अमित शाह का भारी विरोध, खाली पड़ी रहीं कुर्सियां

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 8, 2018
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारियों में जान फूंकने आए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कभी उम्मीद भी न की होगी कि भाजपा के सबसे सुरक्षित गढ़ माने जाने वाले इस राज्य में उनका ऐसा तगड़ा विरोध होगा।



अमित शाह शनिवार को जब मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंचे तब तक शहर के प्रमुख स्थलों पर अमित शाह वापस जाओ के पोस्टर लग चुके थे। करणी सेना और सपाक्स पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह काले झंडे लिए उनका विरोध करने को तैयार थे।

प्रदर्शनकारियों को मुश्किल से पुलिस ने मार-पीटकर भगाया। करणी सेना और सपाक्स के कई नेता गिरफ्तार किए गए। पुलिस और प्रशासन की सारी ताकत अमित शाह के विरोध के लिए तत्पर खड़े लोगों को रोकने में ही लगी रही।

भाजपा और अमित शाह के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय यह रहा कि उनका विरोध केवल करणी सेना और सपाक्स तक सीमित नहीं रहा। प्रदेश में इस बार वे जहां जहां गए, उनका विरोध व्यापारियों ने भी किया। यहां तक कि जैन समाज ने भी एकजुटता दिखाकर अमित शाह का विरोध किया और अपनी नाराजगी जाहिर की।

सबसे बड़ा झटका तो अमित शाह को इंदौर में दशहरा मैदान में लगा, जहां उन्हें सुनने के लिए भीड़ ही नहीं जुटी। श्रोताओं के लिए लगाई गईं कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। फजीहत से बचने के लिए अमित शाह के आने से पहले ही आयोजकों ने कुर्सियां हटवाईं। इस दौरान मीडिया को भी दूर रखा गया, लेकिन फिर भी कुर्सियां हटाते मजदूरों की तस्वीरें बाहर आ ही गईं।

अब अमित शाह के इस विरोध को राजनीतिक रुझान भी माना जा सकता है क्योंकि प्रदेश में अन्य 4 राज्यों समेत, विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। एक सवाल यह भी है कि अगर भाजपा के सबसे सुरक्षित गढ़ में भाजपा का सबसे बड़ा नेता सही तरह से रैली नहीं कर पा रहा है तो बाकी नेताओं का क्या हाल होगा।
 

बाकी ख़बरें