मध्यप्रदेश में कुपोषण की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी ऐसे प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जो जमीनी स्थिति में सुधार कर सकें।
हालात ये हो गई है कि ग्रामीण इलाकों में कुपोषण के शिकार बच्चों का इलाज गर्म चाकू से दागकर किया जा रहा है। कहीं-कहीं लोग कुपोषित बच्चों को लहसुन की माला पहना रहे हैं। जाहिर है, इन उपायों से बच्चों की हालत और बिगड़ती जा रही है।
(Courtesy: Bhopal Samachar)
सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति आदिवासी बच्चों की है। खंडवा में एक कुपोषित बच्चे को पेट पर गर्म चाकू से 50 बार दागने का मामला सामने आया है।
खंडवा के ग्राम माथनी में ढाई साल के परस को हालत बिगड़ने पर बालशक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस बच्चे को 8 सितंबर को रोशनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बालशक्ति केंद्र लाया गया था। इसके पेट पर गर्म चाकू से करीब 50 दाग लगाए गए थे।
खालवा ब्लॉक समेत कई इलाकों में कुपोषित बच्चों का इलाज डॉक्टरों से न होने के कारण तांत्रिक ही उन पर अपने हाथ आजमाते हैं, और अमानवीय तथा हिंसक और जानलेवा उपाय अपना रहे हैं।
बालशक्ति केंद्र में भर्ती ग्राम आवलिया निवासी 5 साल का युवराज गले में लहसुन की माला डाले है। उसकी मां को लगता है कि लहसुन की माला पहनाने से बच्चे की बीमारी दूर हो जाएगी और वह तंदरुस्त हो जाएगा। युवराज को शनिवार से बाल शक्ति केंद्र में भर्ती है।
इलाके में कुपोषण की स्थिति इतनी गंभीर होती जा रही है कि इस समय बालशक्ति केंद्र में 20 कुपोषित बच्चे भर्ती हैं।
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए तमाम योजनाएं हैं और अच्छा-खासा बजट भी आवंटित किया जाता है, लेकिन वह सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। इसी कुपोषित मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वाद लेने निकले हैं।
हालात ये हो गई है कि ग्रामीण इलाकों में कुपोषण के शिकार बच्चों का इलाज गर्म चाकू से दागकर किया जा रहा है। कहीं-कहीं लोग कुपोषित बच्चों को लहसुन की माला पहना रहे हैं। जाहिर है, इन उपायों से बच्चों की हालत और बिगड़ती जा रही है।
(Courtesy: Bhopal Samachar)
सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति आदिवासी बच्चों की है। खंडवा में एक कुपोषित बच्चे को पेट पर गर्म चाकू से 50 बार दागने का मामला सामने आया है।
खंडवा के ग्राम माथनी में ढाई साल के परस को हालत बिगड़ने पर बालशक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस बच्चे को 8 सितंबर को रोशनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बालशक्ति केंद्र लाया गया था। इसके पेट पर गर्म चाकू से करीब 50 दाग लगाए गए थे।
खालवा ब्लॉक समेत कई इलाकों में कुपोषित बच्चों का इलाज डॉक्टरों से न होने के कारण तांत्रिक ही उन पर अपने हाथ आजमाते हैं, और अमानवीय तथा हिंसक और जानलेवा उपाय अपना रहे हैं।
बालशक्ति केंद्र में भर्ती ग्राम आवलिया निवासी 5 साल का युवराज गले में लहसुन की माला डाले है। उसकी मां को लगता है कि लहसुन की माला पहनाने से बच्चे की बीमारी दूर हो जाएगी और वह तंदरुस्त हो जाएगा। युवराज को शनिवार से बाल शक्ति केंद्र में भर्ती है।
इलाके में कुपोषण की स्थिति इतनी गंभीर होती जा रही है कि इस समय बालशक्ति केंद्र में 20 कुपोषित बच्चे भर्ती हैं।
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए तमाम योजनाएं हैं और अच्छा-खासा बजट भी आवंटित किया जाता है, लेकिन वह सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। इसी कुपोषित मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वाद लेने निकले हैं।