माकपा ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग की भूमिका का भी योगदान होने का आरोप लगाते हुये चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति की अगुवाई वाले कोलेजियम द्वारा किये जाने की मांग की है।
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माकपा की केन्द्रीय समिति ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा बैठक में जारी बयान में कहा है, 'चुनाव में भाजपा की जीत में चुनाव आयोग की भूमिका मददगार रही। पार्टी, देश में इस बात से इत्तेफाक रखने वाले राजनीतिक समूहों को एकजुट कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी जिससे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार द्वारा नहीं बल्कि, राष्ट्रपति की अगुवाई वाले कोलेजियम द्वारा की जाये।''
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने केन्द्रीय समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद बताया कि पार्टी, चुनाव सुधार के तहत दो बातों पर विशेष जोर देगी। पहला, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कोलेजियम द्वारा हो और दूसरा, राजनीतिक चंदे में भ्रष्टाचार का माध्यम बने चुनावी बॉंड को खत्म किया जाये। उन्होंने बताया कि वामदल अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर इन सुधारों को लागू कराने के लिये सरकार पर दबाव बनायेंगे।
चुनाव में माकपा की हार के बारे में केन्द्रीय समिति के फैसलों के बारे में येचुरी ने बताया कि बैठक में सभी राज्यों की प्रदेश समितियों ने समीक्षा रिपोर्ट पेश की। इसमें भाजपा द्वारा राष्ट्रवाद और सांप्रदायिकता के सहारे मतों का कामयाबीपूर्वक ध्रुवीकरण किये जाने के मद्देनजर केन्द्रीय समिति ने भविष्य में इसे रोकने के लिये पार्टी के परंपरागत समर्थकों को जमीनी स्तर पर एकजुट करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय समिति ने चुनाव से पहले विपक्ष की एकजुटता नहीं हो पाने के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार माना है। येचुरी ने कहा कि वामदलों की मजबूती वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल में भाजपा और आरएसएस प्रायोजित हिंसा के कारण पनपे भय के वातावरण की वजह से वामदलों के समर्थक मतदान केन्द्रों तक नहीं पहुंच सके।
येचुरी ने भविष्य की रणनीति के बारे में बताया कि हिंदुत्व के प्रति नरम रुख, कट्टर हिंदुत्व का जवाब नहीं हो सकता है। इस दिशा में वामपंथ ही देश की जनता को विकल्प दे सकता है। इसके मद्देनजर केन्द्रीय समिति ने सभी वामदलों की एकजुटता सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया है।
इसके लिये वामदलों के एकीकरण के सवाल पर येचुरी ने कहा कि जल्द ही सभी वामदलों के नेताओं की बैठक होगी। इसमें आपसी सहयोग से अपने जनाधार को एकजुट करने के उपायों को लागू किया जायेगा।
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माकपा की केन्द्रीय समिति ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा बैठक में जारी बयान में कहा है, 'चुनाव में भाजपा की जीत में चुनाव आयोग की भूमिका मददगार रही। पार्टी, देश में इस बात से इत्तेफाक रखने वाले राजनीतिक समूहों को एकजुट कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी जिससे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार द्वारा नहीं बल्कि, राष्ट्रपति की अगुवाई वाले कोलेजियम द्वारा की जाये।''
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने केन्द्रीय समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद बताया कि पार्टी, चुनाव सुधार के तहत दो बातों पर विशेष जोर देगी। पहला, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कोलेजियम द्वारा हो और दूसरा, राजनीतिक चंदे में भ्रष्टाचार का माध्यम बने चुनावी बॉंड को खत्म किया जाये। उन्होंने बताया कि वामदल अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर इन सुधारों को लागू कराने के लिये सरकार पर दबाव बनायेंगे।
चुनाव में माकपा की हार के बारे में केन्द्रीय समिति के फैसलों के बारे में येचुरी ने बताया कि बैठक में सभी राज्यों की प्रदेश समितियों ने समीक्षा रिपोर्ट पेश की। इसमें भाजपा द्वारा राष्ट्रवाद और सांप्रदायिकता के सहारे मतों का कामयाबीपूर्वक ध्रुवीकरण किये जाने के मद्देनजर केन्द्रीय समिति ने भविष्य में इसे रोकने के लिये पार्टी के परंपरागत समर्थकों को जमीनी स्तर पर एकजुट करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय समिति ने चुनाव से पहले विपक्ष की एकजुटता नहीं हो पाने के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार माना है। येचुरी ने कहा कि वामदलों की मजबूती वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल में भाजपा और आरएसएस प्रायोजित हिंसा के कारण पनपे भय के वातावरण की वजह से वामदलों के समर्थक मतदान केन्द्रों तक नहीं पहुंच सके।
येचुरी ने भविष्य की रणनीति के बारे में बताया कि हिंदुत्व के प्रति नरम रुख, कट्टर हिंदुत्व का जवाब नहीं हो सकता है। इस दिशा में वामपंथ ही देश की जनता को विकल्प दे सकता है। इसके मद्देनजर केन्द्रीय समिति ने सभी वामदलों की एकजुटता सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया है।
इसके लिये वामदलों के एकीकरण के सवाल पर येचुरी ने कहा कि जल्द ही सभी वामदलों के नेताओं की बैठक होगी। इसमें आपसी सहयोग से अपने जनाधार को एकजुट करने के उपायों को लागू किया जायेगा।