामों, ईंधन एवं पैकेजिंग की लागत के चलते दिल्ली एनसीआर में दूध की कीमत दो रुपये लीटर बढ़ाई जा रही हैं। उधर, 15 फरवरी से 1 मार्च तक तेलों के दाम में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है।
पॉम ऑयल : 132 रुपए प्रति किलो से 155 रुपए
सोया ऑयल : 157 रुपए प्रति लीटर से 167 रुपए
सनफ्लॉवर ऑयल : 181 रुपए से 183 रुपए प्रति लीटर
मूंगफली तेल : 194 रुपए से 196 रुपए प्रति लीटर
सरसों तेल : 200 रुपए से 203 रुपए प्रति लीटर
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