राजस्थान में किसान खून के आंसू पी रहा है क्योंकि पिछले दिनों हुई बरसात के कारण उसकी फसलें चौपट हो चुकी हैं।बरसात के बाद कीड़ों और खरपतवार ने भी रही-सही कसर पूरी कर दी है।
किसानों को फसल बीमा योजना की राशि चुकाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। मजबूर होकर किसान अब अगली फसल की तैयारी करने लगे हैं।
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(Courtesy: Patrika.com)
पत्रिका के अनुसार, पुरानी और सड़ी फसल को किसान काटकर जानवरों के चारे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। करवल इलाके में बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी खड़ी फसलें काटकर चारे के रूप में लेनी शुरू कर दी हैं, ताकि अगली फसल के लिए खेतों की जुताई की जा सके।
चुनावी साल होने के बावजूद वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया है। इस वजह से जनता स्थानीय भाजपा नेताओं से काफी नाराज है। जनता के गुस्से को समझते हुए भाजपा के कई नेता खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री को पत्र भेजकर खराब फसलों का मुआवजा देने की मांग करने लगे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
कृषि विभाग अपने सर्वे में बता चुका है कि नैनवां और हिंडोली क्षेत्र में 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल तबाह हुई है। हिण्डोली विधानसभा क्षेत्र में स्थिति और भी विकट है। इलाके में बारिश भी कम हुई लेकिन जब हुई तो दो-तीन दिन लगातार बारिश हुई जिससे उड़द की फसल 60 प्रतिशत तक खराब हो गई।
हिंडोली और नैनवां इलाकों में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर उड़द की फसल की बुवाई की थी। फसल अच्छी होने की उम्मीद भी थी, लेकिन फसल बढ़ते ही 3 दिन तक लगातार बारिश हुई, जिससे उड़द की फसल बर्बाद हो गई। धूप न निकलने और बारिश होने से फलियां खराब हो गईं।
किसानों की मांग पर कृषि विभाग ने उड़द की फसल खराब होने का सर्वे कराया था जिसके अनुसार नैनवां क्षेत्र में 18 हजार हैक्टेयर में उड़द की बुवाई थी जिसमें से 22 और 28 जून को बोई गई फसल 50 से 60 प्रतिशत तक खराब हो गई है।
हिंडोली क्षेत्र में भी गोठड़ा, रोणीजा, भवानीपुरा, टोकड़ा पंचायत सहित कई पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक उड़द की फसल खराब हुई है।
किसानों को फसल बीमा योजना की राशि चुकाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। मजबूर होकर किसान अब अगली फसल की तैयारी करने लगे हैं।
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(Courtesy: Patrika.com)
पत्रिका के अनुसार, पुरानी और सड़ी फसल को किसान काटकर जानवरों के चारे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। करवल इलाके में बड़ी संख्या में किसानों ने अपनी खड़ी फसलें काटकर चारे के रूप में लेनी शुरू कर दी हैं, ताकि अगली फसल के लिए खेतों की जुताई की जा सके।
चुनावी साल होने के बावजूद वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया है। इस वजह से जनता स्थानीय भाजपा नेताओं से काफी नाराज है। जनता के गुस्से को समझते हुए भाजपा के कई नेता खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री को पत्र भेजकर खराब फसलों का मुआवजा देने की मांग करने लगे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
कृषि विभाग अपने सर्वे में बता चुका है कि नैनवां और हिंडोली क्षेत्र में 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल तबाह हुई है। हिण्डोली विधानसभा क्षेत्र में स्थिति और भी विकट है। इलाके में बारिश भी कम हुई लेकिन जब हुई तो दो-तीन दिन लगातार बारिश हुई जिससे उड़द की फसल 60 प्रतिशत तक खराब हो गई।
हिंडोली और नैनवां इलाकों में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर उड़द की फसल की बुवाई की थी। फसल अच्छी होने की उम्मीद भी थी, लेकिन फसल बढ़ते ही 3 दिन तक लगातार बारिश हुई, जिससे उड़द की फसल बर्बाद हो गई। धूप न निकलने और बारिश होने से फलियां खराब हो गईं।
किसानों की मांग पर कृषि विभाग ने उड़द की फसल खराब होने का सर्वे कराया था जिसके अनुसार नैनवां क्षेत्र में 18 हजार हैक्टेयर में उड़द की बुवाई थी जिसमें से 22 और 28 जून को बोई गई फसल 50 से 60 प्रतिशत तक खराब हो गई है।
हिंडोली क्षेत्र में भी गोठड़ा, रोणीजा, भवानीपुरा, टोकड़ा पंचायत सहित कई पंचायतों में 50 प्रतिशत से अधिक उड़द की फसल खराब हुई है।