उत्तर प्रदेश: दलित युवक पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस की लापरवाही, पीड़ित को धमकाने का आरोप

Written by sabrang india | Published on: August 31, 2024
पीड़ित लड़के की मां ने जनपद के पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी कि उसका बेटा हरिश्चंद्र 10 अगस्त को शाम करीब पांच बजे लखीमपुर बाजार में सामान खरीदने गया था। सामान खरीदते समय उसके साथ कृष्ण चौहान, दिनेश चौहान, रवि चौहान और करन चौहान का विवाद हुआ। जब हरिश्चंद्र ने बहस करने से इंकार किया, तो आरोपियों ने उसे गालियाँ दीं और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।



उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जनपद के एक गांव में एक दलित युवक पर क्षेत्र के उच्च जाति के लोगों द्वारा जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने इस घटना की शिकायत पुलिस को दी है, जो 10 अगस्त को हुई थी।

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक युवक को बुरी तरह पीटा जा रहा है। वीडियो में कुछ लोग उस युवक को गंभीर चोटें पहुंचाते हुए दिखाई दे रहे हैं। पीड़ित को जिला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और शरीर के 18 स्थानों पर चोटें लगी हैं।

पीड़ित हरिश्चंद ने फोन पर सबरंग को बताया कि सभी आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। स्थानीय पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि उच्च अधिकारियों ने सभी आरोपियों को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया है। पीड़ित ने कहा कि आरोपी उसे सुलह करने की धमकी दे रहे हैं। हरिश्चंद ने बताया कि उसकी छाती और सिर पर गंभीर चोटें आई हैं, जिससे उसकी कुछ उंगलियाँ भी ठीक से काम नहीं कर रही हैं और अंदरूनी तकलीफ बहुत अधिक है।

पीड़ित लड़के की मां ने जनपद के पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी कि उसका बेटा हरिश्चंद्र 10 अगस्त को शाम करीब पांच बजे लखीमपुर बाजार में सामान खरीदने गया था। सामान खरीदते समय उसके साथ कृष्ण चौहान, दिनेश चौहान, रवि चौहान और करन चौहान का विवाद हुआ। जब हरिश्चंद्र ने बहस करने से इंकार किया, तो आरोपियों ने उसे गालियाँ दीं और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।

पीड़ित की मां ने बताया कि जब उसके बेटे ने गालियां देने से मना किया, तो आरोपियों कृष्ण चौहान और दिनेश चौहान ने लोहे के पंप, रॉड और डंडे से उसे बुरी तरह मारा, जिससे वह बेहोश हो गया। गिरने के बाद भी आरोपियों ने उसकी जान लेने की नीयत से उसके सिर पर रॉड से हमला किया। वहां मौजूद लोग केवल देख रहे थे। घटना की सूचना मिलने पर गांव के प्रधान बाजार गए और 112 व 108 पर फोन किया, फिर स्थानीय थाना को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मेरे बेटे और दो आरोपियों, दिनेश और रवि चौहान को थाने ले गई, लेकिन अगले दिन दोनों आरोपियों को छोड़ दिया। मेरा बेटा अभी सदर अस्पताल में भर्ती है।

पीड़ित की मां ने आगे कहा कि आरोपी कृष्ण चौहान और उसके दो बेटे शिवपाल व करन ने धमकी दी है कि अगर पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो वे उसे जान से मार देंगे।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अमित ने बताया कि "घटना के अगले दिन, 11 अगस्त को, सभी आरोपी हरिश्चंद्र के परिवार को डराने-धमकाने लगे। 11 अगस्त की सुबह एक व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से सूचना मिली, जिसमें युवक की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। मैं अपने बंधुता मंच और गांव के कुछ अन्य साथियों के साथ हरिश्चंद्र के घर पहुंचा। घर के परिजनों और ग्राम प्रधान से मिलकर इस संदर्भ में बातचीत की। ग्राम प्रधान और कुछ अन्य लोगों ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए जीयनपुर कोतवाली पहुंचे, तब जाकर किसी तरह थानाध्यक्ष ने एफआईआर लिखी और दोनों पक्षों का धारा 151 के तहत चालान कर दिया। फिर दोनों पक्ष ने तहसील सगड़ी से जमानत कराई। 12 अगस्त को एसीसीएसटी एक्ट के तहत कुछ धाराएं आरोपियों पर लगाई गईं और दो लोगों की पुनः गिरफ्तारी हुई, जबकि बाकी आरोपी फरार हो गए।

अगले दिन हरिश्चंद्र के चाचा सुबास जब जीयनपुर कोतवाली पहुंचे, तो पता चला कि दोनों आरोपी थाने में नहीं हैं। पीड़ित हरिश्चंद्र की मां और चाचा के बयान के आधार पर एसपी को पूरे मामले का उल्लेख करते हुए एक शिकायत पत्र लिखा गया।

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