एक समूह ने लगभग 20-25 अज्ञात लोगों के साथ बारात को रोका, दूल्हे को सजे-धजे बग्गी से उतरने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे उसे गोली मार देंगे।

उत्तर प्रदेश के मथुरा के नौझील थाने के अंतर्गत भूरेका गांव में एक दलित परिवार में शादी के समारोह में मंगलवार देर रात समय रूकावट डाली गई। जाट समुदाय के कुछ लोगों ने बारात के दौरान बज रहे डीजे पर आपत्ति जताई थी।
शिकायत के अनुसार, कृष्ण, मनीष कुमार और अंकुर के नेतृत्व में एक समूह ने लगभग 20-25 अज्ञात लोगों के साथ बारात को रोका, दूल्हे को सजे-धजे बग्गी से उतरने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे उसे गोली मार देंगे।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दुल्हन के चाचा और शिकायतकर्ता पूरन सिंह ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने के बाद बारात सुरक्षित विवाह स्थल पर पहुंच गई। हालांकि, बुधवार की सुबह आरोपी हथियार लेकर वापस लौटे, परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज की, घर की महिलाओं से बदसलूकी की और जातिवादी नारे लगाते हुए एक मोटरसाइकिल को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें दंगा, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, आपराधिक धमकी, गलत तरीके से रोकना और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
मथुरा के सर्किल ऑफिसर गुंजन सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की और कहा कि विवाद बारात के दौरान बजाए जाने वाले गाने को लेकर हुआ। हालांकि, इस दौरान कुछ कहासुनी हुई और कुछ लोगों ने मारपीट भी की लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बारात को उनके रीति-रिवाजों को जारी रखने से रोका गया।
पुलिस जांच कर रही है और इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
दलितों के उत्पीड़न का यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसी कई घटनाएं रोजाना अखबारों की सुर्खियां बनती हैं।
कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दलित उत्पीड़न का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। चौरा-चौरी थाना क्षेत्र के दूधई गांव में एक शादी समारोह के दौरान दलित समाज के छह लोगों से केवल इसलिए मारपीट की गई कि उन्होंने भोजन करने के लिए पत्तल उठा ली। ये मामला 9 मई का है।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, दूधई गांव के रहने वाले लालजी के घर शादी में गांव के ही दलित युवक दीनानाथ अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। दीनानाथ का कहना है कि उन्हें न्यौता दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने खाने के लिए पत्तल उठाई तो राजभर समाज के सोनू, रामचंद्र और भीम ने उन्हें रोकते हुए अपमानित किया और गाली-गलौज करते हुए वहां से भगा दिया।
मामला केवल शादी से भगाने तक नहीं थमा। पीड़ित परिवार किसी तरह वापस अपने घर लौट आया लेकिन देर रात आरोप है कि वही आरोपी अपने दूसरे साथियों के साथ दीनानाथ के घर पर लाठी-डंडों और चाकुओं से लैस होकर पहुंचे और पूरे परिवार पर हमला कर दिया। इस हमले में महिलाओं समेत छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार इसी साल जनवरी महीने में अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति की बारात अजमेर जिले के श्रीनगर ब्लॉक के लावेरा गांव से भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गुजरी। परिवार ने शिकायत की थी कि स्थानीय उच्च जाति के लोग उसके घोड़े पर सवार बारात का विरोध कर रहे थे।
गांव में करीब 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। गांव के निवासी नारायण खोरवाल के घर 21 जनवरी को बारात निकलनी थी। दूल्हे को घोड़े पर जाना था इसलिए उच्च जाति के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि दुल्हन के पिता के अनुरोध के बाद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कुछ नहीं हुआ और सुरक्षा केवल सुरक्षा उपायों के लिए थी; कोई भेदभाव या ऐसी कोई घटना नहीं हुई।" दुल्हन के पिता नारायण ने कहा, "मेरे समुदाय में डर था और इसलिए हमने पुलिस से सुरक्षा की मांग की।"
पिछले साल हैदराबाद में एक चौंकाने वाली घटना में आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक दलित महिला को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया गया और पीटा गया क्योंकि उसके बेटे ने दूसरी जाति की लड़की से शादी कर ली थी।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बीसी समुदाय के लड़की के परिवार वाले ने दलित लड़के से उसकी शादी को अस्वीकार कर दिया था। रिपोर्टों के अनुसार, कुरनूल जिले के पेड्डा कडुबुर मंडल के कलकुंटा गांव की निवासी के गोविंदम्मा के बेटे ने उसी गांव में दूसरी जाति की लड़की से शादी की थी।
इसी साल मार्च महीने में मेरठ के कालिंदी गांव में शादी के दौरान बारात पर ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। उन्होंने कथित तौर पर जातिवादी गालियां दीं, महिलाओं पर हमला किया और कीमती सामान लूट लिया।
मुजफ्फरनगर के भोकरहेड़ी गांव के निवासी दूल्हे संजीव कुमार के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर उसके भाई गोविंद को लाठियों से पीटा, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं। जब उसकी बहन अंजू ने बीच-बचाव किया, तो उस पर भी कथित तौर पर हमला किया गया। बारात में शामिल कई महिलाओं को भी कथित तौर पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और हमलावरों ने भाग रहे मेहमानों का कारों में पीछा भी किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित भागने में सफल रहे और सरधना पुलिस स्टेशन पहुंचे।
