“नाहर ढेड़ गांव की निवासी सुनीता ने शिकायत की कि उसका बेटा सुंदर (उम्र 20 वर्ष) और उसका रिश्तेदार शनि (उम्र 22 वर्ष) संभल में कांवड़ यात्रा देखने गए थे। रास्ते में कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ा, चोरी का आरोप लगाया, उन्हें खंभे से बांधा और पीटा।”

Image credit : Huffpost.Com
चोरी के आरोप में यूपी के संभल जिले में दो दलित युवकों को कथित रूप से खंभे से बांधकर भीड़ ने पीटा। ये जानकारी पुलिस ने मीडिया को दी।
यह घटना 22 जुलाई को बरहाई वाली बस्ती में हुई थी और अब इस हमले का वीडियो ऑनलाइन सामने आया है। शनिवार को एक पीड़ित की मां की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नखासा थाना के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) रजनीश कुमार ने बताया, “नाहर ढेड़ गांव की निवासी सुनीता ने शिकायत की कि उसका बेटा सुंदर (उम्र 20 वर्ष) और उसका रिश्तेदार शनि (उम्र 22 वर्ष) संभल में कांवड़ यात्रा देखने गए थे। रास्ते में कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ा, चोरी का आरोप लगाया, उन्हें खंभे से बांधा और पीटा।”
दोनों पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने पांच नामजद आरोपियों- नंद किशोर, भरत, डब्बू, भूरा और श्रीराम के बेटे- के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही 10 से 12 अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें दंगा, गैरकानूनी जमावड़ा, गलत तरीके से बंधक बनाना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, जानबूझकर अपमान करना और आपराधिक धमकी शामिल हैं।
मामले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी आरोप जोड़े गए हैं।
एसएचओ कुमार ने कहा, “मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।”
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में रात के समय एक 13 साल की दलित लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। यह अपराध तब सामने आया जब पीड़िता की बड़ी बहन ने उसके कपड़ों पर खून के धब्बे देखे। इसके बाद पीड़िता ने सारी आपबीती बताई।
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि परिवार का परिचित आरोपी लड़की को उसके घर से उस समय बहला-फुसलाकर ले गया जब उसके रिश्तेदार सो रहे थे। वारदात को अंजाम देने के बाद पीड़िता को उसके घर के पास ही छोड़ दिया गया। इलाके के सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर संदिग्ध दिखाई दे रहे हैं। पुलिस मोबाइल टावर डेटा की जांच की जा रही है।
ज्ञात हो कि ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के एक गांव में इसी महीने तीन लोगों ने 18 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया।
ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर कॉलेज की छात्रा लड़की पड़ोसी के घर जन्मदिन के कार्यक्रम में शामिल होने गई थी। उसके पिता ने आरोप लगाया कि जब वह घर लौट रही थी तो एक युवक और उसके दो साथियों ने उसका कथित तौर पर अपहरण कर लिया और उसका यौन उत्पीड़न किया।
उन्होंने आरोप लगाया, "उसी गांव के दो युवकों ने उसे सड़क से उठाया और एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां उन्होंने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया, उसे बेहोश और खून से लथपथ छोड़ दिया। अपराध करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।"
बता दें कि मुजफ्फरपुर में बलात्कार पीड़िता नाबालिग दलित लड़की की गहरे जख्म के चलते 1 जून, 2025 को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार यह क्रूर हमला 26 मई को हुआ था।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, 11 वर्षीय पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए शनिवार को पटना रेफर कर दिया गया था, लेकिन कथित तौर पर उसे पटना अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस में लगभग पांच घंटे तक दर्द से तड़पते हुए छोड़ दिया गया। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार के दखल के बाद उसे भर्ती कराया गया।
पुलिस ने बताया कि लड़की एक ईंट भट्ठे के गड्ढे में मिली थी, जिसके गले और आसपास चाकू के करीब 20 जख्म थे। लड़की के चाचा की शिकायत पर 30 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उसी शाम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित एक पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल के ऑफिस में पांच लड़कों ने 12 साल की एक दलित लड़की को नशीला सॉफ्ट ड्रिंक पिलाकर उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। लड़कों ने 8 मई को हुई इस घटना का वीडियो बनाया, उसे चुप रहने की धमकी दी और बाद में वीडियो को ऑनलाइन वायरल कर दिया। पीड़िता की मां द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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चोरी के आरोप में यूपी के संभल जिले में दो दलित युवकों को कथित रूप से खंभे से बांधकर भीड़ ने पीटा। ये जानकारी पुलिस ने मीडिया को दी।
