यूपी कथावाचक विवाद: पुलिस पर पथराव, 20 लोग हिरासत में

Written by sabrang india | Published on: June 27, 2025
दो भागवत कथा वाचकों, मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव को कथित रूप से ऊंची जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए सिर मुंडवाकर अपमानित किया, क्योंकि बाद में यह पता चला कि वे यादव जाति से संबंध रखते हैं।


साभार : इंडिया टुडे

उत्तर प्रदेश के इटावा के डांडरपुर गांव में एक भागवत कथा वाचक और उनके सहयोगी का कथित तौर पर जाति को लेकर सिर मुंडवाने की घटना के कुछ ही दिनों बाद गुरुवार को तनाव उस समय और बढ़ गया जब यादव समाज के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की।

पुलिस के अनुसार, दोपहर के समय आगरा-कानपुर हाईवे और बकेवर क्षेत्र के डांडरपुर गांव के पास बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने लगी। सोशल मीडिया पर वायरल कथित वीडियो में देखा गया कि अज्ञात लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जबकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देने के लिए हवा में फायरिंग की कोशिश की।

रेडिफ की रिपोर्ट के अनुसार, इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, "सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिली थी कि कुछ समूह डांडरपुर गांव में तीन दिन पहले हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर, हाईवे और गांव में पुलिस बल की तैनाती की गई।"

उन्होंने कहा, "करीब दोपहर 1:30 बजे, आगरा-कानपुर हाईवे पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने लगी। अधिकांश लोगों को समझा-बुझाकर शांतिपूर्वक हटा दिया गया, लेकिन कुछ लोग जबरन डांडरपुर गांव में घुसने की कोशिश करने लगे, जिससे शांति व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति बन गई।" एसएसपी श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि इस मामले में 19 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 13 गाड़ियों को जब्त किया गया है।

उन्होंने आगे कहा, "संबंधित धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है और स्थिति सामान्य है।" दिन की शुरूआत में, यादव समुदाय के सैकड़ों सदस्य बकेवर थाने पहुंचे और कथित रूप से पीड़ितों के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में तथा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने का घेराव किया। एसपी (ग्रामीण) श्रीश चंद्र ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन वहां तीखी बहस हो गई। जब प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते रहे, तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। बताया गया कि भीड़ ने प्रतिक्रिया में पुलिस पर पथराव किया, जिससे एक पुलिस जीप की विंडशील्ड क्षतिग्रस्त हो गई। कुछ प्रदर्शनकारी आगरा-कानपुर हाईवे की ओर भाग गए।

इस विवाद की शुरुआत 22-23 जून की रात को डांडरपुर गांव में हुई एक घटना से हुई। दो भागवत कथा वाचकों, मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव को कथित रूप से ऊंची जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए सिर मुंडवाकर अपमानित किया, क्योंकि बाद में यह पता चला कि वे यादव जाति से संबंध रखते हैं।

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख ने भी शेयर किया। उसमें आरोपी कथित रूप से यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि, "ब्राह्मणों के गांव में आने की सजा मिल रही है।"

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उनसे उनकी जाति के बारे में पूछताछ की गई, पहचान पत्र दिखाने के लिए मजबूर किया गया, और अपमानित किया गया। संत सिंह यादव ने कहा, "मेरे साथ पूरी रात टॉर्चर किया गया। मेरा सिर मुंडवा दिया गया और उन्होंने मुझ पर पेशाब छिड़कते हुए कहा कि यह मुझे शुद्ध करने के लिए है।"

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