राजस्थान में आखिरकार वही हुआ जो भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नहीं चाहते थे। भाजपा और वसुंधरा राजे से नाराज विधायक हनुमान बेनीवाल ने जयपुर में विशाल हुंकार रैली में अलग दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया।
वसुंधरा की चिंता इस बात से और बढ़ गई है कि उनके एक और कट्टर विरोधी घनश्याम तिवाड़ी ने भी हनुमान बेनीवाल से हाथ मिला लिया है। तिवाड़ी पहले ही भारत वाहिनी नाम से अलग दल बना चुके हैं।
अब बेनीवाल और तिवाड़ी ने मिलकर तीसरे मोर्चे की नींव रख दी है। इस तीसरे मोर्चे की खासियत ये है कि इसमें भारतीय जनता पार्टी से नाराज किसानों की पूरी भागीदारी है और कमान भी उनके हाथों में है जो वसुंधरा राजे के विरोध के लिए जाने जाते रहे हैं।
विशाल जनसमुदाय की मौजूदगी से उत्साहित हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे की सरकार के जाने का ऐलान कर दिया और कहा कि अगला मुख्यमंत्री किसान का बेटा ही होगा। बेनीवाल ने मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कराकर दोषियों को जेल में डालने का भी ऐलान कर दिया।
बेनीवाल ने किसानों का कर्जा माफ करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने, राज्य में खाली पड़े चार लाख कर्मचारियों के पद भरने, मजबूत लोकायुक्त बनाने, स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने, बेरोजगारों को दस हजार रुपए का बेरोजगार भत्ता देने जैसे लोकलुभावन ऐलान भी कर दिए।
सत्ता बचाने की जद्दोजहद में लगी भाजपा के सामने अब तीसरे नंबर पर खिसक जाने का खतरा पैदा हो गया है। तीसरे मोर्चे में तिवाड़ी और बेनीवाल अब और भी दलों को मिलाने की कोशिश करेंगे।
वसुंधरा की चिंता इस बात से और बढ़ गई है कि उनके एक और कट्टर विरोधी घनश्याम तिवाड़ी ने भी हनुमान बेनीवाल से हाथ मिला लिया है। तिवाड़ी पहले ही भारत वाहिनी नाम से अलग दल बना चुके हैं।
अब बेनीवाल और तिवाड़ी ने मिलकर तीसरे मोर्चे की नींव रख दी है। इस तीसरे मोर्चे की खासियत ये है कि इसमें भारतीय जनता पार्टी से नाराज किसानों की पूरी भागीदारी है और कमान भी उनके हाथों में है जो वसुंधरा राजे के विरोध के लिए जाने जाते रहे हैं।
विशाल जनसमुदाय की मौजूदगी से उत्साहित हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे की सरकार के जाने का ऐलान कर दिया और कहा कि अगला मुख्यमंत्री किसान का बेटा ही होगा। बेनीवाल ने मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कराकर दोषियों को जेल में डालने का भी ऐलान कर दिया।
बेनीवाल ने किसानों का कर्जा माफ करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने, राज्य में खाली पड़े चार लाख कर्मचारियों के पद भरने, मजबूत लोकायुक्त बनाने, स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने, बेरोजगारों को दस हजार रुपए का बेरोजगार भत्ता देने जैसे लोकलुभावन ऐलान भी कर दिए।
सत्ता बचाने की जद्दोजहद में लगी भाजपा के सामने अब तीसरे नंबर पर खिसक जाने का खतरा पैदा हो गया है। तीसरे मोर्चे में तिवाड़ी और बेनीवाल अब और भी दलों को मिलाने की कोशिश करेंगे।