भारत के सबसे बदनाम बिल्डर से नीतीश कुमार का क्या है रिश्ता?

Written by Dilip Mandal | Published on: August 10, 2018
2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने जहानाबाद लोकसभा सीट का जेडीयू का टिकट अनिल शर्मा को थमा कर सबको दिया था। पार्टी की लोकल इकाई में बग़ावत हो गई। अनिल शर्मा बिहार में चुनाव लड़ने वाला अब तक का सबसे अमीर कैंडिडेट था।



लेकिन अनिल शर्मा है कौन?

जाति- भूमिहार.
काम- बिल्डर का.
विशेष उपलब्धि - अनिल शर्मा के आम्रपाली ग्रुप ने कुछ साल पहले सपने बेचने का काम शुरू किया। घर का सपना। साठ हज़ार से ज़्यादा लोगों ने अनिल शर्मा को रुपए दे दिए कि अनिल घर बनाकर देगा। लेकिन अनिल के इरादे तो कुछ और थे। उसने कुछ घर तो बनाए, लेकिन लगभग 40,000 घर बनाए ही नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कल कहा कि अनिल का ग्रुप अपना सब कुछ बेचकर ग्राहकों के पैसे लोटाए। बीजेपी का गौरव भाटिया उसका वकील है।

बहरहाल बात जहानाबाद चुनाव की।

बताते है कि इस सीट का सौदा 100 करोड़ रुपए में हुआ। इलेक्शन एफिडेविट में अनिल शर्मा ने अपनी जायदाद 850 करोड़ रुपए बताई। अनिल शर्मा ने पैसा पानी की तरह बहाया। नीतीश कुमार ने ख़ुद जहानाबाद में वोट माँगे। पर अनिल बुरी तरह हार गए। उसे सिर्फ एक लाख वोट मिले और उसकी जमानत जब्त हो गई।

चुनावी ख़र्च ने उनकी बची-खुची कमर तोड़ दी। आम्रपाली ग्रुप अब लगभग दीवालिया है। कंपनी की देनदारी 19,500 करोड़ रु से ज़्यादा है। कंपनी के CEO और अनिल का साला ह्रितिक सिन्हा एक बार जेल हो आए हैं। अनिल शर्मा और ग्रुप के दो अन्य डायरेक्टर के पासपोर्ट ज़ब्त कर लिए गए हैं ताकि वे विदेश न भाग जाएँ।

कंपनी के ब्रैंड एंबेसडर महेंद्र सिंह धोनी ने आम्रपाली के लिए प्रचार करने से मना कर दिया है। इनका ऑफ़िस सील हो चुका है। अनिल शर्मा के खिलाफ 406 और 420 में FIR दर्ज है। कंपनी का डायरेक्टर निशान्त मुकुल एक दफ़ा गिरफ़्तार हो चुका है।

यह भारत का सबसे बड़ा हाउसिंग घोटाला है। इसके तार नीतीश कुमार और जेडीयू से जुड़े हैं। भारत के सबसे बदनाम बिल्डर को टिकट देकर नीतीश ने अपनी राजनीति की लाज बचा ली।

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