यह घटना 8 अप्रैल को हुई थी, लेकिन पीड़ित के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 16 अप्रैल को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस बाबत एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राजस्थान के सीकर जिले में एक दलित युवक के साथ कथित तौर पर दो लोगों के मारपीट करते, यौन उत्पीड़न और पेशाब करने का मामला दर्ज किया गया। युवक को जातिसूचक गालियां भी दी गईं। पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने अपराध की जानकारी दी तो वे हमले का वीडियो लीक कर देंगे।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 8 अप्रैल को हुई थी, लेकिन पीड़ित के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 16 अप्रैल को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस बाबत एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा, "वे नशे में थे। उन्होंने मुझे बोतल से मारा, मुझ पर पेशाब किया और जातिसूचक गालियां दीं।"
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अरविंद कुमार ने कहा, "एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित की मेडिकल जांच की गई और उसका बयान दर्ज किया गया। जांच जारी है।"
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने पीड़ित को काम के बहाने उस समय बस स्टैंड पर बुलाया, जब वह एक शादी की बारात देख रहा था। फिर वे उसे एक सुनसान जगह पर ले गए, उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, उसे पीटा और उसका यौन उत्पीड़न किया। उन्होंने उसके पिता को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, जो विदेश में रहते हैं।
इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने लोगों की सुरक्षा में विफल रहने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "यह अपराध इतना गंभीर था कि पीड़ित आठ दिनों तक शिकायत दर्ज नहीं करा सका।" विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने कहा, "यह आज राजस्थान की सच्चाई है- एक दलित युवक का अपहरण, पिटाई, यौन उत्पीड़न और अपमान। यह कोई फिल्मी सीन नहीं है, यह एक शर्मनाक सच्चाई है।"
यह महज तीन दिनों में दलितों के खिलाफ हिंसा का तीसरा मामला है। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के रामपुर में, एक 24 वर्षीय व्यक्ति को 11 वर्षीय मूक-बधिर दलित लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
करीब एक सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना तहसील के इसोता लोहागपुर गांव में शनिवार रात एक 35 वर्षीय दलित किसान की हत्या कर दी गई और उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि एक ही परिवार के छह सदस्यों समेत सात ऊंची जाति के लोगों पर किसान देवी शंकर की हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया था कि शंकर को आखिरी बार शनिवार रात को देखा गया था, जब एक आरोपी दिलीप सिंह (28) उसके घर आया था और उसे खेतों में बोझा ढोने में मदद करने के लिए अपने साथ ले गया था। शंकर का आधा जला हुआ शव रविवार सुबह एक बाग में मिला।
पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच का हवाला देते हुए कहा कि हत्या का संबंध एक महिला से जुड़े विवाद से है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला घोंटना बताया गया है और जलने के निशान व्यक्ति की मौत के बाद दिए गए हैं।
पिछले महीने दलित छात्र से भेदभाव का मामला सामने आया। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दलित छात्र को शिक्षक की बोतल से पानी पीना महंगा पड़ गया। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। आरोप है की टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंदकर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।
आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। ये मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव हरीपुर स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था।
स्कूल में गांव कैथाली के रहने वाले दलित दशरथ सिंह का बेटा 12वीं क्लास का छात्र है। आरोप है कि पिछले महीने की 29 तारीख को वह स्कूल गया था। इस बीच गर्मी लगने पर उसे प्यास लगी। क्लास में टेबल पर पानी की बोतल रखी थी। उसी बोतल से उसने पानी लिया। रिपोर्ट के अनुसार, वह बोतल टीचर मंगल सिंह की थी। जब टीचर ने छात्र को बोतल से पानी पीते देखा तो वह गुस्सा गए और उसने छात्र को क्लास रूम में बंद कर दिया।
Related

