"यूजीसी ने अक्टूबर 2023 में ओबीसी छात्रों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत जूनियर और सीनियर रिसर्च फेलो के लिए फेलोशिप राशि में वृद्धि की थी, लेकिन इस भुगतान को करने के लिए मंत्रालय के पास आवश्यक बजट उपलब्ध नहीं था।”
फोटो साभार : एएनआई/संसद टीवी
लोकसभा में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने मंगलवार 4 फरवरी को बताया कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी समुदायों के शोधार्थियों को जून 2024 से स्कॉलरशिप नहीं मिला है।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के कोझिकोड से सांसद एमके राघवन के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
वीरेंद्र कुमार ने छात्रवृत्ति का भुगतान न होने के कारण का उल्लेख करते हुए कहा कि अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जूनियर और सीनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ और एसआरएफ) के लिए फेलोशिप राशि में वृद्धि की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि को लागू करने के लिए मंत्रालय के पास आवश्यक बजट की कमी थी, जिसके कारण भुगतान में देरी हुई।
उन्होंने कहा, "मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से इस योजना के लिए अतिरिक्त राशि देने की मांग की है। बजट दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि सरकार 2024-25 के संशोधित अनुमानों में इस योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि देने में सक्षम नहीं रही, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आवंटन में वृद्धि की गई है, जो योजना के फंड से तीन गुना ज्यादा है।"
मंत्री ने यह भी कहा कि लाभार्थियों की संख्या 1,338 से बढ़कर 2,271 हो गई है। हालांकि, उनके बयान में इस वृद्धि की समय अवधि का उल्लेख नहीं था।
द वायर ने रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार इस योजना के 2023-24 में पहले से ही 2,000 से अधिक लाभार्थी थे।
ज्ञात हो कि यह योजना ओबीसी समुदायों के उन छात्रों के लिए है, जो विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में पांच साल की अवधि तक एमफिल या पीएचडी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।
सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि जेआरएफ के लिए प्रति माह फेलोशिप राशि 31,000 रुपये से बढ़ाकर 37,000 रुपये कर दी गई है, वहीं एसआरएफ को हर महीने मिलने वाली राशि 35,000 रुपये से बढ़ाकर 42,000 रुपये कर दी गई है।
मंत्री ने कहा कि फेलोशिप में बढ़ोत्तरी और लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि के कारण मंत्रालय जून 2024 तक केवल 54.50 करोड़ रुपये की फेलोशिप वितरित करने में सक्षम था।
वहीं बजट दस्तावेजों से पता चला कि 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, संशोधित अनुमान में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवंटन बढ़ाकर 190.13 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
फोटो साभार : एएनआई/संसद टीवी
लोकसभा में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने मंगलवार 4 फरवरी को बताया कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी समुदायों के शोधार्थियों को जून 2024 से स्कॉलरशिप नहीं मिला है।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के कोझिकोड से सांसद एमके राघवन के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
वीरेंद्र कुमार ने छात्रवृत्ति का भुगतान न होने के कारण का उल्लेख करते हुए कहा कि अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जूनियर और सीनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ और एसआरएफ) के लिए फेलोशिप राशि में वृद्धि की घोषणा की थी। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि को लागू करने के लिए मंत्रालय के पास आवश्यक बजट की कमी थी, जिसके कारण भुगतान में देरी हुई।
उन्होंने कहा, "मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से इस योजना के लिए अतिरिक्त राशि देने की मांग की है। बजट दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि सरकार 2024-25 के संशोधित अनुमानों में इस योजना के लिए अतिरिक्त धनराशि देने में सक्षम नहीं रही, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आवंटन में वृद्धि की गई है, जो योजना के फंड से तीन गुना ज्यादा है।"
मंत्री ने यह भी कहा कि लाभार्थियों की संख्या 1,338 से बढ़कर 2,271 हो गई है। हालांकि, उनके बयान में इस वृद्धि की समय अवधि का उल्लेख नहीं था।
द वायर ने रिपोर्ट के हवाले से लिखा कि मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार इस योजना के 2023-24 में पहले से ही 2,000 से अधिक लाभार्थी थे।
ज्ञात हो कि यह योजना ओबीसी समुदायों के उन छात्रों के लिए है, जो विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में पांच साल की अवधि तक एमफिल या पीएचडी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।
सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि जेआरएफ के लिए प्रति माह फेलोशिप राशि 31,000 रुपये से बढ़ाकर 37,000 रुपये कर दी गई है, वहीं एसआरएफ को हर महीने मिलने वाली राशि 35,000 रुपये से बढ़ाकर 42,000 रुपये कर दी गई है।
मंत्री ने कहा कि फेलोशिप में बढ़ोत्तरी और लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि के कारण मंत्रालय जून 2024 तक केवल 54.50 करोड़ रुपये की फेलोशिप वितरित करने में सक्षम था।
वहीं बजट दस्तावेजों से पता चला कि 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, संशोधित अनुमान में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवंटन बढ़ाकर 190.13 करोड़ रुपये कर दिया गया है।