नई दिल्ली। अपनी धारदार लेखनी के लिए चर्चित वरिष्ठ पत्रकार, बहुजन विचारक और इंडिया टुडे के पूर्व मैनेजिंग एडिटर दिलीप मंडल की सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर वापसी हो गई है। उनकी वापसी से देश के बहुजनों में जहां खुशी की लहर है। कई समर्थक उनके स्वागत में कमेंट्स कर रहे हैं। वहीं मंडल ने प्रतिबंध के एक सप्ताह के बाद अभिव्यक्ति आजादी और बहुजनों के हित में शानदार पोस्ट लिखी है। बता दें कि 7 जुलाई को फेसबुक इंडिया ने उनका अकाउंट बंद कर दिया था। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होने क्या लिखा, नीचे पढ़ें-
“मैं अपनी फेसबुक प्रोफाइल बहुजन मीडिया को सौंपता हूं। फेसबुक से पंगा लेने के कई साइड इफेक्ट हैं। भारत के प्रभुत्वशाली वर्ग से पंगा लेने के भी वही साइड इफेक्ट हैं। वे किसी को नहीं छोड़ते। वे बहुत हिंसक और क्रूर है। आपकी आवाज बंद करने की हर कोशिश की जाती है। पहुंच घटा दी जाती है। आपको ब्लॉक कर दिया जाता है। एकाउंट सस्पेंड हो सकता है। लिंक शेयर करने पर रोक लगाई जाती है। पोस्ट बिना कारण बताए गायब कर दी जाती है।
हजारों लोगों के साथ यह हो चुका है। एक भी दंगाई पेज बंद नहीं हुआ। दर्जनों बहुजन पेज बंद हो चुके हैं। यह सोची-समझी साजिश के तहत होता है। तमाम स्थितियों पर विचार करने के बाद मेरी यह राय बनी है कि फेसबुक पर मैं वही करूंगा, जो फेसबुक नहीं चाहता, लेकिन जो मुझे करना चाहिए। फेसबुक पर मैं बहुजनों के हित की खबरें शेयर करूंगा।
बस, इतना ही। अपनी ओर से शायद कुछ न लिखूं। अगर आपको भी भी लगता है कि कोई खबर मुझे शेयर करनी चाहिए तो मुझे इनबॉक्स करें।
अपना फेसबुक प्रोफाइल बहुजन मीडिया के संचालकों को इसलिए सौंप रहा हूं क्योंकि यह समाज की ही चीज है। समाज ने इसे बनाया है।इसलिए इसका मालिकाना उनका ही है।
बहरहाल, मेरा यह फैसला अगर फेसबुक को यह पसंद नहीं है, तो उसे जो करना है, दोबारा कर दे। हम फेसबुक से पहले भी थे और बाद में भी रहेंगे। यह बहुत मामूली चीज है।
इस बीच मैं ट्विटर @dilipmandal पर हूं। जहां तेजी से लोग मुझसे जुड़ रहे हैं। यूट्यूब पर भी आ रहा हूं। अगर मुझे एक ऐसे कमरे में बंद कर दिया जाए, जहां कई फुट मोटी कंक्रीट की दीवार हो और आवाज बाहर न जाए, तब भी मैं अपनी बात बोलूंगा। मेरे लिए मेरे होने का यही मतलब है।”
Courtesy: National Dastak
हजारों लोगों के साथ यह हो चुका है। एक भी दंगाई पेज बंद नहीं हुआ। दर्जनों बहुजन पेज बंद हो चुके हैं। यह सोची-समझी साजिश के तहत होता है। तमाम स्थितियों पर विचार करने के बाद मेरी यह राय बनी है कि फेसबुक पर मैं वही करूंगा, जो फेसबुक नहीं चाहता, लेकिन जो मुझे करना चाहिए। फेसबुक पर मैं बहुजनों के हित की खबरें शेयर करूंगा।
बस, इतना ही। अपनी ओर से शायद कुछ न लिखूं। अगर आपको भी भी लगता है कि कोई खबर मुझे शेयर करनी चाहिए तो मुझे इनबॉक्स करें।
बहरहाल, मेरा यह फैसला अगर फेसबुक को यह पसंद नहीं है, तो उसे जो करना है, दोबारा कर दे। हम फेसबुक से पहले भी थे और बाद में भी रहेंगे। यह बहुत मामूली चीज है।
इस बीच मैं ट्विटर @dilipmandal पर हूं। जहां तेजी से लोग मुझसे जुड़ रहे हैं। यूट्यूब पर भी आ रहा हूं। अगर मुझे एक ऐसे कमरे में बंद कर दिया जाए, जहां कई फुट मोटी कंक्रीट की दीवार हो और आवाज बाहर न जाए, तब भी मैं अपनी बात बोलूंगा। मेरे लिए मेरे होने का यही मतलब है।”
Courtesy: National Dastak