गुजरात हाईकोर्ट का सरकार को सख्त निर्देश : मुस्लिम व्यापारी हिंदू इलाके में अपनी दुकान खोल सकें

Written by sabrang india | Published on: June 24, 2025
वडोदरा के एक हिंदू बहुल क्षेत्र में एक मुस्लिम व्यापारी द्वारा खरीदी गई दुकान को स्थानीय विरोध के चलते खोलने नहीं दिया गया। अब गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उसकी जिम्मेदारी है, साथ ही अधिकारियों को व्यापारी की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया है।


साभार : लाइव लॉ

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना जिम्मेदारी उसकी है। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वडोदरा के हिंदू बहुल क्षेत्र में एक मुस्लिम व्यापारी को उसकी वैध रूप से स्वामित्व वाली दुकान से व्यापार करने में आ रही परेशानियों का समाधान सुनिश्चित करे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस एच.डी.सुथार की पीठ द्वारा दिया गया यह आदेश याचिकाकर्ता ओनाली ढोलकावाला के लिए राहत बनकर आया है, जिन्हें स्थानीय लोगों द्वारा दुकान खोलने से रोके जाने के कारण लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता ने 2016 में चंपानेर दरवाजा के पास दो हिंदू भाइयों से वैध रूप से एक दुकान खरीदी थी। हालांकि, यह क्षेत्र 'गुजरात अचल संपत्ति के हस्तांतरण पर निषेध और अशांत क्षेत्रों में परिसर से किरायेदारों की बेदखली के प्रावधान अधिनियम, 1991' (अशांत क्षेत्र अधिनियम) के तहत आता है, जो संपत्ति के लेनदेन पर प्रतिबंध लगाता है और इसके लिए जिला कलेक्टर की पूर्व अनुमति अनिवार्य बनाता है। इसी कारण, याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का रुख करने के बाद बिक्री विलेख को 2020 में पंजीकृत करवा सके।

इस दौरान याचिकाकर्ता को दुकान के आस-पास रहने वाले लोगों के विरोध का लगातार सामना करना पड़ा, क्योंकि कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम व्यक्ति को संपत्ति बेचे जाने को चुनौती दी और इस लेनदेन को रद्द करने की मांग की। उनका तर्क था कि क्षेत्र में मुस्लिम को संपत्ति खरीदने की अनुमति देने से सामाजिक ध्रुवीकरण हो सकता है और स्थानीय जनसांख्यिकीय संतुलन प्रभावित हो सकता है।

फरवरी 2023 में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए इस प्रकार की आपत्ति को ‘परेशान करने वाला तत्व’ करार दिया और दोनों वादियों में प्रत्येक पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायालय ने कहा कि खरीदार को न केवल परेशान किया जा रहा है, बल्कि उसे अपनी वैध रूप से खरीदी गई संपत्ति के इस्तेमाल से भी वंचित किया जा रहा है। इस आदेश के खिलाफ दायर की गई अपील को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया।

हालांकि अदालत के आदेश के बावजूद, स्थानीय लोगों ने ढोलकावाला को दुकान का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कथित रूप से दुकान के गेट पर मलबा डाल दिया, जिससे उसे खोला न जा सके।

ढोलकावाला ने एक बार फिर हाईकोर्ट का रुख किया, इस बार पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए ताकि वे अपनी दुकान की मरम्मत करवा सकें और वहां से व्यवसाय कर सकें। उन्होंने अदालत को बताया कि उन्होंने कई बार पानीगेट पुलिस थाने से सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कथित रूप से कोई सहायता नहीं मिली।

मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एच.डी. सुथार ने कहा, "प्रस्तुत तथ्यों और याचिकाकर्ता द्वारा अनुबंध-ए में दर्ज शिकायत को ध्यान में रखते हुए, संबंधित प्रतिवादी प्राधिकरण को निर्देश दिया जाता है कि वह कानून के अनुरूप याचिकाकर्ता की शिकायत का समाधान सुनिश्चित करे, क्योंकि कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य का दायित्व है। यदि याचिकाकर्ता को कोई प्रतिकूल परिणाम झेलना पड़ता है, तो वे उपयुक्त मंच पर आवश्यक विधिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।"

Related

गौहाटी हाईकोर्ट ने जमानत की शर्तों के पालन में अब्दुल शेख द्वारा की गई पुलिस के समक्ष साप्ताहिक उपस्थिति पर रिपोर्ट मांगी

गौहाटी उच्च न्यायालय ने तोराप अली की याचिका में फिर से मिलने की इजाजत दी, नियमित पुलिस रिपोर्टिंग के दावे का विरोध करने वाला हलफनामा दायर किया गया

बाकी ख़बरें