ट्विटर इंडिया के MD महेश माहेश्वरी को दिलीप मंडल की सीधी चेतावनी, ट्रेंड हुआ ‪#‎casteisttwitter‬

Written by sabrang india | Published on: November 2, 2019
नई दिल्ली। बहुजन चिंतक और प्रोफेसर दिलीप मंडल ट्विटर ने प्रतिबंध लगा दिया था. दिलीप मंडल को ट्विटर पर कुछ भी लिखने या पोस्ट करने से प्रतिबंधित किया गया था. इसे लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर दिलीप मंडल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी, साथ ही उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी लगाया है, जिसकी वजह से ट्विटर ने प्रतिबंध लगाया. ये ट्वीट 1 मार्च 2019 को किया गया था. इसके बाद दिलीप मंडल ने ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी पर जातिवाद का सीधा आरोप लगाते हुए इंडिया के ट्रेंड को ही बदल दिया। 



दरअसल, दिलीप मंडल के ट्विटर पर रिस्ट्रिक्शंस लगाते हुए ट्विटर की तरफ से भेजे गए ईमेल में कहा गया था कि हमें पता चला है कि इस ट्विटर अकाउंट ने नियम तोड़े हैं. खासकर ‘निजता के हनन’ का नियम। साथ ही ये कहा गया है कि कोई भी किसी की बिना इजाजत उसकी निजी जानकारी शेयर नहीं कर सकता है।

दिलीप मंडल ने उस पोस्ट का स्क्रीनशॉट अपने फेसबुक पर शेयर किया, जिसकी वजह से उनके ट्विटर अकाउंट पर कई पाबंदियां लगा दी गई थीं.

1 मार्च 2019 को प्रोफेसर दिलीप मंडल ने ट्वीट किया था, ‘‘2019 लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन एजेंडा छुप चुका है। इसे तमाम राजनीतिक दलों को दिया जाएगा। जो मित्र इसकी कॉपी बंटवाना और छपवाना चाहते हैं वे इसकी फाइल के लिए jaihindazadhind@gmail.com पर संपर्क करें।’’

इस ट्वीट में दिए गए ईमेल आईडी की वजह से ट्विटर ने ‘निजता के हनन’ का हवाला देते हुए दिलीप मंडल के ट्विटर अकाउंट पर कई तरह की पाबंदियां लगा दीं। मसलन, वह ट्वीट नहीं कर सकते। उन्हें कोई फॉलो नहीं कर सकता और वे भी किसी को फॉलो नहीं कर सकते। ऐसे में दिलीप मंडल के समर्थन में सोशल मीडिया से जुड़े लोग उतर पड़े और ट्रेंड सेट होते गए। 

इसके बाद प्रोफेसर दिलीप मंडल ने अपना अकाउंट वापस देने की अपील की और ट्विटर पर ‪#‎RestoreDilipMandal‬ ट्रेंड करने लगा। इसके बाद दिलीप मंडल का अकाउंट दोबारा शुरू कर दिया गया। इस बीच प्रो. मंडल ने ट्विटर इंडिया को चेतावनी दी कि जिस कंटेंट के लिए उनका अकाउंट बंद किया गया था वे उसे नहीं हटाएंगे, चाहे ट्विटर इंडिया के एमडी को हटना पड़े। 



इसके बाद ट्विटर पर #SackManishMaheshwari टॉप इंडिया ट्रेंड में आ गया लेकिन टॉप पर आते ही यह हटा लिया गया। 

बता दें कि ट्विटर पर काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि वह सत्ता विरोधी चीजों को आपत्तिजनक बताकर अकाउंट सस्पेंड कर देता है। ऐसे मामले दलित विचारकों के साथ बहुतायात में नजर आते हैं। ऐसे में दिलीप मंडल पहले से ही सीधे तौर पर आरोप लगाते रहे हैं कि ट्विटर के इंडिया ऑफिस में बैठे लोग पूरी तरह जातिवादी हैं और वे बहुजनों की आवाज को दबाने के पूरे प्रयत्न में रहते हैं। 

इस बार प्रोफेसर दिलीप मंडल का अकाउंट प्रतिबंधित हुआ तो वे फेसबुक पर पूरी तरह से ट्विटर इंडिया के अंदर फैले जातिवाद से खुली लड़ाई लड़ने सामने आ गए हैं। हालांकि उनका अकाउंट फिर से एक्टिवेट कर दिया गया है लेकिन इस बार उन्होंने सवाल उठाया है कि उन्हें और उनके जैसे दलित बहुजन बुद्धिजीवियों को ट्विटर ने वैरीफाई क्यों नहीं किया है। इसे लेकर ट्विटर पर ‪#‎casteisttwitter‬ नंबर वन ट्रेंड कर गया है। 



इसके साथ ही दिलीप मंडल ने मांग की है कि, ''500 SC-ST-OBC के गैर-राजनीतिक लोगों के नाम बताइए जिन्हें ट्विटर को तत्काल वेरिफाई करना चाहिए. लाखों सवर्णों को ट्विटर वाले वेरिफाई कर चुके हैं. बहुजन लोग हमेशा दूसरों के लिए ताली बजाने के लिए नहीं जन्मे हैं. वे भी मुंह में जुबां रखते हैं. #CasteistTwitter''

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