टोंक हिजाब विवाद: सीनियर डॉक्टर ने इंटर्न से कहा 'मेडिकल फील्ड छोड़ दो', वीडियो वायरल

Written by sabrang india | Published on: August 19, 2025
टोंक के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (MCH) अस्पताल में तैनात सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. इंदु गुप्ता ने इंटर्न उमामा के ड्यूटी के दौरान हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ का चेहरा स्पष्ट रूप से देखना उनका अधिकार है।



राजस्थान के टोंक स्थित सरकारी अस्पताल के अंतर्गत आने वाले मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (MCH) अस्पताल में ड्यूटी के दौरान हिजाब पहनने को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया जो अब एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है। एक वायरल वीडियो में एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर और एक मुस्लिम इंटर्न छात्रा के बीच हुई तीखी बहस दिखाई गई है, जिसने धार्मिक स्वतंत्रता, पेशेवर व्यवहार और अस्पताल की नीतियों को लेकर देशभर में बहस छेड़ दी है। इस घटना पर राजनीतिक दलों, समुदाय संगठनों और आम जनता की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है, ताकि तथ्यों का पता लगाया जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, विवाद की शुरुआत टोंक के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (MCH) अस्पताल में उस समय हुई जब एक मुस्लिम इंटर्न छात्रा उमामा अपनी इंटर्नशिप ड्यूटी पर हिजाब पहनकर पहुंची। इस पर वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. इंदु गुप्ता ने आपत्ति जताई। उन्होंने तर्क दिया कि मरीजों को इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए, यह उनका अधिकार है। उमामा द्वारा खुद रिकॉर्ड किए गए वायरल वीडियो में डॉ. गुप्ता यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं: “हिजाब किसी धर्म का हिस्सा नहीं है। अगर आपको लगता है कि इसे पहनना इतना जरूरी है, तो मेडिकल फील्ड छोड़ दीजिए और घर पर रहिए। मरीजों को इंजेक्शन या इलाज देने वाले व्यक्ति का चेहरा देखना जरूरी होता है।”

उमामा ने डॉ. गुप्ता के तर्कों का जवाब देते हुए कहा कि हिजाब उनके धार्मिक आस्था का अभिन्न हिस्सा है और अस्पताल के नियमों में इसे स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए चेहरा दिखा सकती हैं, आई कार्ड पहनेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि मरीजों को उनकी पहचान स्पष्ट रूप से पता चले। उन्होंने कहा: “मेरा धर्म मुझे अनजान पुरुषों के सामने चेहरा या शरीर के अन्य हिस्से दिखाने की इजाजत नहीं देता।” हालांकि, उमामा की इन दलीलों के बावजूद डॉ. इंदु गुप्ता ने वर्कप्लेस पर हिजाब पहनने की अनुमति देने से सख्ती से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि अस्पताल एक पेशेवर स्थान है, न कि धार्मिक व्यवहार का स्थल है।

करीब 1 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में उमामा और डॉ. इंदु गुप्ता के बीच तीखी बहस हुई है, जिसमें उमामा हिजाब पहनने के अपने अधिकार की बात कर रही हैं, जबकि डॉ. गुप्ता सख्त ड्रेस कोड लागू करने की बात पर अड़ी रहती हैं। यह वीडियो अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो चुका है, जिससे यह विवाद और अधिक तूल पकड़ चुका है।

यह पहली बार नहीं है जब उमामा को MCH अस्पताल में हिजाब पहनने को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा है। रिकॉर्ड की गई घटना से तीन दिन पहले भी इसी तरह का विवाद हुआ था, जिसके बाद उमामा ने अस्पताल के प्रभारी डॉ. विनोद पर्वेरिया को इस मुद्दे की जानकारी दी थी। डॉ. पर्वेरिया ने उमामा की शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हिजाब पर रोक लगाना उचित नहीं है और यह भी स्पष्ट किया था कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।

बढ़ते विवाद के बीच डॉ. इंदु गुप्ता ने सफाई देते हुए कहा, “मैंने इंटर्न से सिर्फ इतना कहा कि वह चेहरा न ढकें, ताकि मरीज यह पहचान सकें कि उनका इलाज कौन कर रहा है। अगर कोई घटना जैसे कि किसी को गलत इंजेक्शन लग गया हो तो जिम्मेदारी सीनियर डॉक्टर की होती है, इंटर्न की नहीं।” डॉ. गुप्ता ने यह भी इंकार किया कि उन्होंने इस्लाम के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी की है, और उल्टा उमामा पर आरोप लगाया कि उन्होंने वीडियो शेयर कर के जानबूझकर यह विवाद खड़ा किया।

वायरल वीडियो ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर नाराजगी पैदा कर दी है। कांग्रेस पार्टी और मुस्लिम समुदाय से जुड़े संगठनों ने उमामा के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है, और डॉ. इंदु गुप्ता पर धार्मिक भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता औसाफ खान और उनके समर्थकों ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रभारी डॉ. विनोद पर्वेरिया को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें डॉ. गुप्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह घटना मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है और उमामा की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने डॉ. इंदु गुप्ता का समर्थन किया है। पार्टी के टोंक जिला अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें डॉ. गुप्ता के पक्ष में कार्रवाई की मांग की गई। भाजपा ने तर्क दिया कि अस्पताल एक संवेदनशील कार्यस्थल होता है, जहां पेशेवर आचरण और मरीजों की सुरक्षा को धार्मिक प्रतीकों से ऊपर रखा जाना चाहिए। उन्होंने उमामा पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर वीडियो रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिससे सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ।

टोंक पुलिस, कोतवाली थाना प्रभारी सीआई भंवरलाल वैष्णव के नेतृत्व में, वायरल वीडियो के आधार पर मामले की जांच शुरू कर चुकी है, भले ही अब तक किसी भी पक्ष ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस की साइबर सेल सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है, ताकि ऐसे उकसावे भरे या भड़काऊ कमेंट्स को रोका जा सके जो स्थिति को और तनावपूर्ण बना सकते हैं।

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