तमिलनाडु: बुजुर्ग महिला ने स्कूल जा रहे दलित बच्चों को लाठी से डराकर रोका, वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में नाराजगी

Written by sabrang india | Published on: September 27, 2025
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, हालांकि खबर लिखे जाने तक इस संबंध में कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई थी।



तमिलनाडु के तंजावुर जिले से जातिगत भेदभाव का एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोल्लनगराई गांव में स्कूल जा रहे दलित समाज के कुछ बच्चों को एक बुजुर्ग महिला ने कथित तौर पर लाठी दिखाकर जाने से रोक दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद लोगों में भारी नाराजगी है।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हुए वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक युवक कुछ स्कूली बच्चों को लेकर रास्ते से गुजर रहा है, तभी एक बुजुर्ग महिला हाथ में लाठी लेकर उनका रास्ता रोक लेती है। युवक द्वारा लाठी को किनारे हटाने के बावजूद महिला बार-बार उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश करती है।

इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चेल्लकन्नू ने इस कृत्य की सख्त निंदा की है। उन्होंने बताया कि वृद्धा ने बच्चों को रोकने के दौरान 'एलिया साथी' शब्द का इस्तेमाल किया, जो दलित समुदाय के लिए अत्यंत अपमानजनक माना जाता है।

चेल्लकन्नू ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जिस रास्ते को लेकर विवाद पैदा हुआ, वह एक सामान्य कच्चा रास्ता है। यह रास्ता सरकारी दस्तावेजों में 'वांडी पाथाई' के रूप में दर्ज है, जिसका मतलब है कि यह गाड़ियों के आने जाने के लिए अधिकृत मार्ग है।

उन्होंने आगे बताया, "हाल ही में कुछ स्थानीय निवासियों ने इस रास्ते पर केले के पौधे लगाकर अतिक्रमण कर लिया था, जिससे बच्चों के स्कूल जाने का सीधा रास्ता बंद हो गया। इसके कारण उन्हें जलाशय के चारों ओर से लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर स्कूल जाना पड़ रहा था। यह स्थिति करीब 18 दिनों तक बनी रही, जिसके बाद क्षेत्र के कुछ युवाओं ने हस्तक्षेप किया।"

मिली जानकारी के अनुसार, इस अतिक्रमण की शिकायत अधिकारियों को करीब तीन महीने पहले ही कर दी गई थी। इसके बाद तहसीलदार के हस्तक्षेप से रास्ता दोबारा खोल दिया गया था।

इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, हालांकि खबर लिखे जाने तक इस संबंध में कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई थी।

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