FRA: वनाधिकार नहीं मिलने से दोतरफा मार सहने को मजबूर झारखंड के कुमनी गांव के वनाश्रित किसान

Written by Navnish Kumar | Published on: July 28, 2023
"आजादी के 75 साल बाद भी झारखंड के चैनपुर प्रखंड के कुमनी गांव के लोग जहां ऐतिहासिक अन्याय का शिकार है वहीं वन विभाग की दोहरी मार सहने को भी मजबूर हो रहे हैं। एक ओर उन्हें दावा फार्म भरने के बावजूद, वनाधिकार नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी ओर वन विभाग उन्हें जंगल से भगाने में जुटा है। आलम यह है कि पानी तक की उपलब्धता को लेकर संकट की स्थिति है। कुल मिलाकर, वनाधिकार कानून पर अमल नहीं होने से लोगों के सामने 'क्या खाएं और कहां जाएं', का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।"



कुमनी के इन वन आश्रित किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि अभी हम लोगों दोतरफा मार झेल रहे हैं। एक तरफ वन विभाग और उनके दलाल हम लोगों को परेशान कर रहे हैं और दूसरी तरफ पानी नहीं होने के कारण हम लोग परेशान हैं। वन विभाग बार-बार जमीन खाली करने के लिए धमकी दे रहा है। अब हम लोग जाएं भी तो कहां जाएं। सरकार ध्यान नहीं दे रही है। 

चैनपुर प्रखंड के कुमनी गांव में कोरवा और भुइयां जाति समुदाय के लोग परंपरागत रूप से वन आश्रित है। आज भी इनकी खेती की जमीन जंगल के बीच है और इनकी आजीविका, वन एवं खेती पर ही आधारित है। वन अधिकार कानून के तहत 67 लोगों ने दावा पत्र जमा किया है लेकिन व्यक्तिगत और सामुदायिक (वन) अधिकार मिलना तो दूर, उल्टे वन विभाग इन्हें जंगल से खदेड़ने पर आमादा है। दूसरा, पानी की उपलब्धता को लेकर दिक्कतें अलग है।

बैठक कर बनाई रणनीति

झारखंड मजदूर किसान यूनियन के हेमंत दास एवं लुकस कोरवा ने दावा प्रपत्र जमा करने वाले लोगों के साथ बैठक की जिसमें वनाधिकार कानून के तहत अधिकार नहीं मिलने को लेकर चिंता जताई गई। बैठक के दौरान वन अधिकार समिति कुमनी के अध्यक्ष छठ भुइयां एवं गोपाल कोरवा ने बताया कि हम लोग सभी इस गांव में बाप- दादा के जमाने यानी पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं। और खेती करके अपना परिवार चलाते रहे हैं। कानून आने के बाद हमने दावा पत्र भी जमा किया है। लेकिन हमारे दावा पत्र जमा करने के बाद आधिकारिक रूप से कोई कार्रवाई की सूचना नहीं है। अभी हम लोग दोतरफा मार झेल रहे हैं। एक तरफ वन विभाग और उनके दलाल हम लोगों को परेशान कर रहे हैं और दूसरी तरफ पानी नहीं होने के कारण हम लोग परेशान हैं। वन विभाग बार-बार जमीन खाली करने के लिए धमकी दे रहा है। अब हम लोग जाएं भी तो कहां जाएं? 

उपायुक्त से मिलकर कराएंगे अवगत

झारखंड मजदूर किसान यूनियन के नेता लुकस कोरवा ने बैठक के दौरान सुझाव दिया कि हमारे पलामू जिला के उपायुक्त काफी संवेदनशील हैं। हम लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए उनसे मिलकर अपनी व्यथा से अवगत करा सकते हैं। लुकस कोरवा की बातों पर सहमति जताई। इसी विषय पर विषय गोपाल कोरवा ने यह भी बताया कि चैनपुर प्रखंड के वनाधिकार लाभुक गांव को भी उपायुक्त से मिलने हेतु जागरूक करेंगे। बैठक में चंपा देवी, सुनीता देवी, पन्नावा देवी, देवरतिया देवी, सुदेश्वर भुइयां, लखन भुइयां, बैजनाथ कोरवा, नेपाल कोरवा, शिवपाल कोरवा, बाबूलाल कोरवा, तपेश्वर भुइयां सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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