राजस्थान के सीकर जिले में एक दलित युवक के साथ कथित तौर पर दो लोगों के मारपीट करते, यौन उत्पीड़न और पेशाब करने का मामला दर्ज किया गया। युवक को जातिसूचक गालियां भी दी गईं। पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उसने अपराध की जानकारी दी तो वे हमले का वीडियो लीक कर देंगे।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 8 अप्रैल को हुई थी, लेकिन पीड़ित के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद 16 अप्रैल को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस बाबत एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा, "वे नशे में थे। उन्होंने मुझे बोतल से मारा, मुझ पर पेशाब किया और जातिसूचक गालियां दीं।"
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अरविंद कुमार ने कहा, "एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित की मेडिकल जांच की गई और उसका बयान दर्ज किया गया। जांच जारी है।"
शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने पीड़ित को काम के बहाने उस समय बस स्टैंड पर बुलाया, जब वह एक शादी की बारात देख रहा था। फिर वे उसे एक सुनसान जगह पर ले गए, उसके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, उसे पीटा और उसका यौन उत्पीड़न किया। उन्होंने उसके पिता को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, जो विदेश में रहते हैं।
इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने लोगों की सुरक्षा में विफल रहने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "यह अपराध इतना गंभीर था कि पीड़ित आठ दिनों तक शिकायत दर्ज नहीं करा सका।" विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने कहा, "यह आज राजस्थान की सच्चाई है- एक दलित युवक का अपहरण, पिटाई, यौन उत्पीड़न और अपमान। यह कोई फिल्मी सीन नहीं है, यह एक शर्मनाक सच्चाई है।"
यह महज तीन दिनों में दलितों के खिलाफ हिंसा का तीसरा मामला है। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के रामपुर में, एक 24 वर्षीय व्यक्ति को 11 वर्षीय मूक-बधिर दलित लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
करीब एक सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना तहसील के इसोता लोहागपुर गांव में शनिवार रात एक 35 वर्षीय दलित किसान की हत्या कर दी गई और उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि एक ही परिवार के छह सदस्यों समेत सात ऊंची जाति के लोगों पर किसान देवी शंकर की हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया था कि शंकर को आखिरी बार शनिवार रात को देखा गया था, जब एक आरोपी दिलीप सिंह (28) उसके घर आया था और उसे खेतों में बोझा ढोने में मदद करने के लिए अपने साथ ले गया था। शंकर का आधा जला हुआ शव रविवार सुबह एक बाग में मिला।
पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच का हवाला देते हुए कहा कि हत्या का संबंध एक महिला से जुड़े विवाद से है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला घोंटना बताया गया है और जलने के निशान व्यक्ति की मौत के बाद दिए गए हैं।
पिछले महीने दलित छात्र से भेदभाव का मामला सामने आया। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक दलित छात्र को शिक्षक की बोतल से पानी पीना महंगा पड़ गया। शिक्षक ने गुस्से में छात्र को बुरी तरह पीट दिया। पिटाई से उसके हाथ की उंगलियां टूट गईं।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। आरोप है की टीचर ने दलित छात्र को स्कूल में कमरे में बंदकर पीटा। उसे जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, टीचर की पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।
आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। ये मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव हरीपुर स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था।
स्कूल में गांव कैथाली के रहने वाले दलित दशरथ सिंह का बेटा 12वीं क्लास का छात्र है। आरोप है कि पिछले महीने की 29 तारीख को वह स्कूल गया था। इस बीच गर्मी लगने पर उसे प्यास लगी। क्लास में टेबल पर पानी की बोतल रखी थी। उसी बोतल से उसने पानी लिया। रिपोर्ट के अनुसार, वह बोतल टीचर मंगल सिंह की थी। जब टीचर ने छात्र को बोतल से पानी पीते देखा तो वह गुस्सा गए और उसने छात्र को क्लास रूम में बंद कर दिया।
Related
अंबेडकर जयंती पर जाति का साया: कैंपस सेंसरशिप से लेकर मंदिर बहिष्कार तक
उत्तर प्रदेश : टीचर के बोतल से पानी पीने पर दलित छात्र की बुरी तरह पिटाई