हेच स्पीच मामले में आजम खान बरी, इसी केस में गई थी विधायकी.. छिन गया था वोट का अधिकार...

Written by Navnish Kumar | Published on: May 24, 2023
"दिग्गज सपा नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है। उन्हें जिस हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा हुई थी और विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई थी। वोट का अधिकार भी छिन गया था, उस केस में एमपी-एमएलए  कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से आजम खान को बड़ी राहत मिली है। हालांकि उनकी विधायकी वापस मिल पाएगी, को लेकर संशय है।"



जानकारी के अनुसार, भड़काऊ भाषण देने के मामले में आज़म खान को एपी-एमएलए कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2022 को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आजम खां की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। वहीं, आजम खान के वोट देने का अधिकार भी छिन गया था।

बुधवार को रामपुर की सेशन कोर्ट में आजम खान के हेट स्पीच मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट की तरफ से आजम को इसमें राहत मिली और उन्हें बरी कर दिया गया। इससे पहले पिछले साल 27 अक्टूबर 2022 को निचली अदालत ने हेट स्पीच केस में आजम को 3 साल कैद की सजा सुनाई थी। आजम से जुड़ा यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है। उन्हें 153A, 505A और 125 के तहत दोषी करार दिया गया था। आजम को सजा के बाद उनकी विधायकी भी रद्द हो गई और फिर हुए रामपुर उपचुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने सपा के आसिम रजा को हराकर पहली बार कमल खिलाया।

2019 के चुनाव में आजम खुद रामपुर लोकसभा से प्रत्याशी थे। उन्होंने कथित तौर पर पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसके साथ ही जिलाधिकारी और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भी हेट स्पीच का आरोप लगा था। वीडियो अवलोकन टीम की तरफ से प्रभारी अनिल चौहान ने आजम खां पर एफआईआर दर्ज कराई थी। आजम ने यह चुनाव जीत लिया था। हालांकि 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान रामपुर विधानसभा सीट से लड़ने की वजह से उन्होंने सांसदी छोड़ दी थी। रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को हार मिली। फिर हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा की वजह से आजम की विधायकी भी रद्द हो गई थी। यहां विधानसभा उपचुनाव में भी सपा को हार मिली।

आज़म खान के वकील विनोद शर्मा ने कहा- पिछले साल 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद विधानसभा ने उनकी विधायकी रद्द कर दी थी। शर्मा ने बताया, 'यह 185/2019 क्राइम नंबर का मुकदमा था, जिसकी हमने अपील फाइल की थी, हमें लोअर कोर्ट से सजा मिली थी, आज अपील में सेशन कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत का जजमेंट गलत था और हेट स्पीच के मामले में बाइज्जत बरी कर दिया है... हमें खुशी है कि हमें इंसाफ मिल गया है।' 

वकील विनोद शर्मा ने बताया, 'आज न्यायालय ने हमें दोषमुक्त किया है, जो प्रॉसीक्यूशन यानी अभियोजन था, वह अपना केस साबित नहीं कर पाया... हमें झूठा फंसाया गया... हमने अपील की थी कि हमें झूठा फंसाया गया है... हमारी बात मानी गई.... यह अपील हमारे फेवर में गई है... अब दोषमुक्त कर दिया है।' हालांकि अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनकी विधायकी, उन्हें वापस मिल सकेगी या नहीं।

क्‍या वापस मिल पाएगी विधायकी? 

अब जब इस मामले में आजम खान बरी हो गए हैं तो कानूनी सवाल उठ रहा है कि क्‍या उन्‍हें अपनी विधायकी वापस मिल पाएगी? फिलहाल इस बारे में किसी पक्ष से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन लोगों के बीच संशय के साथ ही यह चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है। आजम खान के समर्थक और समाजवादी पार्टी नेता इस राहत को न्‍याय की जीत बता रहे हैं। समाजवादी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि बीजेपी सरकार आने के बाद से आजम खान और उनके परिवार को जानबूझकर कानूनी मामलों में उलझाया जा रहा है। इस फैसले के बाद आजम खान समर्थकों ने कहा कि आखिरकार न्‍यायालय से इंसाफ मिला है। 

कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों का जिक्र है। हालांकि जानकारों के अनुसार, सत्र न्यायालय के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत तो मिली, लेकिन उनकी विधायकी की बहाली को लेकर संशय है। क्योंकि छजलैट मामले में मुरादाबाद की अदालत ने आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो साल कैद की सजा सुनाई है। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी भंग कर दी गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि आजम खां की विधायकी बहाल नहीं की जा सकती है!

ये है पूरा मामला

आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण का ये मामला 2019 का है। तब रामपुर की मिलक विधानसभा में एक जनसभा को सम्‍बोधि‍त करते हुए आजम ने कथित रूप से आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्‍पणियां की थीं। रामपुर सीट से आजम की विधायकी जाने के बाद बतौर बीजेपी उम्‍मीदवार जीते वर्तमान विधायक आकाश सक्‍सेना ने ही तब इस मामले की शिकायत की थी। रामपुर MP/MLA कोर्ट ने 27 अक्‍टूबर 2022 को दिए अपने फैसले में आजम खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा दी थी। इस आधार पर आजम खान की विधानसभा सदस्‍यता रद्द कर दी गई थी। निचली अदालत के फैसले से पहले आजम खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन निचली अदालत का फैसला आने के कारण उस याचिका को औचित्‍यहीन बताते हुए खारिज कर दिया गया था। 

सजा के बाद मिल गई थी जमानत

हेट स्‍पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान को जमानत मिल गई थी। लेकिन उनकी विधानसभा सदस्‍यता चली गई थी। इसके बाद रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्‍मीदवार आकाश सक्‍सेना ने जीत हासिल की।

आजम खान ने कहा क्या था? 

आजम खान के खिलाफ साल 2019 के अप्रैल महीने में एक FIR दर्ज हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आजम खान ने एक भाषण में कहा था कि मोदी जी आपने हिंदुस्तान में ऐसा माहौल बना दिया है जिससे मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है। अपने विरोधी कांग्रेस प्रत्याशी को भी उन्होंने कथित तौर पर अपशब्द कहा था। आरोप था कि जिलाधिकारी के परिवार वालों के खिलाफ भी आजम खां ने अपशब्द कहे थे। कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुना दी थी।

फैसला आने के बाद बीजेपी का रिएक्शन

फैसला आने के बाद बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि आजम खान को तीन साल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उनकी विधायकी चली गई थी, कानून और संविधान की सभी को हक देता है कि वह अपने हक के लिए ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है, कानून के मुताबिक सजा मुकर्रर होते ही तुरंत सदस्यता खत्म की जाएगी, सपा को चाहिए कि वो पहले कानून को पढ़े उसके बाद अपनी मांग रखे।

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