उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में तनाव: हिंदूत्वादी समूहों ने मकबरे पर कथित तौर पर हंगामा किया

Written by sabrang india | Published on: August 12, 2025
जिले में नवाब अबू समद के सदियों पुराने मकबरे और उसके आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। यह व्यवस्था तब की गई जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि वह 11 अगस्त को हिंदू संगठनों के साथ मिलकर उस स्थल पर पूजा-अर्चना करेंगे।


फोटो साभार : एएनआई

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सोमवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने एक मकबरे पर कथित तौर पर हंगामा किया। उन्होंने वहां पूजा करने की अनुमति की मांग की, यह दावा करते हुए कि इस स्थल पर पहले एक मंदिर मौजूद था।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील की है।

रीडिफ डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में नवाब अबू समद के सदियों पुराने मकबरे और उसके आसपास के इलाके में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। यह व्यवस्था तब की गई जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि वह 11 अगस्त को हिंदू संगठनों के साथ मिलकर उस स्थल पर पूजा-अर्चना करेंगे। उनका दावा था कि यह प्राचीन इमारत वास्तव में एक मंदिर है, जिसमें 'शिवलिंग' मौजूद है।

एक वीडियो, जिसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है, में कुछ लोगों को इस ढांचे के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त करते और एक भगवा झंडा फहराते हुए देखा गया।

फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनुप कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है।

उन्होंने पीटीआई से कहा, "यह जांच की जा रही है कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भीड़ मकबरे के अंदर कैसे घुसी और कानून को अपने हाथ में कैसे लिया। इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा।"

अधिकारियों के अनुसार, इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली, राधानगर, मलवां और हुसैनगंज सहित कई क्षेत्रों से पुलिस बल तैनात किया गया।

भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने चेतावनी दी थी कि यदि प्रशासन ने उन्हें रोका, तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। उनका दावा था कि यह स्थल 'ठाकुर जी' का मंदिर था, जिसे "आक्रांताओं" द्वारा एक मकबरे में बदल दिया गया था।

मुखलाल पाल का दावा था कि उस संरचना के अंदर त्रिशूल और कमल के फूल जैसे चिन्ह मौजूद हैं, जो हिंदू मंदिर के प्रतीक होते हैं और किसी भी मकबरे में नहीं पाए जाते।

एसपी अनुप कुमार सिंह ने पहले कहा था कि प्रशासन ने स्थल और उसके आसपास पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है।

उन्होंने कहा था, "हम शांति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं। किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी," साथ ही यह भी बताया कि जिलाधिकारी स्वयं भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

स्थानीय हिंदू धार्मिक नेताओं और सामुदायिक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था 'मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति' ने जिलाधिकारी रविंद्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है।

समिति ने आरोप लगाया कि उक्त "मंदिर" अत्यंत जर्जर स्थिति में है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक विरासत के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुका है।

वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा है, जिसमें प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि मकबरे के ऐतिहासिक स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए।

मकबरे के मुतवल्ली (प्रबंधक) मोहम्मद नफीस ने कहा कि यह संरचना लगभग 500 साल पुरानी है और इसे सम्राट अकबर के पोते द्वारा बनवाया गया था।

मोहम्मद नफीस ने बताया कि इस मकबरे में अबू मोहम्मद और अबू समद की क़ब्रें हैं।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।

उन्होंने कहा, "स्थिति को दोनों पक्षों को तथ्यात्मक जानकारी देकर नियंत्रित किया गया है। शांति और एकता सुनिश्चित करने के लिए 10 थानों की पुलिस टीमों, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और प्रशासन की तैनाती की गई है।"

पाठक ने दावा किया कि फतेहपुर की स्थिति पूरी तरह से सामान्य है।

उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपील की कि वे इस घटना को लेकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश न करें।

उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भाजपा कभी भी नफरत फैलाने की राजनीति में शामिल नहीं होती और उसकी सोच है, "किसी की तुष्टि नहीं, सभी की संतुष्टि।"

उन्होंने कहा, "भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के नारे के साथ राज्य के हित में जनकल्याणकारी नीतियों को लागू कर रही है।"

उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के साढ़े आठ वर्षों में दंगे पूरी तरह से नियंत्रित किए गए हैं, जिसे समाजवादी पार्टी स्वीकार नहीं कर पा रही है।

उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके सहयोगियों पर बार-बार ऐसे बयान देने का आरोप लगाया, जो सामाजिक सौहार्द को खतरे में डालते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए हिंदू-मुस्लिम विवादों को बढ़ावा दे रही है और अखिलेश यादव जैसे नेता अफवाहें फैलाकर अशांति फैलाते हैं।

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