राजस्थान: दलित नेता के दौरे के बाद मंदिर का 'शुद्धिकरण' करने वाले पूर्व विधायक आहूजा को भाजपा ने पार्टी से निकाला

Written by sabrang india | Published on: April 28, 2025
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी आहूजा के इस कृत्य की कड़ी आलोचना की थी।


फोटो साभार  :  इंडियन एक्सप्रेस


भाजपा ने रविवार को पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्हें दलित व्यक्ति और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली के दौरे के बाद अलवर के एक मंदिर का 'शुद्धिकरण' करने पर ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने एक बयान में कहा, “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ अनुशासनहीनता साबित होने के बाद उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने का आदेश दिया है।”

बयान में आगे कहा गया, “भाजपा की राज्य अनुशासन समिति ने इस मामले की विस्तृत जांच की और अपनी रिपोर्ट राठौर को सौंप दी।”

7 अप्रैल को रामगढ़ के पूर्व विधायक आहूजा ने जूली के दौरे के बाद अलवर के एक राम मंदिर का "शुद्धिकरण" किया था। आहूजा ने जूली को “हिंदुत्व विरोधी” और “सनातन विरोधी” बताया था।

पूर्व विधायक ने “जय सिया राम” का नारा लगाते हुए मंदिर के अंदर गंगाजल छिड़का। बाद में उन्होंने कहा, “यह भगवान श्रीराम का मंदिर है, जिनके चरणों में मैंने गंगाजल छिड़का है। गंगाजल क्यों? क्योंकि कुछ अशुद्ध लोग आए थे।”

इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी इसकी कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, आहूजा ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और उनका कृत्य कांग्रेस पार्टी के खिलाफ था।

उन्होंने कहा था, “अगर इस बात का जरा सा भी सबूत है कि मैंने कुछ गलत किया है, तो... मैं अपनी मूंछ मुंडवाने के लिए तैयार हूं।”

दलितों के साथ उत्पीड़न या भेदभाव का यह कोई पहला मामला नहीं है। चाहे वे नेता हों या आम नागरिक, दलितों को कहीं न कहीं भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

ज्ञात हो कि इसी महीने राजस्थान में एक दलित युवक के साथ उत्पीड़न हुआ। उसे पीटा गया और उस पर पेशाब किया गया। राजस्थान के सीकर जिले में एक दलित युवक के साथ कथित रूप से दो लोगों ने मारपीट की, यौन उत्पीड़न किया और उस पर पेशाब किया। युवक को जातिसूचक गालियां भी दी गईं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने अपराध की जानकारी दी, तो वे हमले का वीडियो लीक कर देंगे।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 8 अप्रैल को हुई थी, लेकिन पीड़ित के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद 16 अप्रैल को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस बाबत एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा, “वे नशे में थे। उन्होंने मुझे बोतल से मारा, मुझ पर पेशाब किया और जातिसूचक गालियां दीं।”

वहीं, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दलित छात्र को शिक्षक की बोतल से पानी पीना महंगा पड़ गया। शिक्षक ने गुस्से में छात्र की बुरी तरह पिटाई कर दी, जिससे उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि शिक्षक ने दलित छात्र को स्कूल के कमरे में बंद कर पीटा और उसे जातिसूचक गालियां दीं। पीड़ित छात्र के परिजनों के अनुसार, शिक्षक की पिटाई से छात्र की दो उंगलियां टूट गईं।

आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित छात्र के परिजन एसपी से मिले और उन्हें घटना की जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। यह मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव हरीपुर स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है।

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