अंबाला के गांव कोडवा में शामली एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर बुधवार को पुलिस-प्रशासन और किसानों में टकराव हो गया। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मौके पर कब्जा लेने पहुंचे थे जहां किसान मुआवजे आदि मांगों को लेकर पहले से ही धरने पर बैठे थे। इस दौरान विरोध पर जमकर झड़प व धक्का-मुक्की हुई
अंबाला शामली एक्सप्रेस-वे को लेकर बुधवार को गांव कोडवा में किसानों और प्रशासन के बीच टकराव हो गया। किसान यहां जमीन अधिग्रहण के खिलाफ पिछले लंबे समय से धरना दे रहे हैं। बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर एक्सप्रेस वे को लेकर कार्य कराने पहुंचे। यहां पर किसान पहले से ही धरने पर बैठे थे। जैसे ही एनएचएआई द्वारा जेसीबी मशीन से जमीन पर खुदाई शुरू की गई वैसे ही भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के कई किसान नेता मौके पर पहुंच गए और उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया।
महिला एसडीएम के साथ किसानों की जमकर बहस हुई और बोले कि आप लोग हमें मारने आए हो। जोरदार झड़प और धक्का-मुक्की के बाद पुलिस द्वारा कई किसानों को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, बाद में सभी किसानों को छोड़ दिया गया।
प्रशासन द्वारा लाए गए जेसीबी को रोकते किसान
महिला एसडीएम ने विरोध कर रहे किसानों को समझाने की कोशिश की तो बहस शुरू हो गई। एसडीएम ने इस दौरान झड़प की वीडियो बनाने से जब लोगों को रोक दिया तो माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने विरोध कर रहे कई किसानों को हिरासत में ले लिया । किसानों द्वारा आरोप लगाया है कि उन्हें अधिग्रहित की गई भूमि का अभी तक उचित मुआवजा नहीं दिया गया है और पुलिस व प्रशासन किसानों की जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंच गया है।
किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही भारी पुलिस बल का इंतजाम किया हुआ था। लिहाजा पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया। इस पर दोनों के बीच में धक्का-मुक्की हुई। एक किसान तो जेसीबी के ऊपर चढ़ गया। पुलिस ने किसानों को पीछे खदेड़ने का प्रयास किया लेकिन किसान पीछे नहीं हटे। दोनों के बीच में संघर्ष हुआ। किसानों का कहना है कि मुआवजे को लेकर अभी तक मामले लंबित हैं। उन्हें जमीन पर मौजूद नलकूप, भवन आदि का भी मुआवजा देना चाहिए। इस दौरान एसडीएम ने भी काफी समझाने का प्रयास किया मगर किसान विरोध करते रहे। एसडीएम ने बताया कि प्रशासन ने दोपहर बाद किसानों की बैठक बुलाई है जिसमें किसानों के साथ वार्ता कर इस मामले में समाधान किया जाएगा।
एसडीएम के साथ डेढ़ घंटा चली बैठक रही बेनतीजा
दोपहर बाद एसडीएम नारायणगढ़ के साथ करीब डेढ़ घंटे चली किसानों की मीटिंग बेनतीजा रही। यहां किसानों ने प्रमुख तौर से 4 मांगे रखी। किसानों ने कहा कि सरकार खेतों में खड़ी फसल का मुआवजा दे। अगर सरकार मुआवजा नहीं दे रही तो किसानों को फसल काटने के लिए 10 दिन का समय दें। इसके अलावा खेतों में खड़े ट्यूबवैल और पाइप लाइन का मुआवजा सरकार किसानों को दे। भाकियू के जिला प्रधान मलकीत सिंह और युवा प्रधान गुलाब पुनिया ने कहा कि डेढ़ घंटा चली मीटिंग में किसी भी बात पर सहमति नहीं बनी है। कहा प्रशासन कब्जा लेने को लेकर अडिग है। किसान जल्द ही मीटिंग कर, बड़ा फैसला लेंगे।
उचित मुआवजा न मिलने का विरोध कर रहे किसान
बता दें कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और जिला प्रशासन कोड़वा में जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा है, लेकिन किसान फसल का मुआवजा न मिलने के कारण जमीन पर कब्जे की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
3663.80 करोड़ से बनेगा एक्सप्रेस-वे
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अंबाला-शामली एक्सप्रेस-वे पर 3663.80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह एक्सप्रेस-वे सिक्सलेन होगा। अंबाला चंडीगढ़ हाईवे से शामली तक इसकी लंबाई 110 KM होगी। इसका राइट ऑफवे करीब 60 मीटर का होगा और पूरी तरह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर होगा।