यह घटना 22 जुलाई को बरहाई वाली बस्ती में हुई थी और अब इस हमले का वीडियो ऑनलाइन सामने आया है। शनिवार को एक पीड़ित की मां की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नखासा थाना के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) रजनीश कुमार ने बताया, “नाहर ढेड़ गांव की निवासी सुनीता ने शिकायत की कि उसका बेटा सुंदर (उम्र 20 वर्ष) और उसका रिश्तेदार शनि (उम्र 22 वर्ष) संभल में कांवड़ यात्रा देखने गए थे। रास्ते में कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ा, चोरी का आरोप लगाया, उन्हें खंभे से बांधा और पीटा।”
दोनों पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने पांच नामजद आरोपियों- नंद किशोर, भरत, डब्बू, भूरा और श्रीराम के बेटे- के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही 10 से 12 अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें दंगा, गैरकानूनी जमावड़ा, गलत तरीके से बंधक बनाना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, जानबूझकर अपमान करना और आपराधिक धमकी शामिल हैं।
मामले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी आरोप जोड़े गए हैं।
एसएचओ कुमार ने कहा, “मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।”
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में रात के समय एक 13 साल की दलित लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। यह अपराध तब सामने आया जब पीड़िता की बड़ी बहन ने उसके कपड़ों पर खून के धब्बे देखे। इसके बाद पीड़िता ने सारी आपबीती बताई।
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि परिवार का परिचित आरोपी लड़की को उसके घर से उस समय बहला-फुसलाकर ले गया जब उसके रिश्तेदार सो रहे थे। वारदात को अंजाम देने के बाद पीड़िता को उसके घर के पास ही छोड़ दिया गया। इलाके के सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर संदिग्ध दिखाई दे रहे हैं। पुलिस मोबाइल टावर डेटा की जांच की जा रही है।
ज्ञात हो कि ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के एक गांव में इसी महीने तीन लोगों ने 18 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया।
ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर कॉलेज की छात्रा लड़की पड़ोसी के घर जन्मदिन के कार्यक्रम में शामिल होने गई थी। उसके पिता ने आरोप लगाया कि जब वह घर लौट रही थी तो एक युवक और उसके दो साथियों ने उसका कथित तौर पर अपहरण कर लिया और उसका यौन उत्पीड़न किया।
उन्होंने आरोप लगाया, "उसी गांव के दो युवकों ने उसे सड़क से उठाया और एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां उन्होंने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया, उसे बेहोश और खून से लथपथ छोड़ दिया। अपराध करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।"
बता दें कि मुजफ्फरपुर में बलात्कार पीड़िता नाबालिग दलित लड़की की गहरे जख्म के चलते 1 जून, 2025 को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार यह क्रूर हमला 26 मई को हुआ था।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, 11 वर्षीय पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए शनिवार को पटना रेफर कर दिया गया था, लेकिन कथित तौर पर उसे पटना अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस में लगभग पांच घंटे तक दर्द से तड़पते हुए छोड़ दिया गया। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार के दखल के बाद उसे भर्ती कराया गया।
पुलिस ने बताया कि लड़की एक ईंट भट्ठे के गड्ढे में मिली थी, जिसके गले और आसपास चाकू के करीब 20 जख्म थे। लड़की के चाचा की शिकायत पर 30 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उसी शाम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित एक पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल के ऑफिस में पांच लड़कों ने 12 साल की एक दलित लड़की को नशीला सॉफ्ट ड्रिंक पिलाकर उसके साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। लड़कों ने 8 मई को हुई इस घटना का वीडियो बनाया, उसे चुप रहने की धमकी दी और बाद में वीडियो को ऑनलाइन वायरल कर दिया। पीड़िता की मां द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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