आंध्र प्रदेश: कथित अंतरजातीय विवाह के चलते दलित युवक को खंभे से बांधा, पीटा और गोबर का पानी डाला गया 

Written by sabrang india | Published on: January 27, 2025
लड़की के रिश्तेदारों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अंजनेयुलु को बुरी तरह से प्रताड़ित किया। उसे नंगा कर दिया गया, एक गाड़ी से बांध दिया गया, सड़कों पर घुमाया गया और फिर एक बिजली के खंभे से बांध दिया गया। उसे जूतों से पीटा गया, उस पर गोबर का पानी डाला और जातिसूचक गालियां दीं।


फोटो साभार : मिंट

श्री सत्य साईं जिले के नरसिम्पल्ली गांव में 24 वर्षीय दलित युवक अंजनेयुलु को पिछड़ा वर्ग समुदाय की 17 वर्षीय लड़की के साथ कथित रूप से भाग जाने के कारण बिजली के खंभे से बांध दिया गया, उसके साथ मारपीट की गई और उसे अपमानित किया गया। लड़की के परिवार ने इस जोड़े को पारिगी मंडल के उटुकुरु गांव में खोज निकाला और उन्हें जबरन नरसिम्पल्ली वापस ले आए जहां गुरुवार को बदसलूकी की गई।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के रिश्तेदारों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अंजनेयुलु को बुरी तरह से प्रताड़ित किया। उसे नंगा कर दिया गया, एक गाड़ी से बांध दिया गया, सड़कों पर घुमाया गया और फिर एक बिजली के खंभे से बांध दिया गया। उसे जूतों से पीटा गया, उस पर गोबर का पानी डाला और जातिसूचक गालियां दीं।

मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति (एमआरपीएस) के दखल के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जिसके कारण हमले में शामिल सात लोगों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
इस बीच, लड़की के पिता ने अंजनेयुलु के खिलाफ पोक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) का मामला दर्ज कराया।

पीड़िता की बहन अनीता ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, "जब उसे गाड़ी में वापस ला रहे थे तब उन्होंने मेरे भाई पर हमला किया और गांव में उसे पीट रहे थे। बाद में, पुलिस ने उसे फिर से थाने में पीटा और उसे समझौता करने के लिए मजबूर किया। पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"

श्री सत्य साईं एसपी वी रत्ना ने कहा, "अगर हिरासत में टॉर्चर साबित होती है, तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

बता दें कि दलित समाज के व्यक्तियों के साथ इस तरह क्रूरता कोई पहली घटना नहीं है। करीब एक सप्ताह पहले तमिनलाडु के मदुरै ग्रामीण जिला पुलिस ने 17 वर्षीय दलित किशोर पर जातिवादी गाली देने, उसे पीटने और पुरानी दुश्मनी के चलते उसे पैर पकड़ने को मजबूर करने का मामला सामने आया था। इन आरोपों के तहत छह लोगों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि छह वर्षीय लड़के की मौजूदगी में उस पर पेशाब किया गया, लेकिन पुलिस ने इसे खारिज कर दिया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 16 जनवरी को तमिलनाडु के मदुरै जिले के उसिलामपट्टी तालुक के संगमपट्टी गांव में हुई। किशोर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पिछले साल दिसंबर में गांव के कुछ लोगों ने उसकी जाति के कारण उसे और उसके परिवार को परेशान किया था, जिसके बाद से वह कुछ दिनों से केरल में रह रहा था। वह हाल ही में पोंगल के लिए घर लौटा था। 

उसने कहा "मैं चुपचाप लेटा रहा, लेकिन वे मुझे जबरन गांव में एक सुनसान जगह पर ले गए और मेरी जाति के कारण मुझे गाली देते हुए पीटा। उन्होंने मुझे अपने पैरों पर गिरने के लिए मजबूर किया और मुझसे माफी मांगने को कहा, जबकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया था। एक छह वर्षीय लड़के की मौजूदगी में मुझ पर पेशाब भी किया गया। उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी। मैं घायल हो गया और मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।" 

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