यह एक्सप्रेस-वे अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर से होते हुए वेस्ट यूपी के सहारनपुर और शामली जिले को जोड़ेगा। शामली जिले की सीमा से यह हाईवे आगे दिल्ली- शामली-सहारनपुर फोरलेन को जोड़ते हुए दिल्ली- देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में मिलेगा।
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UP: आधे से ज्यादा सीजन बीतने के बाद भी किसानों को गन्ने की फसल का भाव पता नहीं
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महिला एसडीएम के साथ किसानों की जमकर बहस हुई और बोले कि आप लोग हमें मारने आए हो। जोरदार झड़प और धक्का-मुक्की के बाद पुलिस द्वारा कई किसानों को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, बाद में सभी किसानों को छोड़ दिया गया।
प्रशासन द्वारा लाए गए जेसीबी को रोकते किसान
महिला एसडीएम ने विरोध कर रहे किसानों को समझाने की कोशिश की तो बहस शुरू हो गई। एसडीएम ने इस दौरान झड़प की वीडियो बनाने से जब लोगों को रोक दिया तो माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने विरोध कर रहे कई किसानों को हिरासत में ले लिया । किसानों द्वारा आरोप लगाया है कि उन्हें अधिग्रहित की गई भूमि का अभी तक उचित मुआवजा नहीं दिया गया है और पुलिस व प्रशासन किसानों की जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंच गया है।
किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही भारी पुलिस बल का इंतजाम किया हुआ था। लिहाजा पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया। इस पर दोनों के बीच में धक्का-मुक्की हुई। एक किसान तो जेसीबी के ऊपर चढ़ गया। पुलिस ने किसानों को पीछे खदेड़ने का प्रयास किया लेकिन किसान पीछे नहीं हटे। दोनों के बीच में संघर्ष हुआ। किसानों का कहना है कि मुआवजे को लेकर अभी तक मामले लंबित हैं। उन्हें जमीन पर मौजूद नलकूप, भवन आदि का भी मुआवजा देना चाहिए। इस दौरान एसडीएम ने भी काफी समझाने का प्रयास किया मगर किसान विरोध करते रहे। एसडीएम ने बताया कि प्रशासन ने दोपहर बाद किसानों की बैठक बुलाई है जिसमें किसानों के साथ वार्ता कर इस मामले में समाधान किया जाएगा।
एसडीएम के साथ डेढ़ घंटा चली बैठक रही बेनतीजा
दोपहर बाद एसडीएम नारायणगढ़ के साथ करीब डेढ़ घंटे चली किसानों की मीटिंग बेनतीजा रही। यहां किसानों ने प्रमुख तौर से 4 मांगे रखी। किसानों ने कहा कि सरकार खेतों में खड़ी फसल का मुआवजा दे। अगर सरकार मुआवजा नहीं दे रही तो किसानों को फसल काटने के लिए 10 दिन का समय दें। इसके अलावा खेतों में खड़े ट्यूबवैल और पाइप लाइन का मुआवजा सरकार किसानों को दे। भाकियू के जिला प्रधान मलकीत सिंह और युवा प्रधान गुलाब पुनिया ने कहा कि डेढ़ घंटा चली मीटिंग में किसी भी बात पर सहमति नहीं बनी है। कहा प्रशासन कब्जा लेने को लेकर अडिग है। किसान जल्द ही मीटिंग कर, बड़ा फैसला लेंगे।
उचित मुआवजा न मिलने का विरोध कर रहे किसान
बता दें कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और जिला प्रशासन कोड़वा में जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा है, लेकिन किसान फसल का मुआवजा न मिलने के कारण जमीन पर कब्जे की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
3663.80 करोड़ से बनेगा एक्सप्रेस-वे
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे अंबाला-शामली एक्सप्रेस-वे पर 3663.80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह एक्सप्रेस-वे सिक्सलेन होगा। अंबाला चंडीगढ़ हाईवे से शामली तक इसकी लंबाई 110 KM होगी। इसका राइट ऑफवे करीब 60 मीटर का होगा और पूरी तरह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर होगा।
यह एक्सप्रेस-वे अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर से होते हुए वेस्ट यूपी के सहारनपुर और शामली जिले को जोड़ेगा। शामली जिले की सीमा से यह हाईवे आगे दिल्ली- शामली-सहारनपुर फोरलेन को जोड़ते हुए दिल्ली- देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में मिलेगा।
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