नई दिल्ली। वाराणसी से समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार तेजबहादुर यादव के नामांकन को लेकर अभी दिल्ली से लेकर वाराणसी तक हलचल का माहौल है। गठबंधन और बीजेपी के समर्थक दिल्ली चुनाव आयोग के कार्यालय और वाराणसी में जमे हुए हैं। बीजेपी ने तेजबहादुर को समय दिए जाने पर अप्पति जताते हुए रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखा है।
बीजेपी का कहना है कि दस्तावेज नामांकन के दौरान ही जमा कर देने चाहिए थे। बता दें कि आयोग ने तेज बहादुर से उनकी बर्खास्तगी की असल वजह की जानकारी बीएसएफ से लेकर आने के लिए आज 11 बजे तक का समय दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने समय बीतने के बाद भी और समय दे दिया है।
चुनाव आयोग ने बीएसएफ से पूछा है कि जवान तेजबहादुर को क्यों बर्खास्त किया गया? इसका तत्काल जवाब मांगा गया है. अब गेंद केंद्रीय गृह मंत्रालय के पाले में है क्योंकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन है।
दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिख रहे हैं, 'चूंकि तेजबहादुर की बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के आरोप में हुई थी, इसलिए उनकी पर्चा रद्द नहीं होगा, ऐसी उम्मीद तेजबहादुर के वकीलों की टीम को है।
पर्चा रद्द होना सिर्फ दो कारणों से हो सकता है- जब आरोप भ्रष्टाचार के हों, या राष्ट्रद्रोह के. तेजबहादुर पर ये आरोप कभी लगे ही नहीं.
जाहिर है कि बीएसएफ को अब सही जानकारी देनी ही होगी.
देश भर में तेजबहादुर के समर्थन में लहर. बनारस में हजारों लोग डीएम दफ्तर के सामने जमा.'
वहीं दूसरी तरफ जानकारी मिल रही है कि बीजेपी नामांकन रद्द कराने के लिए पूरा जोर लगा रही है। संबित पात्रा सहित बीजेपी की एक टीम चुनाव आयोग में तेज बहादुर का नामांकन रद्द कराने की दलील देने पहुंची है।
बीजेपी का कहना है कि दस्तावेज नामांकन के दौरान ही जमा कर देने चाहिए थे। बता दें कि आयोग ने तेज बहादुर से उनकी बर्खास्तगी की असल वजह की जानकारी बीएसएफ से लेकर आने के लिए आज 11 बजे तक का समय दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने समय बीतने के बाद भी और समय दे दिया है।
चुनाव आयोग ने बीएसएफ से पूछा है कि जवान तेजबहादुर को क्यों बर्खास्त किया गया? इसका तत्काल जवाब मांगा गया है. अब गेंद केंद्रीय गृह मंत्रालय के पाले में है क्योंकि बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन है।
दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिख रहे हैं, 'चूंकि तेजबहादुर की बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के आरोप में हुई थी, इसलिए उनकी पर्चा रद्द नहीं होगा, ऐसी उम्मीद तेजबहादुर के वकीलों की टीम को है।
पर्चा रद्द होना सिर्फ दो कारणों से हो सकता है- जब आरोप भ्रष्टाचार के हों, या राष्ट्रद्रोह के. तेजबहादुर पर ये आरोप कभी लगे ही नहीं.
जाहिर है कि बीएसएफ को अब सही जानकारी देनी ही होगी.
देश भर में तेजबहादुर के समर्थन में लहर. बनारस में हजारों लोग डीएम दफ्तर के सामने जमा.'
वहीं दूसरी तरफ जानकारी मिल रही है कि बीजेपी नामांकन रद्द कराने के लिए पूरा जोर लगा रही है। संबित पात्रा सहित बीजेपी की एक टीम चुनाव आयोग में तेज बहादुर का नामांकन रद्द कराने की दलील देने पहुंची है।