कोविड-19 उल्लंघन के कारण अपराध दर में 28% वृद्धि, SC/ST के ख़िलाफ़ अपराध में 9% इज़ाफ़ा: NCRB

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 16, 2021
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने बुधवार को अपनी 2020 की रिपोर्ट जारी की जिसमें 2020 में पर्यावरण से जुड़े अपराधों में हुई भारी बढ़ोतरी का विवरण दिया गया है, जो कि पिछले साल के मुक़ाबले 76.8% बढ़े हैं।



नई दिल्ली। हालिया राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में दर्ज अपराधों के मामलों में 2019 के मुक़ाबले 2020 में 28% की बढ़ोतरी हुई, जो कि बड़े पैमाने पर कोविड-19 लॉकडाउन मानदंडों के उल्लंघन की वजह से हुई। बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक़, 2019 में 51,56,158 के मुक़ाबले 2020 में कुल 66,01,285 अपराध दर्ज किये गये।

इस रिपोर्ट में कहा गया है, "25 मार्च, 2020 से लेकर 31 मई, 2020 तक कोविड-19 महामारी (पहली लहर) के चलते देश में पूरी तरह लॉकडाउन लगा रहा और इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही बेहद सीमित रही।"

इसमें आगे कहा गया है, "महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के ख़िलाफ़ अपराध, चोरी, सेंधमारी, लूट और डकैती के तहत दर्ज मामलों में गिरावट आयी है, जबकि कोविड से जुड़े नियमों को लागू करने के सिलसिले में 'लोक सेवक की ओर से क़ानूनी आदेश की अवज्ञा' (धारा 188 आईपीसी)', 'अन्य आईपीसी अपराध' के और 'अन्य राज्य स्थानीय अधिनियम' के तहत दर्ज मामलों में बढ़ोतरी हुई है।

एससी, एसटी के ख़िलाफ़ अपराध में नौ फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोरी

हालांकि, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के ख़िलाफ़ हुए अपराधों में 2019 के मुक़ाबले 2020 में बढ़ोतरी हुई। अनुसूचित जाति के ख़िलाफ़  हुए अपराधों में 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, यानी 2019 में 45,961 मामलों से बढ़कर 2020 में कुल 50,291 मामले हो गये। इनमें से सबसे ज़्यादा मामले मामूली चोट (32.9 फ़ीसदी या 16,543 मामले) के थे, इसके बाद अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 8.5 फ़ीसदी (4,273 मामले) और आपराधिक धमकी के तहत 7.5 फ़ीसदी (3,788 मामले) दर्ज किये गये। ।

अनुसूचित जनजाति के ख़िलाफ़ अपराध में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई,यानी 2019 में 7,570 से बढ़कर 2020 में कुल 8,272 मामले हो गये। इनमें अनुसूचित जनजाति के ख़िलाफ़ अपराधों के सबसे ज़्यादा (2,247 मामले) मामूली चोट के 27.2% मामले दर्ज किये गये, इसके बाद 13.7 फ़ीसदी (1,137 मामले) बलात्कार और 10.7 फ़ीसदी (885 मामलों) महिलाओं पर होने वाले हमलों के मामले दर्ज किये गये।  

उत्तर प्रदेश (12,714 मामले), बिहार (7,368 मामले) और राजस्थान (7,017 मामले) में अनुसूचित जाति के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गये। अनुसूचित जनजातियों के मामले में सबसे ज़्यादा अपराध मध्य प्रदेश (2,401 मामले), उसके बाद राजस्थान (1,878 मामले) और फिर महाराष्ट्र (663 मामले) में दर्ज किये गये।

महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में गिरावट दिखी

साल 2020 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में गिरावट देखी गयी। 2020 के दौरान महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किये गये, जो 2019 (4,05,326 मामले) के मुक़ाबले 8.3 फ़ीसदी की गिरावट को दिखाता है। हालांकि, इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि लॉकडाउन के चलते भी महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या में कमी हुई हो,आईपीसी के तहत महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के ज़्यादातर मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों ओर से बरती गयी क्रूरता' (30.0%) और उसके बाद होने वाले 'हमले' के तहत दर्ज किये गये थे। इसके बाद 'महिलाओं पर उनका शील भंग करने के इरादे से हुए हमले' (23.0%), 'अपहरण और महिलाओं को भगा ले जाने' (16.8%) और 'बलात्कार' (7.5%) के मामले दर्ज किये गये। 2019 में 62.3 के मुक़ाबले 2020 में प्रति लाख महिला आबादी पर दर्ज अपराध दर 56.5 थी।

सरकार के ख़िलाफ़ अपराध में गिरावट

पिछले कुछ सालों में अधिकारियों की ओर से विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने पर चल रही बहस के बीच एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि सरकार के ख़िलाफ़ अपराधों में 26.7 फ़ीसदी की गिरावट आयी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है,“साल 2019 में 7,656 मामलों के मुक़ाबले 2020 में कुल 5,613 मामले दर्ज किये गये, जो कि  26.7% की कमी को दिखाता है। 5,613 मामलों में से 80.6% मामले सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान की रोकथाम अधिनियम (4,524 मामले) के तहत दर्ज किये गये। इसके बाद 796 (14.2%) मामले ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किये गये।”  

पर्यावरण और साइबर से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी

यह रिपोर्ट 2020 में पर्यावरण से जुड़े अपराधों में हुई भारी बढ़ोतरी की ओर भी इशारा करती है। पर्यावरण से जुड़े अपराध 2020 में 76.8% बढ़े।यह साल 2019 में कुल 34,676 मामले थे,जो कि 2020 में बढ़कर 61,767 मामले हो गये।

यह रिपोर्ट बताती है, “2019 में 44,735 मामलों के मुक़ाबले दर्ज किये गये कुल 50,035 मामलों के साथ 2020 में साइबर अपराधों में 11.8% की बढ़ोतरी हुई। “60.2% साइबर अपराध के मामले धोखाधड़ी (50,035 मामलों में से 30,142) और उसके बाद 6.6 प्रतिशत (3,293 मामले) यौन शोषण को के मक़सद से हुए मामले के तौर पर दर्ज किये गये और फिर 4.9 फ़ीसदी (2,440 मामले) जबरन वसूली के थे।”

साभार- NewsClick

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