वाराणसी. वाराणसी से नामांकन रद्द होने के बाद बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तेज बहादुर ने निर्वाचन आयोग के निर्णय को रद्द कर सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी से चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए याचिका दायर की है। तेज बहादुर यादव के मामले की बुधवार को सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पैरवी कर रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस मामले में कल तक जांच करने की बात कही है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि तेजबहादुर की शिकायत के समुचित बिंदुओं पर गौर कर कल जवाब दें।
तेज बहादुर ने अपनी याचिका के माध्यम से यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की आसान जीत सुनिश्चित करने के लिए उनका नामांकन रद्द किया गया है। साथ ही निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने उनके नामांकन पत्र के साथ प्रस्तुत किये गए बर्खास्तगी पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया है। तेज बहादुर ने बताया कि उनके बर्खास्तगी पत्र पर उन्हें बर्खास्त करने का कारण अनुसाशनहीनता बताया गया है न की भ्रष्टाचार व दगाबाजी।
गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद निर्वाचन आयोग ने उनसे बीएसएफ से बर्खास्त होने का कारण पूछा था। जिसके लिए आयोग ने उन्हें सिर्फ एक दिन का समय दिया था। जिसके बाद तेज बहादुर द्वारा कागजात जमा न करने पर आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था। तभी तेज बहादुर ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी।
आपको बाता दें कि जवानों को परोसे जाने वाले खाने की गुणवक्ता की शिकायत करते हुए तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला था। वीडियो वायरल होने के बाद उनपर अनुशासन हीनता का आरोप लगते हुए बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी जाने के बाद हाल ही में अपने बेटे को भी तेज बहादुर खो चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में तेज बहादुर पहले निर्दलीय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। परंतु बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी से टिकट देकर उनका नामांकन दर्ज करवाया था। लेकिन नामांकन को अधूरा बताते हुए निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था।
तेज बहादुर ने अपनी याचिका के माध्यम से यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की आसान जीत सुनिश्चित करने के लिए उनका नामांकन रद्द किया गया है। साथ ही निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने उनके नामांकन पत्र के साथ प्रस्तुत किये गए बर्खास्तगी पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया है। तेज बहादुर ने बताया कि उनके बर्खास्तगी पत्र पर उन्हें बर्खास्त करने का कारण अनुसाशनहीनता बताया गया है न की भ्रष्टाचार व दगाबाजी।
गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद निर्वाचन आयोग ने उनसे बीएसएफ से बर्खास्त होने का कारण पूछा था। जिसके लिए आयोग ने उन्हें सिर्फ एक दिन का समय दिया था। जिसके बाद तेज बहादुर द्वारा कागजात जमा न करने पर आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था। तभी तेज बहादुर ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही थी।
आपको बाता दें कि जवानों को परोसे जाने वाले खाने की गुणवक्ता की शिकायत करते हुए तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला था। वीडियो वायरल होने के बाद उनपर अनुशासन हीनता का आरोप लगते हुए बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी जाने के बाद हाल ही में अपने बेटे को भी तेज बहादुर खो चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में तेज बहादुर पहले निर्दलीय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। परंतु बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी से टिकट देकर उनका नामांकन दर्ज करवाया था। लेकिन नामांकन को अधूरा बताते हुए निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था।