मृतक मेघवाल का परिवार पिछले दो महीने से न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है। उनकी मांग है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
बालोतरा के असाड़ा निवासी 29 वर्षीय विशनाराम मेघवाल की हत्या को दो महीने बाद भी मुख्य आरोपी हर्षदान चारण पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पीड़ित परिवार और समाज के लोगों का कहना है कि लगातार प्रयासों और प्रशासन से अपील के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने 3 फरवरी से बालोतरा कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, विशनाराम मेघवाल 10 दिसंबर 2024 को बालोतरा में हंसराज मेघवाल के घर शादी समारोह में टेंट, लाइट और डेकोरेशन का काम करने गए थे। उसी गली में रहने वाला हर्षदान चारण, जो बालोतरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है और जिस पर 15-20 आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहां पहुंचा और विशनाराम से हफ्ता वसूली के पैसे मांगने लगा। जब विशनाराम ने पैसे देने से मना किया, तो हर्षदान ने गुस्से में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
विशनाराम ने जब इसका विरोध किया और पूछा कि उसे थप्पड़ क्यों मारा गया तो आरोपी ने चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले के दौरान दो चाकू पेट में और एक दिल पर लगा जिससे विशनाराम गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोग उन्हें बालोतरा नाहटा हॉस्पिटल ले गए जहां से जोधपुर रेफर कर दिया गया लेकिन रास्ते में पचपदरा के पास विशनाराम ने दम तोड़ दिया।
रिपोर्ट के अनुसार हत्या की वारदात के बाद परिजन और समाज के लोग बालोतरा मोर्चरी के बाहर चार दिन तक धरने पर बैठे। पुलिस प्रशासन, संभागीय आयुक्त, आईजी, एसपी और कलेक्टर से संघर्ष समिति की वार्ता हुई, जिसमें प्रशासन ने आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया।
इस घटना को करीब दो महीने बीत चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पीड़ित परिवार और समाज के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार एसपी, डिप्टी और कलेक्टर से मुलाकात की लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। परिजनों ने कलेक्टर को सात दिन का अल्टीमेटम भी दिया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार ने न्याय की मांग के संबंध में SC आयोग, मानवाधिकार आयोग और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल से मुलाकात की। सभी ने शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मंगलवार को संसद में भाषण देते हुए बाड़मेर के सांसद उम्मेदा राम बेनिवाल ने भी इस मुद्दे को उठाया।
पुलिस और प्रशासन की लापरवाही से परेशान परिवार और समाज के लोग 3 फरवरी से कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। धरने में शामिल लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन आरोपी को बचाने में जुटे हुए हैं। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी गिरफ्तारी नहीं होती, तो आंदोलन को और तेज और बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
न्याय की उम्मीद में परिवार अब भी संघर्ष कर रहा है। उनकी एकमात्र मांग है कि आरोपी को जल्दी गिरफ्तार किया जाए और विशनाराम मेघवाल को न्याय दिया जाए।
बालोतरा में इस हत्याकांड को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है और अब सभी लोग प्रशासन की ओर देख रहे हैं कि आरोपी को पुलिस कब तक गिरफ्तार करती है।
बालोतरा के असाड़ा निवासी 29 वर्षीय विशनाराम मेघवाल की हत्या को दो महीने बाद भी मुख्य आरोपी हर्षदान चारण पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पीड़ित परिवार और समाज के लोगों का कहना है कि लगातार प्रयासों और प्रशासन से अपील के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने 3 फरवरी से बालोतरा कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, विशनाराम मेघवाल 10 दिसंबर 2024 को बालोतरा में हंसराज मेघवाल के घर शादी समारोह में टेंट, लाइट और डेकोरेशन का काम करने गए थे। उसी गली में रहने वाला हर्षदान चारण, जो बालोतरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है और जिस पर 15-20 आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहां पहुंचा और विशनाराम से हफ्ता वसूली के पैसे मांगने लगा। जब विशनाराम ने पैसे देने से मना किया, तो हर्षदान ने गुस्से में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
विशनाराम ने जब इसका विरोध किया और पूछा कि उसे थप्पड़ क्यों मारा गया तो आरोपी ने चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले के दौरान दो चाकू पेट में और एक दिल पर लगा जिससे विशनाराम गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोग उन्हें बालोतरा नाहटा हॉस्पिटल ले गए जहां से जोधपुर रेफर कर दिया गया लेकिन रास्ते में पचपदरा के पास विशनाराम ने दम तोड़ दिया।
रिपोर्ट के अनुसार हत्या की वारदात के बाद परिजन और समाज के लोग बालोतरा मोर्चरी के बाहर चार दिन तक धरने पर बैठे। पुलिस प्रशासन, संभागीय आयुक्त, आईजी, एसपी और कलेक्टर से संघर्ष समिति की वार्ता हुई, जिसमें प्रशासन ने आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया।
इस घटना को करीब दो महीने बीत चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पीड़ित परिवार और समाज के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार एसपी, डिप्टी और कलेक्टर से मुलाकात की लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। परिजनों ने कलेक्टर को सात दिन का अल्टीमेटम भी दिया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार ने न्याय की मांग के संबंध में SC आयोग, मानवाधिकार आयोग और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल से मुलाकात की। सभी ने शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मंगलवार को संसद में भाषण देते हुए बाड़मेर के सांसद उम्मेदा राम बेनिवाल ने भी इस मुद्दे को उठाया।
पुलिस और प्रशासन की लापरवाही से परेशान परिवार और समाज के लोग 3 फरवरी से कलेक्टर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। धरने में शामिल लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन आरोपी को बचाने में जुटे हुए हैं। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी गिरफ्तारी नहीं होती, तो आंदोलन को और तेज और बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
न्याय की उम्मीद में परिवार अब भी संघर्ष कर रहा है। उनकी एकमात्र मांग है कि आरोपी को जल्दी गिरफ्तार किया जाए और विशनाराम मेघवाल को न्याय दिया जाए।
बालोतरा में इस हत्याकांड को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है और अब सभी लोग प्रशासन की ओर देख रहे हैं कि आरोपी को पुलिस कब तक गिरफ्तार करती है।