यूपी : अयोध्या में दलित सुरक्षा गार्ड की पीट-पीटकर हत्या

Written by sabrang india | Published on: February 5, 2025
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान ध्रुव कुमार उर्फ बेचई (60) के रूप में हुई है, जो निर्माणाधीन इमारत की रखवाली कर रहा था।



उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कुछ अज्ञात लोगों ने दलित सुरक्षा गार्ड की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार को मीडिया को ये जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान ध्रुव कुमार उर्फ बेचई (60) के रूप में हुई है, जो निर्माणाधीन इमारत की रखवाली कर रहा था।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना रविवार/सोमवार की दरम्यानी रात को हुई। कुमार को लोहे की रॉड और डंडों से पीटा गया। पुलिस ने बताया कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया और स्थानीय लोगों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुवन कुमार सिंह ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि दलितों से उत्पीड़न या भेदभाव और उनके साथ बदसलूकी का मामला देश भर के विभिन्न हिस्सों से सामने आता रहता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक गांव में 22 वर्षीय दलित महिला की हत्या कर दी गई। उसके परिवार ने कहा कि उसकी आंखें दर्दनाक तरीके से निकाली गईं, उसके जिस्म की हड्डियां तोड़ी गईं और उसके शरीर को रस्सी से कसकर बांध दिया गया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, महिला गुरुवार रात करीब 10 बजे एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए घर से निकली तब से वह लापता थी। जब वह वापस नहीं लौटी, तो उसके परिवार ने गांव में उसकी तलाश की और बाद में शुक्रवार को अयोध्या पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सक्रिय रूप से उसकी तलाश नहीं की।

शनिवार की सुबह, उसके जीजा ने एक सुनसान नहर में उसका निर्वस्त्र शव पाया। परिवार और ग्रामीणों के अनुसार, उसके शरीर पर गहरे घाव के निशान थे, सिर पर गंभीर चोटें और पैर में फ्रैक्चर था।

वहीं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के हीरानगर गांव में दलित बंसाकर समुदाय के ग्रामीणों ने स्थानीय नाइयों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने उनका बाल काटने से इनकार कर दिया।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गांव के नाइयों ने दलित लोगों के बाल काटने और दाढ़ी बनाने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें इसके लिए 10 किलोमीटर दूर टीकमगढ़ शहर जाना पड़ता है। इस भेदभाव से निराश होकर, ग्रामीणों ने पुलिस को दखल देने की मांग की।

गांव की एक महिला ने कहा, “यह सालों से हो रहा है।” “यहां तक कि शादियों और मृत्यु संस्कारों के दौरान भी कोई नाई हमारे काम नहीं करते हैं। हमारे पास जिला मुख्यालय जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।”

बता दें कि पिछले महीने आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के नरसिम्पल्ली गांव में 24 वर्षीय दलित युवक अंजनेयुलु को पिछड़ा वर्ग समुदाय की 17 वर्षीय लड़की के साथ कथित रूप से भाग जाने के कारण बिजली के खंभे से बांध दिया गया, उसके साथ मारपीट की गई और उसे अपमानित किया गया। लड़की के परिवार ने इस जोड़े को पारिगी मंडल के उटुकुरु गांव में खोज निकाला और उन्हें जबरन नरसिम्पल्ली वापस ले आए जहां गुरुवार को बदसलूकी की गई।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के रिश्तेदारों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अंजनेयुलु को बुरी तरह से प्रताड़ित किया। उसे नंगा कर दिया गया, एक गाड़ी से बांध दिया गया, सड़कों पर घुमाया गया और फिर एक बिजली के खंभे से बांध दिया गया। उसे जूतों से पीटा गया, उस पर गोबर का पानी डाला और जातिसूचक गालियां दीं। 

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