राजस्थान सीवर हादसा: 13 वर्षीय किशोर समेत दो कर्मचारियों की दम घुटने से मौत

Written by sabrang india | Published on: April 21, 2025
यह घटना मैनुअल स्कैवेंजिंग के चल रहे मुद्दे की ओर ध्यान खींचती है, जो मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में काम के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 द्वारा रोक होने के बावजूद एक गंभीर समस्या बनी हुई है।



राजस्थान के खेड़ली शहर में एक पेपर मिल में सीवर लाइन की सफाई करते समय एक नाबालिग हेल्पर समेत दो सफाई कर्मचारियों की दम घुटने से शनिवार को मौत हो गई। पीड़ितों की पहचान 50 वर्षीय लच्छी और 13 वर्षीय हेमराज उर्फ आकाश के रूप में हुई, जो सागर वाल्मीकि का बेटा है।

न्यूजएक्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब लच्छी सीवर लाइन की सफाई करने के लिए अंदर गए और काफी देर तक वापस नहीं लौटे। तलाशने के लिए उनका नाबालिग हेल्पर हेमराज उन्हें देखने के लिए सीवर में उतरा। हेमराज जहरीले गैस के चलते सीवर में जाते ही बेहोश हो गया। बाद में दोनों श्रमिकों को सीवर लाइन से बाहर निकाला गया और जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

भारी नाराजगी

इस घटना की खबर मिलने पर स्थानीय थाना प्रभारी धीरेंद्र गुर्जर मौके पर पहुंचे। घटना को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है और पीड़ित परिवार ने वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों के साथ अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग करते हुए खेड़ली में हिंडन गेट को जाम कर दिया।

यह घटना मैनुअल स्कैवेंजिंग के चल रहे मुद्दे की ओर ध्यान खींचती है, जो मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 द्वारा रोक होने के बावजूद एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इस कानून में कहा गया है कि सीवर लाइनों की मैनुअल सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए और नियोक्ताओं को उचित उपकरण, गैस परीक्षण और नियमित निगरानी के साथ श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है। मैनुअली सफाई के लिए सीवर में प्रवेश करने पर रोक है वहीं उल्लंघन को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है।

स्थानीय अधिकारी मामले की आगे जांच करेंगे। जबकि समुदाय पीड़ितों के लिए न्याय और सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों की मांग कर रहा है।

स्थानीय समाचार पत्रों के हवाले से द मूकनायाक की रिपोर्ट के अनुसार, खेड़ली कस्बे में सीवरेज लाइन और चैंबर की सफाई के लिए मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के उतारा गया। लच्छी राम, पुत्र मंगतू और हेमराज उर्फ आकाश, पुत्र सागर वाल्मीकि, सफाई कार्य के दौरान जहरीली गैस के संपर्क में आए और दलदल में फंस गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

इस घटना को लेकर डॉ. अंबेडकर अनुसुचित जाति अधिकारी कर्मचारी असोसिएशन (अजाक) संगठन ने सख्त रुख अपनाया है। संगठन के अध्यक्ष श्रीराम चोरडिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

इस पत्र में कहा गया है कि यह घटना न केवल दर्दनाक है, बल्कि यह सफाई कर्मचारियों के प्रति प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है। संगठन ने बताया कि राजस्थान में पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जहां सीवर लाइनों और टैंकों की सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौत हुई है। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जो सफाई करने वाले समुदाय के लिए चिंता का विषय है।

इस पत्र में हाथ से मैला ढ़ोने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और पुनर्वास अधिनियम, 2013 की धारा 7 का हवाला दिया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, स्थानीय प्राधिकारी या एजेंसी किसी व्यक्ति को सीवर लाइन या सेप्टिक टैंक की "जोखिमपूर्ण सफाई" (Hazardous Cleaning) के लिए नियोजित नहीं करेगा। इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर धारा 9 के तहत पहली बार उल्लंघन के लिए दो वर्ष तक की जेल और दो लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकता है वहीं बाद के उल्लंघन करने के लिए पांच वर्ष तक की जेल या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों की सजा का प्रावधान है।

हालांकि, इस कानून के लागू होने के बावजूद, राजस्थान के स्थानीय निकायों में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरणों के उतारना सामान्य घटना है। इसके चलेत हर साल कई सफाई कर्मियों की दर्दनाक मृत्यु हो जाती है।

बता दें कि 'अजाक' ने सीवरेज टैंक की सफाई के मामले में कुछ मांगें रखी हैंं:

1. सफाई के दौरान सफाई मृतक परिवारों को शीघ्र पुनर्वास की व्यवस्था कर उन्हें प्रत्येक परिवार को एक-एक करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।

2. मृतक परिवारों के आश्रितों को एक सदस्य को राजकीय सेवा में नौकरी दिलाई जाए।

3. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए राज्य सरकार एवं नगर निगम, परिषद, नगर निगम एवं नगर पालिकाओं के स्तर पर तकनीकी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।

4. सीवरेज सफाई के कार्य कराने वाले संबंधित दोषी ठेकेदार एवं संबंधित सुपरविजन दोषी, लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्यवाही की जाए।

5. भविषय में हाथ से मेला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुर्नवास अधिनियम 2013 को प्रभावी रूप से लागू करने व समस्त निकायों में सीवर लाईन/सेप्टीक टेंक/मैनहॉल आदि में सफाईकर्मियों को नहीं उतारा जाए।

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