तमिझसेल्वी ने मांग की है कि सुबाशिनी के माता-पिता के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपने बेटे को हत्या करने के लिए उकसाया और पहले जाति से इतर संबंध को लेकर उनके बेटे को धमकी दी थी।

तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां 27 वर्षीय दलित सॉफ्टवेयर इंजीनियर काविन को कथित तौर पर 27 जुलाई को पालयनकोट्टई इलाके में दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य संदिग्ध अत्यंत पिछड़ी जाति (एमबीसी) मारावर समुदाय का 25 वर्षीय युवक सुरजित ने कथित रूप से पालयनकोट्टई पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और दावा किया कि उसने अपनी बहन को परेशान करने के कारण काविन की हत्या की। पीड़ित और संदिग्ध की बहन स्कूल साथ पढ़ती थी और सूत्रों के अनुसार सुरजित को उनके रिश्तों से नाराजगी थी।
विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक विजेता और प्रथम पीढ़ी के स्नातक काविन एक आईटी पेशेवर के रूप में कार्यरत थे और करीब 2 लाख रुपये प्रति माह कमाते थे। यह घटना केटीसी नगर के एक अस्पताल के पास हुई, जहां काविन अपनी मां, सरकारी स्कूल की शिक्षिका, तमीजसेल्वी के साथ इलाज के लिए आए थे। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सुरजीत ने काविन को बातचीत के बहाने बुलाया और फिर उस पर दरांती से हमला कर दिया जिससे उसके चेहरे, हाथ और पैरों पर गंभीर चोटें आईं।
पीड़ित काविन सेल्वा गणेश तूथुकुडी जिले के अरुमुगमंगलम गांव के निवासी थे। वे चेन्नई में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) में कार्यरत थे। काविन की स्कूल साथी सुबाशिनी तिरुनलवेली में एक निजी सिद्धा क्लिनिक में डॉक्टर के रूप में कार्यरत हैं।
तमिझसेल्वी ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेटा सुरजित द्वारा बहकाया गया था, जिसने कहा कि उनके माता-पिता उससे मिलना चाहते हैं। काविन, सुरजित के साथ एक दोपहिया वाहन पर क्लिनिक से निकला। कुछ ही मिनटों में सुरजित ने काविन पर चिल्लाया और पूछा कि वह कैसे अलग समुदाय की लड़की से प्यार कर सकता है। फिर अचानक उसने अपनी पीठ के पीछे छुपा हुआ धारदार हथियार निकालकर उस पर हमला कर दिया।
कथित तौर पर काविन की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। सुरजित को घटना के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हत्या से संबंधित बीएनएस की धाराओं के अलावा, मामला एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 2015 की धाराओं के तहत भी दर्ज किया गया।
तमिझसेल्वी ने मांग की है कि सुबाशिनी के माता-पिता के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपने बेटे को हत्या करने के लिए उकसाया और पहले कास्ट से इतर संबंध के कारण उनके बेटे को धमकी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सुरजित के माता-पिता पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें जांच प्रक्रिया में प्रभाव डालने से रोका जाना चाहिए।
एक पोस्ट में लेखक और दलित अधिकार कार्यकर्ता शालिन मारिया लॉरेंस ने तमिलनाडु में बढ़ती संख्या में सम्मान हत्या के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए डीएमके सरकार की आलोचना की। उन्होंने लिखा, "तमिलनाडु भारत में जाति आधारित ऑनर किलिंग में शीर्ष पर है और यह शर्म की बात है कि डीएमके इसे रोकना नहीं चाहता।"
यह घटना दलित अधिकार समूहों में नाराजगी फैलाने वाली है, जो इसे "जाति आधारित ऑनर किलिंग का स्पष्ट मामला" कह रहे हैं और तेज और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य संदिग्ध अत्यंत पिछड़ी जाति (एमबीसी) मारावर समुदाय का 25 वर्षीय युवक सुरजित ने कथित रूप से पालयनकोट्टई पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और दावा किया कि उसने अपनी बहन को परेशान करने के कारण काविन की हत्या की। पीड़ित और संदिग्ध की बहन स्कूल साथ पढ़ती थी और सूत्रों के अनुसार सुरजित को उनके रिश्तों से नाराजगी थी।
विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक विजेता और प्रथम पीढ़ी के स्नातक काविन एक आईटी पेशेवर के रूप में कार्यरत थे और करीब 2 लाख रुपये प्रति माह कमाते थे। यह घटना केटीसी नगर के एक अस्पताल के पास हुई, जहां काविन अपनी मां, सरकारी स्कूल की शिक्षिका, तमीजसेल्वी के साथ इलाज के लिए आए थे। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सुरजीत ने काविन को बातचीत के बहाने बुलाया और फिर उस पर दरांती से हमला कर दिया जिससे उसके चेहरे, हाथ और पैरों पर गंभीर चोटें आईं।
पीड़ित काविन सेल्वा गणेश तूथुकुडी जिले के अरुमुगमंगलम गांव के निवासी थे। वे चेन्नई में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) में कार्यरत थे। काविन की स्कूल साथी सुबाशिनी तिरुनलवेली में एक निजी सिद्धा क्लिनिक में डॉक्टर के रूप में कार्यरत हैं।
तमिझसेल्वी ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेटा सुरजित द्वारा बहकाया गया था, जिसने कहा कि उनके माता-पिता उससे मिलना चाहते हैं। काविन, सुरजित के साथ एक दोपहिया वाहन पर क्लिनिक से निकला। कुछ ही मिनटों में सुरजित ने काविन पर चिल्लाया और पूछा कि वह कैसे अलग समुदाय की लड़की से प्यार कर सकता है। फिर अचानक उसने अपनी पीठ के पीछे छुपा हुआ धारदार हथियार निकालकर उस पर हमला कर दिया।
कथित तौर पर काविन की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। सुरजित को घटना के तुरंत बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हत्या से संबंधित बीएनएस की धाराओं के अलावा, मामला एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 2015 की धाराओं के तहत भी दर्ज किया गया।
तमिझसेल्वी ने मांग की है कि सुबाशिनी के माता-पिता के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपने बेटे को हत्या करने के लिए उकसाया और पहले कास्ट से इतर संबंध के कारण उनके बेटे को धमकी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सुरजित के माता-पिता पुलिस अधिकारी हैं, उन्हें जांच प्रक्रिया में प्रभाव डालने से रोका जाना चाहिए।
एक पोस्ट में लेखक और दलित अधिकार कार्यकर्ता शालिन मारिया लॉरेंस ने तमिलनाडु में बढ़ती संख्या में सम्मान हत्या के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए डीएमके सरकार की आलोचना की। उन्होंने लिखा, "तमिलनाडु भारत में जाति आधारित ऑनर किलिंग में शीर्ष पर है और यह शर्म की बात है कि डीएमके इसे रोकना नहीं चाहता।"
यह घटना दलित अधिकार समूहों में नाराजगी फैलाने वाली है, जो इसे "जाति आधारित ऑनर किलिंग का स्पष्ट मामला" कह रहे हैं और तेज और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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