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शिकायत के अनुसार, कृष्ण, मनीष कुमार और अंकुर के नेतृत्व में एक समूह ने लगभग 20-25 अज्ञात लोगों के साथ बारात को रोका, दूल्हे को सजे-धजे बग्गी से उतरने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे उसे गोली मार देंगे।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दुल्हन के चाचा और शिकायतकर्ता पूरन सिंह ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने के बाद बारात सुरक्षित विवाह स्थल पर पहुंच गई। हालांकि, बुधवार की सुबह आरोपी हथियार लेकर वापस लौटे, परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज की, घर की महिलाओं से बदसलूकी की और जातिवादी नारे लगाते हुए एक मोटरसाइकिल को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें दंगा, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, आपराधिक धमकी, गलत तरीके से रोकना और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
मथुरा के सर्किल ऑफिसर गुंजन सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की और कहा कि विवाद बारात के दौरान बजाए जाने वाले गाने को लेकर हुआ। हालांकि, इस दौरान कुछ कहासुनी हुई और कुछ लोगों ने मारपीट भी की लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बारात को उनके रीति-रिवाजों को जारी रखने से रोका गया।
पुलिस जांच कर रही है और इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
दलितों के उत्पीड़न का यह कोई नया मामला नहीं है। ऐसी कई घटनाएं रोजाना अखबारों की सुर्खियां बनती हैं।
कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दलित उत्पीड़न का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। चौरा-चौरी थाना क्षेत्र के दूधई गांव में एक शादी समारोह के दौरान दलित समाज के छह लोगों से केवल इसलिए मारपीट की गई कि उन्होंने भोजन करने के लिए पत्तल उठा ली। ये मामला 9 मई का है।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, दूधई गांव के रहने वाले लालजी के घर शादी में गांव के ही दलित युवक दीनानाथ अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। दीनानाथ का कहना है कि उन्हें न्यौता दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने खाने के लिए पत्तल उठाई तो राजभर समाज के सोनू, रामचंद्र और भीम ने उन्हें रोकते हुए अपमानित किया और गाली-गलौज करते हुए वहां से भगा दिया।
मामला केवल शादी से भगाने तक नहीं थमा। पीड़ित परिवार किसी तरह वापस अपने घर लौट आया लेकिन देर रात आरोप है कि वही आरोपी अपने दूसरे साथियों के साथ दीनानाथ के घर पर लाठी-डंडों और चाकुओं से लैस होकर पहुंचे और पूरे परिवार पर हमला कर दिया। इस हमले में महिलाओं समेत छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार इसी साल जनवरी महीने में अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति की बारात अजमेर जिले के श्रीनगर ब्लॉक के लावेरा गांव से भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गुजरी। परिवार ने शिकायत की थी कि स्थानीय उच्च जाति के लोग उसके घोड़े पर सवार बारात का विरोध कर रहे थे।
गांव में करीब 400 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। गांव के निवासी नारायण खोरवाल के घर 21 जनवरी को बारात निकलनी थी। दूल्हे को घोड़े पर जाना था इसलिए उच्च जाति के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि दुल्हन के पिता के अनुरोध के बाद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कुछ नहीं हुआ और सुरक्षा केवल सुरक्षा उपायों के लिए थी; कोई भेदभाव या ऐसी कोई घटना नहीं हुई।" दुल्हन के पिता नारायण ने कहा, "मेरे समुदाय में डर था और इसलिए हमने पुलिस से सुरक्षा की मांग की।"
पिछले साल हैदराबाद में एक चौंकाने वाली घटना में आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक दलित महिला को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया गया और पीटा गया क्योंकि उसके बेटे ने दूसरी जाति की लड़की से शादी कर ली थी।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बीसी समुदाय के लड़की के परिवार वाले ने दलित लड़के से उसकी शादी को अस्वीकार कर दिया था। रिपोर्टों के अनुसार, कुरनूल जिले के पेड्डा कडुबुर मंडल के कलकुंटा गांव की निवासी के गोविंदम्मा के बेटे ने उसी गांव में दूसरी जाति की लड़की से शादी की थी।
इसी साल मार्च महीने में मेरठ के कालिंदी गांव में शादी के दौरान बारात पर ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। उन्होंने कथित तौर पर जातिवादी गालियां दीं, महिलाओं पर हमला किया और कीमती सामान लूट लिया।
मुजफ्फरनगर के भोकरहेड़ी गांव के निवासी दूल्हे संजीव कुमार के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर उसके भाई गोविंद को लाठियों से पीटा, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं। जब उसकी बहन अंजू ने बीच-बचाव किया, तो उस पर भी कथित तौर पर हमला किया गया। बारात में शामिल कई महिलाओं को भी कथित तौर पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और हमलावरों ने भाग रहे मेहमानों का कारों में पीछा भी किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित भागने में सफल रहे और सरधना पुलिस स्टेशन पहुंचे।
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