UPSC कर रहा SC/ST OBC की सीट चोरी, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने खोली पोल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 18, 2021
संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी के 2019 के नतीजों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसे एक बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल पिछले साल अगस्त के बाद से जनवरी में सोशल मीडिया पर एक्टिव हुए हैं। यहां आमद दर्ज कराते ही उन्होंने यूपीएससी पर गंभीर आरोप लगाया है कि वह SC/ST OBC की सीटें बड़ी ही चालाकी से चोरी कर रहा है। इसे लेकर उन्होंने शनिवार व रविवार शाम फेसबुक लाइव कर बताया था। 



वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल का शनिवार शाम का फेसबुक लाइव यहां देख सकते हैं



दिलीप मंडल ने समझाया कि किस तरह से यूपीएससी ने 927 सीटों के बजाय सिर्फ 829 नतीजे घोषित किये और बाकी पर नियुक्ति करने में आरक्षित वर्गों की सीटें, सवर्णों को दी जा रही है। इसे लेकर शनिवार शाम किये गए फेसबुक लाइव के बाद देर रात यूपीएससी ने सफाई जारी की थी। इसे शेयर कर उन्होंने कुछ प्वाइंट बनाकर जनता के लिए सवाल छोड़े हैं। 

यूपीएससी की सफाई पर दिलीप मंडल लिखते हैं...

इसमें मुझे ये बिंदु महत्वपूर्ण लगते हैं। 
1. यूपीएससी कह रहा है हमने कुछ नहीं किया। ये तो केंद्र सरकार की नीति है। हमसे जो करने को कहा गया वो हमने किया। 
2. ये सब बहुत दिनों से चल रहा है। वर्तमान कमीशन का इसमें कोई दोष नहीं है।
3. हम जो रिज़र्व लिस्ट बनाते हैं वो वेटिंग लिस्ट नहीं है। इसका मतलब है कि हम इस लिस्ट के नाम पहले से सार्वजनिक नहीं कर सकते।
4. हम सरकार के जिस नियम को लागू कर रहे हैं, उसमें हम जनरल यानी अनरिजर्व मेरिट में आए SC, ST, OBC के कैंडिडेट को मजबूर कर रहे हैं कि अच्छी सर्विस के लिए वह अपनी कैटेगरी में लौट जाए। 
5. इस तरह खाली होने वाली सीटों को हम कटेगरी से नहीं, जनरल मेरिट लिस्ट से भर रहे हैं। अगर ऐसा करने से अनरिजर्व कटेगरी अपर कास्ट कटेगरी बन जा रही है तो उसका ज़िम्मेदार सरकार की नीति है। यूपीएससी को दोष मत दीजिए। 
आपको और क्या दिख रहा है यूपीएससी की सफ़ाई में, कृपया बताएँ।




यूपीएससी की सफाई के बाद रविवार शाम किए गए फेसबुक लाइव में दिलीप मंडल कहते हैं कि इंदिरा साहनी केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि यह कम्युनल रिजर्वेशन नहीं है। हो सकता है कि आरक्षित वर्ग के कुछ लोग मेरिट में आ जायें, ऐसे में उन्हें जनरल कैटेगरी में माना जायेगा न कि आरक्षित वर्ग की। इस आधार पर आरक्षित वर्ग की सीटें कम नहीं की जा सकतीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस आलोक में कई और फ़ैसले किये हैं। लेकिन यूपीएससी लगातार ये काम कर रही है।

यूपीएससी ने इस मामले में सफ़ाई दी है कि नियम केंद्र सरकार ने बनायें हैं जिसके तहत ऐसा हो रहा है और काफ़ी दिनों से ऐसा चल रहा है। ज़ाहिर है,अपराध केंद्र के इशारे पर हो रहा है और काफ़ी दिनों से चलने वाला ज़ुल्म सही नहीं हो जाता। लोगों को देर से समझ में आया है तो वे विरोध कर रहे हैं। यूपीएससी का यह नियम राज्य भी लागू करेंगे और आरक्षित वर्गों की हज़ारों सीटें ख़त्म हो जाएंगी। यह रिज़र्व कैटेगरी को जनरल कैटेगरी बनाने का षड़यंत्र है।

यूपीएससी की सफाई के बाद रविवार शाम का दिलीप मंडल का फेसबुक लाइव यहां देखा जा सकता है..



 

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