मध्यप्रदेश में अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली का हाल ये है कि भिंड में जननी एक्सप्रेस न मिलने के कारण प्रसूता तो बाइक से अस्पताल ले जाना पड़ा और अस्पताल में भी डॉक्टर ने उसे भर्ती नहीं किया तो महिला ने अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
वहीं दूसरी जगह सिहोरा में अस्पताल में ताला लगा होने के कारण गर्भवती महिला की डिलीवरी अस्पताल के बाहर ही हो गई।
(Courtesy: The Indian Iris)
भिंड के मामले में मिलहनपुरा निवासी मालती को बुधवार की शाम प्रसव पीड़ा शुरू होने पर गांव की सुषमा ने जननी एक्सप्रेस को बुलाने के लिए भोपाल फोन लगाया, लेकिन उससे कहा गया कि जननी एक्सप्रेस फ्री नहीं है। इसके बाद प्रसव पीड़ा से तड़प रही मालती को बाइक पर बैठाकर उसके परिजन गोहद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने मालती को भर्ती करने की बजाय अस्पताल से बाहर कर दिया।
मजबूर होकर परिजन मालती को लेकर अस्पताल के गेट पर बैठे थे और वहीं मालती ने अस्पताल के गेट पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। चार दिन पहले भी भिंड जिले में ही रौन के शासकीय अस्पताल में भी एक प्रसूता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद प्रसूता ने अस्पताल के परिसर में ही बच्ची को जन्म दे दिया था।
(courtesy: naidunia.jagran.com)
ऐसा ही एक मामला जबलपुर के सिहोरा में सामने आया, जहां गर्भवती महिला रिंकी लोधी को 108 एंबुलेंस गोसलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो लेकिन वहां ताला लगा मिला। ऐसे में महिला ने एंबुलेंस में ही बच्ची को जन्म दिया।
वहीं दूसरी जगह सिहोरा में अस्पताल में ताला लगा होने के कारण गर्भवती महिला की डिलीवरी अस्पताल के बाहर ही हो गई।
(Courtesy: The Indian Iris)
भिंड के मामले में मिलहनपुरा निवासी मालती को बुधवार की शाम प्रसव पीड़ा शुरू होने पर गांव की सुषमा ने जननी एक्सप्रेस को बुलाने के लिए भोपाल फोन लगाया, लेकिन उससे कहा गया कि जननी एक्सप्रेस फ्री नहीं है। इसके बाद प्रसव पीड़ा से तड़प रही मालती को बाइक पर बैठाकर उसके परिजन गोहद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने मालती को भर्ती करने की बजाय अस्पताल से बाहर कर दिया।
मजबूर होकर परिजन मालती को लेकर अस्पताल के गेट पर बैठे थे और वहीं मालती ने अस्पताल के गेट पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। चार दिन पहले भी भिंड जिले में ही रौन के शासकीय अस्पताल में भी एक प्रसूता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया था जिसके बाद प्रसूता ने अस्पताल के परिसर में ही बच्ची को जन्म दे दिया था।
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ऐसा ही एक मामला जबलपुर के सिहोरा में सामने आया, जहां गर्भवती महिला रिंकी लोधी को 108 एंबुलेंस गोसलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो लेकिन वहां ताला लगा मिला। ऐसे में महिला ने एंबुलेंस में ही बच्ची को जन्म दिया।